Edited By Anil dev,Updated: 21 Apr, 2021 06:55 PM
कोरोना की दूसरी लहर ने पूरे देश को हिला कर रख दिया है। देश का हर राज्य इस बीमारी के साथ संघर्ष कर रहा है। मरीज इतने ज्यादा हो गए हैं कि आई.सी.यू. बैड, दवाएं आक्सीजन और वेंटिलेटर, इन चीजें के लिए लोग गुहार लगाते नजर आ रहे हैं। वहीं यह जानना बहुत...
नेशनल डेस्क: कोरोना की दूसरी लहर ने पूरे देश को हिला कर रख दिया है। देश का हर राज्य इस बीमारी के साथ संघर्ष कर रहा है। मरीज इतने ज्यादा हो गए हैं कि आई.सी.यू. बैड, दवाएं आक्सीजन और वेंटिलेटर, इन चीजें के लिए लोग गुहार लगाते नजर आ रहे हैं। वहीं यह जानना बहुत जरूरी है कि इनकी वास्तव में जरूरत कब और क्यों पड़ती है।
80 से 85 फीसदी मरीज ठीक हो जाते है
कोविड विशेषज्ञ गंगाराम अस्पताल के डॉ अतुल गोगिया ने कहा कि पहले सप्ताह के अंत में और दूसरे सप्ताह की शुरुआत में कोरोना अधिक खतरनाक होता है। उन्होंने बताया कि पहले सप्ताह में 80 से 85 फीसदी मरीज ठीक हो जाते हैं लेकिन कुछ लोगों में यह बीमारी दूसरे हफ्ते में चली जाती है। उनके लक्षण बढ़ जाते हैं, बुखार कम नहीं होता है। खांसी रुकती नहीं है। सांस की तकलीफ भी बढ़ जाती है। ऐसे मामलों में, लोगों को अधिक अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता होती है। डॉ नीरज ने कहा कि पहले सप्ताह में अस्पताल में भर्ती नहीं होना चाहिए क्योंकि पहले सप्ताह में 80 से 85 प्रतिशत मरीज ठीक हो जाते हैं। अगर ऐसे लोगों को भर्ती कर लिया जाता है तो अस्पताल के बिस्तर भर जाएंगे। उस मामले में घर में रहकर अपना ध्यान देना चाहिए।
ऑक्सीजन सिलेंडर की जरूरत कब पड़ती है?
जब कोरोना का मरीज क्रिटिकल स्टेज में पहुंच जाता है तो उसको सांस लेने में दिक्कत होती है। ऐसे में उसे ऑक्सिजन सिलेंडर लगाया जाता है। आक्सीजन स्तर में अचानक 2 से 3 प्रतिशत की कमी होना भी अलर्ट है। यदि किसी का 98 प्रतिशत सैचुरेशन है और लगातार इतना ही रहता है परन्तु अचानक इस में दो से तीन प्रतिशत की कमी हो जाये तो अलर्ट हो जाओ। यदि आक्सीजन सैचुरेशन 94 प्रतिशत से नीचे आ जाये, तो ऐडमिट होने की जरूरत पड़ सकती है।
ऑक्सीजन की कमी पर सरकार क्या कर रही है?
सरकार ने 6177 मीट्रिक टन ऑक्सिजन अलग-अलग राज्यों को उपलब्ध कराने की योजना बनाई है। इसके अलावा ट्रेनों में ऑक्सीजन सिलेंडर या टैंकरों का परिवहन शुरू करने का निर्णय लिया गया है।
डाक्टर की सलाह पर अपना सकते हैं यह तरीके
- मरीज को बुखार या यू.आर.टी.आई. हो तो होम आइसोलेशन या कोविड केयर सैंटर में रखने की जरूरत है
- कोविड की पुष्टि के बाद यदि लक्षण हलके हो तो होम आइसोलेशन में रहो
- -घर में आराम करो डीहाईड्रेशन का ध्यान रखो और बुखार जाने पर पैरासिटामोल की गोली लो
- घर में आकसीमीटर जरूर रखो और कुछ घंटों बाद आक्सीजन सैचुरेशन का स्तर चैक करते रहो
- घर में भी मास्क पहन कर रखे ताकि बाकी सदस्य इस बीमारी से बच सके
- घर की खिड़कियां खोल कर रखें जिससे वैंटीलेशन हो सके