प्यार हो तो ऐसा: मंगेतर को हुई स्पाइनल इंजरी, लड़की ने फिर भी नहीं छोड़ा साथ, व्हीलचेयर पर ब्याहने आए करणदीप

Edited By Updated: 11 Nov, 2024 10:22 AM

the inspiring marriage story of simran and karandeep

छोटी-छोटी गलतफहमियों और जिंदगी की मुश्किलों के बीच कई बार रिश्ते टूट जाते हैं, लेकिन कुछ रिश्ते ऐसी मिसाल पेश करते हैं जो सच्चे प्यार और समर्थन का प्रतीक बन जाते हैं। ऐसी ही एक प्रेरणादायक कहानी है सिमरन और करणदीप की। दोनों की शादी 4 मई 2024 को हुई,...

नेशनल डेस्क. छोटी-छोटी गलतफहमियों और जिंदगी की मुश्किलों के बीच कई बार रिश्ते टूट जाते हैं, लेकिन कुछ रिश्ते ऐसी मिसाल पेश करते हैं जो सच्चे प्यार और समर्थन का प्रतीक बन जाते हैं। ऐसी ही एक प्रेरणादायक कहानी है सिमरन और करणदीप की। दोनों की शादी 4 मई 2024 को हुई, लेकिन उनकी प्रेम कहानी और संघर्षों की यह दास्तान वाकई दिल छूने वाली है।

सिमरन और करणदीप की मुलाकात 2019 में हुई थी, जब उनका रिश्ता तय हुआ था। सिमरन पंजाब के मोगा जिले के गांव कोट मोहम्मद खान से हैं और करणदीप कोटकपूरा के रहने वाले हैं। इस साल 4 मई को दोनों ने शादी की। सिमरन ने नर्सिंग में डिप्लोमा किया हुआ है और वह एक समर्पित पेशेवर हैं। लेकिन शादी से पहले ही उनकी ज़िंदगी में एक बड़ा मोड़ आया। करीब सात महीने बाद 2019 में करणदीप सीढ़ियों से गिर गए। उनका हादसा इतना गंभीर था कि डॉक्टरों ने बताया कि उनकी स्पाइनल कॉर्ड में गंभीर चोट आई है और गर्दन से नीचे का हिस्सा पैरालाइज हो गया है। इसके बाद वह अस्पताल में भर्ती हुए और तीन दिन बाद होश में आए।

माता-पिता का साथ और शादी का निर्णय

डॉक्टरों ने करणदीप को घर भेजने की सलाह दी और कहा कि अब उनका इलाज घर पर ही होगा। इस समय सिमरन और उनके परिवार के लिए यह बहुत बड़ा संकट था, लेकिन सिमरन के माता-पिता ने अपनी बेटी का पूरी तरह से साथ दिया। उन्होंने कहा कि अगर वह शादी करना चाहती हैं तो उनका यह निर्णय ही सही होगा।

हालांकि, करणदीप खुद भी इस स्थिति में थे कि वे ठीक हो पाएंगे या नहीं, लेकिन सिमरन के दिल में यह भरोसा था कि वह अपनी शादी की ज़िम्मेदारी निभाएंगी। उन्होंने कहा- "मैंने सोचा कि अगर मैं किसी और जगह शादी करूंगी, तो यह महसूस करूंगी कि शादी के बाद भी अगर उन्हें चोट आती, तो मैं उनके साथ रहती।"

व्हीलचेयर पर ही ब्याहने आए करणदीप

4 मई 2024 को सिमरन और करणदीप ने शादी की, लेकिन इस दिन का खास पहलू यह था कि करणदीप व्हीलचेयर पर बैठे हुए थे। वह पूरी तरह से सिमरन के साथ जीवन की नई शुरुआत करने के लिए तैयार थे। सिमरन ने अपनी शादी को पूरी तरह से स्वीकार किया और बिना किसी डर या झिझक के अपने जीवनसाथी के साथ खड़ी रहीं।

एक-दूसरे का साथ निभाने की मिसाल

करणदीप का कहना है कि सिमरन बहुत अच्छे से उनकी देखभाल करती हैं। सिमरन ने मुझे पूरी तरह से समझा और मुझे इस कठिन वक्त में अकेला नहीं छोड़ा।" वहीं सिमरन भी कहती हैं, "हमारा दिल का रिश्ता है और मेरे मन ने कहा कि मैं हमेशा उनके साथ रहूंगी, चाहे हालात जैसे भी हों।"

सिमरन और करणदीप की यह कहानी यह दिखाती है कि प्यार और समर्पण सच्चे रिश्ते की सबसे बड़ी नींव होती है। जीवन में आने वाली कठिनाइयां और चुनौतियां रिश्ते को तोड़ने का कारण नहीं बन सकतीं, अगर दो लोग एक-दूसरे का साथ देने का वादा करें। यह जोड़ी हर किसी के लिए एक प्रेरणा बन गई है कि सच्चे रिश्ते कठिन समय में और भी मजबूत होते हैं।

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