Edited By Anu Malhotra,Updated: 05 Jul, 2025 02:02 PM

केंद्र सरकार ने अपने कर्मचारियों के रिटायरमेंट से जुड़ी पेंशन योजनाओं में बड़ा बदलाव करते हुए यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) को लेकर एक राहतभरा फैसला लिया है। अब UPS का विकल्प चुनने वाले कर्मचारियों को भी वही टैक्स छूट और सुविधाएं मिलेंगी जो अभी तक केवल...
नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने अपने कर्मचारियों के रिटायरमेंट से जुड़ी पेंशन योजनाओं में बड़ा बदलाव करते हुए यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) को लेकर एक राहतभरा फैसला लिया है। अब UPS का विकल्प चुनने वाले कर्मचारियों को भी वही टैक्स छूट और सुविधाएं मिलेंगी जो अभी तक केवल नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) के तहत मिल रही थीं। साथ ही, UPS चुनने की अंतिम तारीख 30 जून से बढ़ाकर 30 सितंबर 2025 कर दी गई है। यह राहत सिर्फ मौजूदा केंद्रीय कर्मचारियों को ही नहीं, बल्कि सेवानिवृत्त कर्मियों और दिवंगत कर्मचारियों के आश्रितों (जैसे जीवनसाथी) को भी मिलेगी।
UPS क्या है और क्यों है खास?
यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) को इस साल अप्रैल से केंद्र सरकार की नई भर्ती वाली सिविल सेवाओं में एनपीएस के विकल्प के तौर पर पेश किया गया था। इसका मकसद है कर्मचारियों को रिटायरमेंट के बाद एक निश्चित और स्थायी पेंशन देना।
-UPS में सरकार 18.5% योगदान देती है (बेसिक + महंगाई भत्ता पर)
-जबकि कर्मचारी का अंशदान 10% होता है
-यह स्कीम लाभ आधारित (Defined Benefit) मानी जाती है, जो NPS की तुलना में ज्यादा सुरक्षित विकल्प है
NPS से UPS में स्विच करने का मौका
केंद्र सरकार ने वर्तमान में एनपीएस के तहत आने वाले कर्मचारियों को एक बार का विकल्प दिया है कि वे चाहें तो UPS पर स्वैच्छिक रूप से स्विच कर सकते हैं।
-यह स्विचिंग एक बार के लिए ही वैध होगी
-अब UPS को चुनने पर TDS छूट समेत सारे टैक्स बेनिफिट्स मिलेंगे जो पहले सिर्फ NPS में मिलते थे
-इस फैसले से दोनों पेंशन स्कीमों के बीच टैक्स मामलों में बराबरी आ गई है, जिससे कर्मचारी अपने मुताबिक बेहतर योजना चुन सकते हैं।
30 सितंबर 2025 तक का समय – सोच-समझकर करें चुनाव
अगर आप केंद्र सरकार के कर्मचारी हैं और रिटायरमेंट के बाद फिक्स्ड पेंशन की गारंटी चाहते हैं, तो UPS आपके लिए एक बेहतरीन विकल्प हो सकता है।
लेकिन ध्यान रहे:
यह चुनाव केवल एक बार किया जा सकता है
इसके लिए आपको 30 सितंबर 2025 तक निर्णय लेना होगा
यह फैसला मौजूदा कर्मचारियों, रिटायर हो चुके कर्मचारियों और मृतक कर्मियों के परिजनों पर भी लागू होगा