बेंगलुरु एयरफोर्स बेस पर आयोजित होगा Aero India, राजनाथ सिंह करेंगे मित्र देशों के रक्षा मंत्रियों की मेजबानी

Edited By Seema Sharma,Updated: 07 Feb, 2023 04:15 PM

rajnath to host defense ministers conference at aero india

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह बेंगलुरु में आगामी 14 फरवरी को एअरो इंडिया (Aero India) के 14वें संस्करण के इतर रक्षा मंत्रियों के सम्मेलन की मेजबानी करेंगे।

नेशनल डेस्क: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह बेंगलुरु में आगामी 14 फरवरी को एअरो इंडिया (Aero India) के 14वें संस्करण के इतर रक्षा मंत्रियों के सम्मेलन की मेजबानी करेंगे। हर दो साल पर होने वाला एअरो इंडिया इस साल 13 से 17 फरवरी तक बेंगलुरु के येलहंका स्थित वायुसेना अड्डे पर आयोजित किया जाएगा। आधिकारिक विज्ञप्ति के मुताबिक, सम्मेलन में मित्र देशों के रक्षा मंत्री हिस्सा लेंगे, जो एअरो इंडिया में शामिल होने के लिए भारत आने वाले हैं। इसमें कहा गया है कि सम्मेलन में (रक्षा उपकरणों के संबंध में निवेश, अनुसंधान एवं विकास, संयुक्त उद्यम, सह-विकास, सह-उत्पादन और खरीदारी के माध्यम से) क्षमता निर्माण, प्रशिक्षण, अंतरिक्ष, कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) और समुद्री सुरक्षा क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा, ताकि ‘शेयर्ड प्रॉस्पेरिटी थ्रू एन्हैंस्ड इंगेजमेंट्स इन डिफेंस' (स्पीड) की व्यापक अवधारणा के साथ मिलकर आगे बढ़ा जा सके।

 

विज्ञप्ति के अनुसार, यह सम्मेलन आने वाली पीढ़ियों को एक सुरक्षित एवं समृद्ध भविष्य देने की खातिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘मेक इन इंडिया, मेक फॉर द वर्ल्ड' दृष्टिकोण को आगे बढ़ाने के लिए भारत और उसके सभी मित्र देशों के विदेश मंत्रियों को एक-दूसरे के साथ जुड़ने का अवसर प्रदान करेगा। अधिकारियों के मुताबिक, एअरो इंडिया वैश्विक स्तर पर एक प्रमुख हवाई प्रदर्शनी के रूप में पहचान बनाने में कामयाब रहा है। साल 1996 से लेकर अब तक बेंगलुरु में इसके 13 संस्करणों का सफल आयोजन किया जा चुका है। अधिकारियों ने बताया कि इस बार एअरो इंडिया के लिए कुल 731 प्रदर्शकों ने पंजीकरण कराया है, जिनमें 633 भारतीय और 98 विदेशी शामिल हैं।

 

विज्ञप्ति में इस बात का जिक्र किया गया है कि प्रधानमंत्री मोदी ने रक्षा क्षेत्र में ‘आत्मनिर्भर भारत' के निर्माण के लिए एक अभियान शुरू किया है। इसमें कहा गया है कि इस अभियान का उद्देश्य ऐसे आत्मनिर्भर रक्षा पारिस्थितिकी तंत्र के विकास के लिए स्वदेशी रक्षा निर्माण एवं उत्पादन क्षमता को बढ़ावा देना है; जिसमें कुछ देशों के शोषण और व्यवधान से मुक्त विश्वसनीय आपूर्ति शृंखला के निर्माण में समान विचारधारा वाले देश योगदान देंगे। विज्ञप्ति के मुताबिक, चूंकि स्वदेशी उद्योग के पोषण के लिए घरेलू स्तर पर पर्याप्त सामान उपलब्ध है, इसलिए भारत रक्षा उत्पादन को अगले स्तर तक ले जाने और साझा समृद्धि सुनिश्चित करने के वास्ते संसाधनों को बांटने के लिए मित्र देशों के साथ साझेदारी करना चाहेगा।

 

अधिकारियों के अनुसार, एअरोस्पेस उद्योग विमान (फिक्स्ड और रोटरी विंग्स), मानव रहित विमान (UAV) और संचार प्रणालियों की मांग को पूरा करने के लिए कमर कस रहा है। उन्होंने कहा कि भारत में एक पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण कर अन्य देशों के साथ अनुकूल रक्षा नीतियां बनाने से एअरोस्पेस क्षेत्र में भारतीय उद्योगों के लिए अवसरों में वृद्धि होगी। अधिकारियों के मुताबिक, सूचना प्रौद्योगिकी, कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI), चिप निर्माण और संचार प्रौद्योगिकी जैसी उपग्रह सक्षम प्रौद्योगिकियों में साझेदारी की व्यापक गुंजाइश मौजूद है।
 

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