Edited By Rohini Oberoi,Updated: 19 Jun, 2025 02:16 PM

डिजिटल युग में साइबर अपराधियों ने ठगी के नए और खतरनाक तरीके ईजाद कर लिए हैं। अब वे लोगों को अश्लील वीडियो और फोटो, खासकर चाइल्ड पोर्नोग्राफी देखने या ड्रग्स और मनी लॉन्ड्रिंग जैसे गंभीर अपराधों में फंसाने के फर्जी आरोप लगाकर मानसिक रूप से डरा रहे...
नेशनल डेस्क। सावधान! कहीं आपको भी अश्लील वीडियो देखना भारी न पड़ जाए। डिजिटल युग में साइबर अपराधियों ने ठगी के नए और खतरनाक तरीके ईजाद कर लिए हैं। अब वे लोगों को अश्लील वीडियो और फोटो, खासकर चाइल्ड पोर्नोग्राफी देखने या ड्रग्स और मनी लॉन्ड्रिंग जैसे गंभीर अपराधों में फंसाने के फर्जी आरोप लगाकर मानसिक रूप से डरा रहे हैं और उन्हें अपना शिकार बना रहे हैं। हैदराबाद में ऐसी धोखाधड़ी के कई मामले सामने आए हैं जहाँ लोगों को फर्जी WhatsApp मैसेज और कॉल के ज़रिए झूठे अपराधों में फंसाने की धमकी दी गई।
फर्जी मैसेज और कॉल से डराकर लूट रहे पैसे
हाल ही में एलबी नगर के एक युवक को केंद्रीय गृह मंत्रालय के नाम से एक फर्जी मैसेज मिला। इस मैसेज में लिखा था कि उनका आईपी ऐड्रेस चाइल्ड पोर्नोग्राफी से जुड़ा है और अगर 24 घंटे में जवाब नहीं दिया गया तो दिल्ली पुलिस कार्रवाई करेगी। युवक पहले तो घबरा गया लेकिन बाद में उसने ठंडे दिमाग से इसकी जांच की तब जाकर उसे समझ आया कि यह एक साइबर गिरोह की धोखाधड़ी है जिसका मकसद लोगों को डराकर पैसे वसूलना है।
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इसी तरह का एक मामला एक सेवानिवृत्त सरकारी कर्मचारी के साथ हुआ। उन्हें एक कॉल आया जिसमें कहा गया कि वह ड्रग्स और मनी लॉन्ड्रिंग में शामिल हैं और उनका आधार नंबर मांगा गया। डर के मारे उन्होंने नंबर दे दिया और इसका नतीजा यह हुआ कि उनसे 1.5 लाख रुपये ठग लिए गए।
CBI, NCB या गृह मंत्रालय का अधिकारी बनकर करते हैं ठगी
ये साइबर ठग बेहद शातिर तरीके से काम करते हैं। वे खुद को सीबीआई (CBI), एनसीबी (NCB), साइबर सेल या गृह मंत्रालय का अधिकारी बताते हुए धमकी देते हैं और कहते हैं कि आपके खिलाफ केस दर्ज हो गया है। लोग ऐसे मैसेज या कॉल से घबरा जाते हैं और डर के मारे अपनी निजी जानकारी साझा कर बैठते हैं। ऐसे अपराधी पीड़ितों की मानसिकता और उनकी कमजोरी का फायदा उठाते हैं। वे शर्मिंदगी और कानूनी कार्रवाई का डर दिखाकर लोगों को तुरंत प्रतिक्रिया देने के लिए मजबूर करते हैं।
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पुलिस की चेतावनी
पुलिस ने इस संबंध में स्पष्ट किया है कि कोई भी सरकारी एजेंसी WhatsApp या सामान्य कॉल पर किसी भी संदिग्ध गतिविधि के लिए संपर्क नहीं करती है। ऐसे मामलों में केवल .gov.in या .nic.in वाले आधिकारिक ईमेल पर ही कार्रवाई और मैसेज किए जाते हैं।
साइबर सेल ने लोगों से अपील की है कि किसी भी फर्जी कॉल या मैसेज से डरकर कोई निजी जानकारी न दें। यदि आपको ऐसी कोई धमकी या संदेहपूर्ण संदेश मिलता है तो तुरंत 1930 पर कॉल करें या cybercrime.gov.in पर शिकायत दर्ज करें। साथ ही किसी भी व्यक्ति से अपना आधार नंबर, ओटीपी (OTP), या पासवर्ड शेयर करने से बचें ताकि आप इन अपराधियों का शिकार होने से बच सकें।