कर्नाटक में बीजेपी की हार 2024 के लिए ‘अपशकुन', ठाकरे बोले- विपक्षी दल अगर इस लालसा को छोड़ दें तो...

Edited By rajesh kumar,Updated: 02 Jun, 2023 06:12 PM

opposition parties defeat bjp do not insist claim post of prime minister

शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) ने 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले विपक्षी दलों के बीच एकता की वकालत करते हुए शुक्रवार को कहा कि अगर इन राजनीतिक दलों के सभी प्रमुख नेता प्रधानमंत्री पद की दावेदारी को लेकर अपने मौजूदा रुख पर कायम रहें और अहंकार को अलग...

नेशनल डेस्क: शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) ने 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले विपक्षी दलों के बीच एकता की वकालत करते हुए शुक्रवार को कहा कि अगर इन राजनीतिक दलों के सभी प्रमुख नेता प्रधानमंत्री पद की दावेदारी को लेकर अपने मौजूदा रुख पर कायम रहें और अहंकार को अलग रख दें तो भाजपा को हराया जा सकता है। उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली पार्टी ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी की प्रशंसा करते हुए कहा कि लोग उनके धैर्य को पसंद करने लगे हैं। पार्टी ने यह भी कहा कि सभी को इस भ्रम से बाहर आने की जरूरत है कि गांधी परिवार के वंशज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सामने टिक नहीं सकते।

कर्नाटक में बीजेपी की हार 2024 के लिए ‘अपशकुन'
पार्टी के मुखपत्र ‘सामना' के एक संपादकीय में उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली पार्टी ने कर्नाटक में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की हार को 2024 के लिए ‘अपशकुन' करार दिया। इसमें यह भी भविष्यवाणी की गई है कि आगामी विधानसभा चुनावों में भाजपा मध्य प्रदेश हारेगी और कांग्रेस छत्तीसगढ़ में सत्ता बरकरार रखेगी तथा राजस्थान में ‘‘जादूगर'' मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भाजपा के लिए लड़ाई मुश्किल कर देंगे। ‘सामना' में कहा गया कि सभी को इस भ्रम से बाहर आ जाना चाहिए कि राहुल गांधी प्रधानमंत्री मोदी के सामने टिक नहीं सकते।

संपादकीय में कहा गया कि वास्तव में, अब मोदी खुद महसूस करते हैं कि राहुल गांधी उनके लिए चुनौती हैं। शिवसेना (यूबीटी) ने कहा कि अगर गांधी उत्तर भारत में एक स्वतंत्र अभियान चलाते हैं, तो वहां उनकी पार्टी की संभावनाएं बदल सकती हैं। ‘सामना' में कहा गया कि 2024 में भाजपा की हार का कारण मोदी होंगे और गृह मंत्री अमित शाह इसमें योगदान देंगे। संपादकीय में दावा किया गया है कि मोदी-शाह की जोड़ी के खिलाफ आक्रोश है और लोगों ने भाजपा को हराने का मन बना लिया है।

'वानर सेना' को साथ लेना जरूरी
‘सामना' में कहा गया है, ‘‘सवाल यह है कि मोदी के खिलाफ प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में कौन होगा। यह भारत माता और संविधान होंगे। नेता लोगों के बीच से निकलेगा।'' संपादकीय में कहा गया कि ‘‘रावण राज'' को उखाड़ फेंकने के लिए ‘‘वानर सेना'' को साथ लेना आवश्यक है। ‘सामना' में कहा गया, ‘‘इसके लिए, सभी को मैं का अहंकार कम करना होगा। हर दूल्हे (प्रमुख विपक्षी नेताओं के संदर्भ में) की राय है कि वह प्रधानमंत्री नहीं बनना चाहता। यदि सभी दूल्हे इस रुख पर कायम रहते हैं, तब सब कुछ उनके मनमुताबिक (भाजपा को हराने का) होगा।''

‘सामना' में कहा गया कि देश में 36 राज्य-केंद्रशासित प्रदेश हैं और भाजपा बिहार, पश्चिम बंगाल, बिहार, कर्नाटक, तमिलनाडु, ओडिशा, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश और झारखंड में शासन नहीं कर रही है। संपादकीय में कहा गया, ‘‘अगर भाजपा पश्चिम बंगाल जैसे बड़े राज्यों और हरियाणा जैसे छोटे राज्यों में सीटें हारती है, तो उसे लगभग 100 सीटों का नुकसान होगा। भाजपा का दावा है कि वह 400 सीटों को पार कर जाएगी, लेकिन उनके ही नेताओं का कहना है कि पार्टी 200 का आंकड़ा पार कर ले तो भी बहुत है।''

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