Edited By Rohini Oberoi,Updated: 11 Jun, 2025 12:51 PM

आंध्र प्रदेश सरकार ने निजी क्षेत्रों में काम करने वाले कर्मचारियों के लिए श्रम कानूनों में एक बड़ा बदलाव किया है. अब राज्य में कर्मचारियों को रोज़ाना 9 घंटे की बजाय 10 घंटे काम करना होगा. इस नए नियम को राज्य कैबिनेट ने 'आंध्र प्रदेश फैक्ट्री...
नेशनल डेस्क। आंध्र प्रदेश सरकार ने निजी क्षेत्रों में काम करने वाले कर्मचारियों के लिए श्रम कानूनों में एक बड़ा बदलाव किया है. अब राज्य में कर्मचारियों को रोज़ाना 9 घंटे की बजाय 10 घंटे काम करना होगा. इस नए नियम को राज्य कैबिनेट ने 'आंध्र प्रदेश फैक्ट्री अधिनियम' के तहत मंज़ूरी दे दी है.
क्या है नया बदलाव और कब से लागू?
यह बदलाव मुख्य रूप से 'आंध्र प्रदेश फैक्ट्री अधिनियम' की धारा 54 के अंतर्गत किया गया है. इस धारा में पहले कर्मचारियों के लिए रोज़ाना अधिकतम 8 घंटे काम करने की सीमा तय थी जिसे करीब दस साल पहले बढ़ाकर 9 घंटे कर दिया गया था. अब एक बार फिर बढ़ते औद्योगिक और व्यावसायिक ज़रूरतों को देखते हुए इसे 10 घंटे प्रतिदिन तक बढ़ा दिया गया है.
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यह नया फरमान निजी कंपनियों में काम करने वाले लाखों कर्मचारियों पर सीधा असर डालेगा. सरकार का मानना है कि यह कदम राज्य में निवेश को बढ़ावा देने और औद्योगिक उत्पादकता बढ़ाने में मदद करेगा. हालांकि इस फैसले को लेकर कर्मचारियों और श्रमिक संगठनों के बीच मिली-जुली प्रतिक्रिया देखने को मिल सकती है.
कर्मचारियों पर क्या होगा असर?
इस बदलाव का सीधा मतलब है कि निजी कंपनियों में काम करने वाले कर्मचारियों को अब हर दिन अपने कार्यस्थल पर एक अतिरिक्त घंटा बिताना होगा. यह उन लोगों के लिए एक चुनौती हो सकती है जो पहले से ही अपने काम और व्यक्तिगत जीवन के बीच संतुलन बनाने की कोशिश कर रहे हैं. हालांकि यह भी देखना होगा कि इस अतिरिक्त समय के लिए उन्हें कोई अतिरिक्त लाभ या प्रोत्साहन मिलता है या नहीं.
आंध्र प्रदेश सरकार का यह निर्णय राज्य के औद्योगिक परिदृश्य में एक महत्वपूर्ण बदलाव लाएगा और इसके दीर्घकालिक प्रभावों पर सबकी नज़र रहेगी.