Edited By Rohini Oberoi,Updated: 24 Dec, 2025 04:59 PM

उत्तराखंड मंत्रिमंडल ने प्राकृतिक गैस पर वैट की दर घटाकर पांच प्रतिशत करने, लेखकों और कलाकारों की वृद्धावस्था मासिक पेंशन दोगुनी करने और चिकित्सा शिक्षा में प्रोफेसर व एसोसिएट प्रोफेसर की नियुक्ति की आयु सीमा बढ़ाकर 62 वर्ष करने समेत कई अहम फैसले...
नेशनल डेस्क। उत्तराखंड मंत्रिमंडल ने प्राकृतिक गैस पर वैट की दर घटाकर पांच प्रतिशत करने, लेखकों और कलाकारों की वृद्धावस्था मासिक पेंशन दोगुनी करने और चिकित्सा शिक्षा में प्रोफेसर व एसोसिएट प्रोफेसर की नियुक्ति की आयु सीमा बढ़ाकर 62 वर्ष करने समेत कई अहम फैसले लिए।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक के बाद प्रमुख सचिव आर. मीनाक्षीसुंदरम ने संवाददाताओं को बताया कि प्रदेश में हरित और स्वच्छ ऊर्जा को बढ़ावा देने के उद्देश्य से पीएनजी और सीएनजी पर वर्तमान में लागू 20 प्रतिशत वैट को घटाकर पांच प्रतिशत करने का निर्णय लिया गया है। उन्होंने बताया कि मंत्रिमंडल ने उत्तरकाशी जिले के आपदा प्रभावित धराली और आसपास के क्षेत्रों के ‘रॉयल डिलीशियस' सेब को 51 रुपये प्रति किलोग्राम तथा ‘रेड डिलीशियस' व अन्य किस्म के सेबों को 45 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग द्वारा खरीदे जाने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी है।
एक अन्य निर्णय में प्रदेश के कलाकारों और लेखकों को वृद्धावस्था में जीवनयापन के लिए दी जा रही 3,000 रुपये की मासिक पेंशन को बढ़ाकर 6,000 रुपये करने के प्रस्ताव को स्वीकृति दी गई। प्रमुख सचिव ने बताया कि व्यापार सुगमता के तहत कम जोखिम वाले भवनों जैसे एकल आवासीय या छोटे व्यावसायिक भवनों, के मानचित्रों को सूचीबद्ध वास्तुकार द्वारा स्व-प्रमाणित किए जाने की व्यवस्था को भी मंत्रिमंडल ने मंजूरी दी है।
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राज्य मंत्रिमंडल ने उत्तराखंड चिकित्सा शिक्षा सेवा (संशोधन) नियमावली 2025 को भी स्वीकृति प्रदान की जिसके तहत प्रोफेसर और एसोसिएट प्रोफेसर की नियुक्ति की अधिकतम आयु सीमा 50 वर्ष से बढ़ाकर 62 वर्ष कर दी गई है। इसके अलावा श्रीनगर स्थित राजकीय मेडिकल कॉलेज में संविदा, दैनिक वेतन, नियत वेतन और प्रबंधन समिति के माध्यम से कार्यरत कुल 277 कार्मिकों को समान कार्य–समान वेतन दिए जाने के मामले को मंत्रिमंडल की उपसमिति को भेजने का निर्णय लिया गया है।
मंत्रिमंडल ने पीएमएचएस संवर्ग, यानी राज्य सरकार के अधीन चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाओं में कार्यरत विशेषज्ञ चिकित्सकों को पर्वतीय, दुर्गम और अति-दुर्गम क्षेत्रों में सेवाएं देने और उनकी उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए 50 प्रतिशत अतिरिक्त भत्ता (वेतन स्तर में न्यूनतम वेतनमान का 50 प्रतिशत) दिए जाने का भी फैसला किया।