रिसर्च का चौंकाने वाला खुलासा:  रसोई में इस्तेमाल होने वाला छोटा सा स्पंजस्पंज बेहद खतरनाक

Edited By Updated: 10 Jul, 2025 09:37 AM

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रसोई में रोजाना इस्तेमाल होने वाला छोटा सा स्पंज, जो हमें बर्तन साफ करने में मदद करता है, दरअसल आपकी सेहत के लिए बड़ा खतरा बन सकता है। गीला और नम होने के कारण यह स्पंज बैक्टीरिया और वायरस के लिए पनाहगाह बन जाता है, जो आपकी और आपके परिवार की सेहत को...

नेशनल डेस्क: रसोई में रोजाना इस्तेमाल होने वाला छोटा सा स्पंज, जो हमें बर्तन साफ करने में मदद करता है, दरअसल आपकी सेहत के लिए बड़ा खतरा बन सकता है। गीला और नम होने के कारण यह स्पंज बैक्टीरिया और वायरस के लिए पनाहगाह बन जाता है, जो आपकी और आपके परिवार की सेहत को प्रभावित कर सकता है। आइए जानें क्यों बर्तन धोने वाला यह साधन हो सकता है खतरनाक और इसे साफ-सुथरा रखने के क्या आसान उपाय हैं।

रिसर्च ने खोली पोल: स्पंज टॉयलेट सीट से भी ज्यादा गंदा
2017 में जर्मनी की फर्टवांगन यूनिवर्सिटी की एक स्टडी ने चौंकाने वाला खुलासा किया था कि रसोई के स्पंज में टॉयलेट सीट से भी अधिक बैक्टीरिया हो सकते हैं। स्पंज की नमी और उसमें फंसे खाद्य कण बैक्टीरिया के पनपने के लिए बेहतरीन माहौल बनाते हैं। इस कारण यह गंदगी का ऐसा स्रोत बन जाता है, जिससे कई बीमारियां फैल सकती हैं।

स्पंज में पनपने वाले खतरनाक बैक्टीरिया
साल्मोनेला (Salmonella
): फूड पॉइजनिंग का प्रमुख कारण

ई. कोलाई (E. coli): पेट से जुड़ी गंभीर समस्याओं का स्रोत

स्टैफिलोकोकस (Staphylococcus): त्वचा संक्रमण और बुखार पैदा कर सकता है

गंदे स्पंज से जुड़ी गंभीर बीमारियां
फूड पॉइजनिंग:
गंदे स्पंज से बर्तन धोने पर साल्मोनेला और ई. कोलाई हमारे खाने में मिल सकते हैं, जिससे उल्टी, दस्त और पेट दर्द हो सकता है।

त्वचा संक्रमण: स्पंज में मौजूद बैक्टीरिया और फंगस त्वचा पर एलर्जी, खुजली और जलन पैदा कर सकते हैं, खासकर संवेदनशील त्वचा वालों के लिए।

सांस और बुखार की समस्याएं: कमजोर इम्यूनिटी वाले लोगों में गंदे स्पंज के कारण बुखार, थकान और सांस की तकलीफ हो सकती है।

पेट का संक्रमण: बच्चे और बुजुर्ग गंदे स्पंज के संपर्क में आने से आंतों के संक्रमण, दस्त और निर्जलीकरण का शिकार हो सकते हैं।

स्पंज को कब और कैसे बदलें?
विशेषज्ञों का सुझाव है कि रसोई के स्पंज को हर 7 से 10 दिनों में बदल देना चाहिए। यदि दिन में कई बार स्पंज का इस्तेमाल हो रहा हो, तो इसे हर हफ्ते बदलना ही सही रहता है। समय-समय पर स्पंज बदलने से बैक्टीरिया और फंगस का विकास रुकता है और खाने की सफाई बनी रहती है।

स्पंज को साफ रखने के आसान घरेलू नुस्खे
गर्म पानी और सिरका: हर 2-3 दिन में स्पंज को गर्म पानी और सिरका में भिगोना बैक्टीरिया कम करता है।

माइक्रोवेव: गीले स्पंज को 1-2 मिनट के लिए माइक्रोवेव में डालने से उसमें मौजूद हानिकारक जीवाणु मर जाते हैं।

ब्लीच सॉल्यूशन: महीने में एक बार ब्लीच और पानी के मिश्रण में स्पंज को डुबोकर साफ करना भी प्रभावी उपाय है।

स्पंज बदलने के संकेत
स्पंज से बदबू आने लगे।
रंग फीका या बदलने लगे।
स्पंज जल्दी फटने लगे या चिपचिपा महसूस हो।

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