Edited By Anu Malhotra,Updated: 24 Jun, 2025 08:47 AM

भारतीय सेना की ताकत में एक और आधुनिक हथियार जुड़ गया है। देश में ही विकसित किया गया ‘नागास्त्र-1R’ अब युद्धक्षेत्र में दुश्मनों के लिए सबसे बड़ा खतरा बनने जा रहा है। यह भारत का पहला स्वदेशी ‘लॉइटरिंग म्यूनिशन’ है, यानी ऐसा हथियार जो दुश्मन के इलाके...
नेशनल डेस्क: भारतीय सेना की ताकत में एक और आधुनिक हथियार जुड़ गया है। देश में ही विकसित किया गया ‘नागास्त्र-1R’ अब युद्धक्षेत्र में दुश्मनों के लिए सबसे बड़ा खतरा बनने जा रहा है। यह भारत का पहला स्वदेशी ‘लॉइटरिंग म्यूनिशन’ है, यानी ऐसा हथियार जो दुश्मन के इलाके में जाकर पहले निगरानी करता है, फिर हवा में ही घात लगाकर हमला करता है। भारतीय सेना को इस आधुनिक हथियार की पहली खेप में 120 यूनिट्स मिल चुकी हैं। यह आपूर्ति नागपुर स्थित सोलर डिफेंस एंड एयरोस्पेस लिमिटेड (SDAL) द्वारा की गई है, जिसे कुल 480 यूनिट्स का ऑर्डर दिया गया है।
दुश्मन की हर हरकत पर नज़र और सटीक हमला
नागास्त्र-1R को इस तरह से डिज़ाइन किया गया है कि यह दुश्मन की नजरों से बचते हुए उनके इलाके में गहराई तक प्रवेश करता है। वहां यह हवा में मंडराता है और जैसे ही सही मौका आता है, यह सटीक निशाना लगाकर लक्ष्य को ध्वस्त कर देता है। खास बात यह है कि यदि मिशन को किसी कारणवश रद्द करना पड़े, तो यह सिस्टम वापस बुलाया जा सकता है और दोबारा उपयोग में लाया जा सकता है।
अद्वितीय कैमरा तकनीक और रात में निगरानी की क्षमता
इस लॉइटरिंग म्यूनिशन में एक 360 डिग्री जिम्बल कैमरा लगा है, जो हर दिशा में नजर रख सकता है। साथ ही, इसमें थर्मल कैमरा लगाने का विकल्प भी है, जिससे यह रात या कम रोशनी में भी दुश्मन की गतिविधियों पर पैनी नजर बनाए रखता है। यह तकनीक इसे विदेशी ड्रोनों की तुलना में न केवल किफायती बनाती है, बल्कि भरोसेमंद भी।
ऊंचाई और रेंज: दुश्मन के रडार से बाहर
नागास्त्र-1R की तकनीक इसे रडार की पकड़ से दूर रखती है। यह 4,500 मीटर से ज्यादा की ऊंचाई तक उड़ान भर सकता है और इसकी ‘मैन-इन-लूप’ रेंज 15 किलोमीटर है। जब इसे ऑटोनोमस मोड पर ऑपरेट किया जाता है, तो यह 30 किलोमीटर तक जाकर दुश्मन पर नजर रख सकता है। यह लगातार 60 मिनट तक हवा में बना रह सकता है, जो कि किसी भी निगरानी ऑपरेशन के लिए बेहद कारगर है।
इस हथियार प्रणाली में 80% से ज्यादा पुर्जे स्वदेशी हैं, और यह देश की आत्मनिर्भर रक्षा नीति की दिशा में एक अहम कदम है। कई विदेशी सिस्टम में यह सुविधा नहीं होती कि मिशन को रद्द कर हथियार को दोबारा इस्तेमाल किया जा सके। यही वजह है कि नागास्त्र-1R न सिर्फ रणनीतिक रूप से असरदार है, बल्कि इसे तकनीकी और आर्थिक दोनों मोर्चों पर एक बड़ी कामयाबी माना जा रहा है।