मणिपुर में फिर भड़की हिंसा, कांग्रेस ने PM मोदी पर लगाया असंवेदनशीलता का आरोप

Edited By Harman Kaur,Updated: 08 Jun, 2025 04:41 PM

violence erupts again in manipur congress accuses pm modi of insensitivity

कांग्रेस ने मणिपुर के कुछ हिस्सों में हिंसा की घटनाएं फिर से सामने आने के बीच रविवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर राज्य के लोगों की पीड़ा के प्रति ‘‘असंवेदनशील'' होने का आरोप लगाया। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने ‘एक्स' पर एक पोस्ट में कहा कि...

नेशनल डेस्क: कांग्रेस ने मणिपुर के कुछ हिस्सों में हिंसा की घटनाएं फिर से सामने आने के बीच रविवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर राज्य के लोगों की पीड़ा के प्रति ‘‘असंवेदनशील'' होने का आरोप लगाया। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने ‘एक्स' पर एक पोस्ट में कहा कि मणिपुर के लोगों का दर्द, पीड़ा और लाचारी अब भी थमने का नाम नहीं ले रही है, क्योंकि पिछले 24 घंटे में राज्य के पांच जिले इंफाल पश्चिम, इंफाल पूर्वी, थौबल, काकचिंग और बिष्णुपुर फिर से हिंसा की चपेट में आ चुके हैं।
 

पुलिस ने बताया कि मेइती संगठन के एक नेता अरम्बाई तेंगोल की गिरफ्तारी को लेकर हिंसक प्रदर्शन के एक दिन बाद रविवार को भी स्थिति तनावपूर्ण बनी रही। प्रशासन ने इंफाल घाटी के पांच जिलों में निषेधाज्ञा लागू कर दी और इंटरनेट सेवाएं स्थगित कर दी। इंफाल पश्चिम, इंफाल पूर्वी, थौबल, बिष्णुपुर और काकचिंग जिलों में एहतियातन निषेधाज्ञा लागू की गई है तथा इन घाटी क्षेत्रों में वीसैट और वीपीएन सुविधाओं सहित इंटरनेट और मोबाइल डेटा सेवाएं स्थगित कर दी गई हैं।

सरकार पर निशाना साधते हुए रमेश ने दावा किया, ‘‘ फरवरी 2022 में विधानसभा चुनावों में भाजपा ने अकेले अपने दम पर बहुमत हासिल किया। लेकिन उस जनादेश के महज पंद्रह महीने बाद, तीन मई 2023 की रात से मणिपुर को जलने के लिए छोड़ दिया गया। सैकड़ों निर्दोष पुरुष, महिलाएं और बच्चे मारे गए। हजारों लोग विस्थापित हो गए। पूजा स्थलों को नष्ट कर दिया गया।''
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उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने चार जून 2023 को तीन-सदस्यीय एक जांच आयोग का गठन किया। उन्होंने कहा कि आयोग को अपनी रिपोर्ट देने के लिए बार-बार समय-सीमा बढ़ाई गई है और उसे दी गई अंतिम समय-सीमा 20 नवंबर 2025 है। रमेश ने कहा कि एक अगस्त, 2023 को उच्चतम न्यायालय ने टिप्पणी की थी कि “राज्य में पिछले दो महीनों से संवैधानिक व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है।” उन्होंने कहा, ‘‘केन्द्रीय गृह मंत्री ने मणिपुर का दौरा किया, जबकि प्रधानमंत्री ने पूरी तरह से चुप्पी साधे रखी तथा कुछ भी कहने या राज्य के किसी भी व्यक्ति से मिलने से इनकार कर दिया।''

रमेश ने कहा, ‘‘कांग्रेस पार्टी ने शुरुआत से राष्ट्रपति शासन की मांग की थी, लेकिन इसे तब तक नजरअंदाज किया गया, जब तक कि कांग्रेस ने 10 फरवरी 2025 से शुरू हो रहे विधानसभा सत्र में मुख्यमंत्री के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की घोषणा नहीं कर दी। भाजपा ने नौ फरवरी की रात सच्चाई को भांपते हुए मुख्यमंत्री से इस्तीफा दिलवाया और अंततः 13 फरवरी 2025 को राष्ट्रपति शासन लागू किया गया।'' रमेश ने कहा, ‘‘हालांकि राष्ट्रपति शासन से कोई फर्क नहीं पड़ा है।''

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