भारत के श्रद्धालुओं ​​के लिए बड़ी खबर, फिर खुलने जा रहा है करतारपुर कॉरिडोर

Edited By vasudha,Updated: 27 Jun, 2020 01:53 PM

kartarpur corridor is going to open again

पाकिस्तान के विदेश कार्यालय (एफओ) ने शनिवार को बताया कि उसने भारत को बता दिया है कि पंजाब प्रांत के सिख गुरू महाराजा रणजीत सिंह की पुण्यतिथि के अवसर पर वह सोमवार को करतारपुर गलियारा पुन: खोलने के लिए तैयार है...

नेशनल डेस्क: पाकिस्तान के विदेश कार्यालय (एफओ) ने शनिवार को बताया कि उसने भारत को बता दिया है कि पंजाब प्रांत के सिख गुरू महाराजा रणजीत सिंह की पुण्यतिथि के अवसर पर वह सोमवार को करतारपुर गलियारा पुन: खोलने के लिए तैयार है। कोविड-19 वैश्विक महामारी के कारण यह गलियारा पिछले तीन महीने से अस्थायी रूप से बंद है। भारत ने कोरोना वायरस वैश्विक महामारी के मद्देनजर 16 मार्च को पाकिस्तान स्थित करतारपुर साहिब गुरुद्वारा के लिए तीर्थयात्रा और पंजीकरण अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया था। 

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एफओ ने कहा कि विश्वभर में धार्मिक स्थल पुन: खोले जा रहे हैं, ऐसे में पाकिस्तान ने भी सिख श्रद्धालुओं के लिए करतारपुर साहिब गलियारा पुन: खोलने के आवश्यक प्रबंध किए हैं। उसने बताया कि पाकिस्तान ने गलियारा पुन: खोलने के मद्देनजर स्वास्थ्य संबंधी दिशा-निर्देशों का पालन सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) तैयार करने की खातिर भारत को आमंत्रित किया है। दोनों देशों ने नवंबर में पाकिस्तान के गुरुद्वारा करतारपुर साहिब और भारत के गुरदासपुर स्थित डेरा बाबा साहिब को जोड़ने वाला गलियारा श्रद्धालुओं के लिए खोला था। 

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करतारपुर साहिब गुरुद्वारा रावी नदी के पास पाकिस्तान के नारोवाल जिले में स्थित है और डेरा बाबा नानक से करीब चार किलोमीटर दूर हैं। यहां गुरु नानक देव ने अपने जीवन के अंतिम 18 वर्ष बिताए थे। एफओ ने कहा कि करतारपुर गलियारा शांति एवं धार्मिक सद्भावना का असल प्रतीक है और पाकिस्तान की इस ऐतिहासिक पहल की भारत समेत विश्वभर के सिख समुदाय ने प्रशंसा की है। उल्लेखनीय है कि भारत ने पाकिस्तान के साथ राजनयिक संबंधों को बड़े पैमाने पर कमतर करते हुए उससे मंगलवार को कहा था कि वह यहां अपने उच्चायोग में कर्मचारियों की संख्या अगले सात दिनों के अंदर 50 प्रतिशत घटाये। 

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साथ ही, विदेश मंत्रालय ने इस्लामाबाद स्थित भारतीय उच्चायोग में इसी अनुपात में अपने कर्मचारियों की संख्या में कटौती करने की भी घोषणा की। भारत ने कहा कि यह फैसला ‘‘जासूसी गतिविधियों'' में पाकिस्तान उच्चायोग के अधिकारियों की कथित संलिप्तता और उनका आतंकवादी संगठनों से संपर्क रखने की घटनाओं पर आधारित है। पिछले साल अगस्त में जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त करने के भारत के फैसले के बाद पाकिस्तान ने इस्लामाबाद में नियुक्त भारतीय उच्चायुक्त को निष्कासित कर राजनयिक संबंधों को कमतर किया था। 

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