पहलगाम हमला पाकिस्तान के लिए बना संकट, भारत के जवाबी कदमों से अर्थव्यवस्था खतरे में

Edited By Updated: 30 Apr, 2025 12:44 PM

imf relief also ineffective pakistan s economy again in danger

भारी कर्ज़ में डूबा पाकिस्तान हाल ही में आर्थिक सुधार की दिशा में कदम बढ़ाता दिख रहा था। 2022 से दिवालिया होने की कगार पर खड़ी पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था को मार्च 2025 में अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) से मिले 2 अरब डॉलर के ऋण ने अस्थायी राहत दी।...

बिजनेस डेस्कः भारी कर्ज़ में डूबा पाकिस्तान हाल ही में आर्थिक सुधार की दिशा में कदम बढ़ाता दिख रहा था। 2022 से दिवालिया होने की कगार पर खड़ी पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था को मार्च 2025 में अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) से मिले 2 अरब डॉलर के ऋण ने अस्थायी राहत दी। इसके अलावा पाकिस्तान ब्यूरो ऑफ स्टैटिस्टिक्स के अनुसार देश की मुद्रास्फीति मार्च में गिरकर 0.7 प्रतिशत पर आ गई, जो पिछले लगभग तीन दशकों में सबसे बड़ी गिरावट मानी जा रही है। मई 2023 में यह आंकड़ा 38 प्रतिशत तक पहुंच गया था। यह गिरावट आर्थिक स्थिरता के शुरुआती संकेत के रूप में देखी जा रही थी।

हालांकि, जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हाल ही में हुआ आतंकी हमला पाकिस्तान की इस आर्थिक सुधार प्रक्रिया पर पानी फेर सकता है। भारत ने इस हमले के जवाब में सिंधु जल संधि को रद्द करने जैसे कड़े कदम उठाने का ऐलान किया है। जिससे उसे भारी आर्थिक संकट का सामना करना पड़ सकता है और उसकी अर्थव्यवस्था बेपटरी हो सकती है।

पहलगाम हमला: पाकिस्तान के लिए बना आर्थिक आत्मघात

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत सरकार ने कड़ा रुख अपनाते हुए पाकिस्तान के खिलाफ कई अहम कदम उठाए हैं। इनमें द्विपक्षीय व्यापार पर रोक, राजनयिक संबंधों में कटौती, सार्क वीजा सुविधा को रद्द करना और सिंधु जल समझौते की समीक्षा शामिल है। इन फैसलों से पाकिस्तान की पहले से ही डगमगाती अर्थव्यवस्था पर और भारी दबाव पड़ने की संभावना है।

भूखमरी की कगार पर करोड़ों लोग

हाल ही में विश्व बैंक की एक रिपोर्ट में चेताया गया है कि वित्त वर्ष 2025 के अंत तक पाकिस्तान में एक करोड़ से अधिक लोगों को भूखमरी का सामना करना पड़ सकता है। पाकिस्तान पहले ही महंगाई, जलवायु संकट और कृषि उत्पादन में गिरावट से जूझ रहा है।

आसमान छूती महंगाई

रिपोर्ट्स के मुताबिक पाकिस्तान में चावल का दाम ₹340 प्रति किलो और चिकन ₹800 प्रति किलो तक पहुंच गया है। सब्ज़ियों, फलों, आटे और अन्य आवश्यक खाद्य वस्तुओं की कीमतें आम जनता की पहुंच से बाहर होती जा रही हैं। पाकिस्तान के केंद्रीय बैंक के अनुसार, जून 2025 को समाप्त होने वाले वित्तीय वर्ष में औसत मुद्रास्फीति 5.5% से 7.5% के बीच रह सकती है, जो आम जनता की जेब पर और बोझ डालेगी।

व्यापार बंद, संकट गहराया

भारत से पाकिस्तान को निर्यात होने वाले प्रमुख उत्पादों में रसायन, दवाएं, ताजे फल-सब्जियां, पोल्ट्री फीड और सूखे मेवे शामिल हैं। व्यापार पर रोक के कारण इन आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति बाधित हो सकती है, जिससे कीमतों में और उछाल तथा जीवन स्तर में गिरावट आ सकती है।

एयरस्पेस बंद कर खुद को नुकसान

पाकिस्तान ने भारतीय विमानों के लिए अपना एयरस्पेस बंद कर दिया है, जिससे उसे प्रत्यक्ष आर्थिक नुकसान होने की आशंका है। 2019 में पुलवामा हमले के बाद इसी तरह के कदम के चलते पाकिस्तान को अनुमानित 100 मिलियन डॉलर से अधिक का नुकसान हुआ था। उस दौरान रोज़ाना लगभग 400 उड़ानें प्रभावित हुई थीं, जिससे पाकिस्तान के नागरिक उड्डयन प्राधिकरण और PIA को भारी घाटा हुआ था।
 

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