Gold Rate: सोने के दामों में आई गिरावट, रिकॉर्ड तोड़ने के बाद नीचे फिसला गोल्ड, जानें लेटेस्ट रेट

Edited By Updated: 14 Apr, 2025 01:47 PM

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सोने की कीमतों में हाल के दिनों में लगातार तेजी देखने को मिली थी, लेकिन सोमवार 14 अप्रैल 2025 को सोने का भाव अपनी रिकॉर्ड ऊंचाई से नीचे फिसल गया। यह गिरावट मामूली जरूर है

इंटरनेशलन डेस्क: सोने की कीमतों में हाल के दिनों में लगातार तेजी देखने को मिली थी, लेकिन सोमवार 14 अप्रैल 2025 को सोने का भाव अपनी रिकॉर्ड ऊंचाई से नीचे फिसल गया। यह गिरावट मामूली जरूर है, लेकिन इसके पीछे की वजहें निवेशकों के लिए काफी अहम मानी जा रही हैं। अमेरिका-चीन तनाव और टैरिफ छूट से जुड़ी खबरों ने गोल्ड मार्केट की चाल को अचानक बदल दिया। स्पॉट गोल्ड की कीमत 0.1% गिरकर 3,232.45 डॉलर प्रति औंस पर आ गई। यह गिरावट उस ऊंचाई से दर्ज की गई है, जहां यह हाल ही में 3,245.42 डॉलर प्रति औंस तक पहुंच गया था, जो अब तक का सबसे ऊंचा स्तर है। हालांकि, अमेरिकी गोल्ड फ्यूचर में मामूली बढ़त देखी गई और वह 0.1% की बढ़त के साथ 3,248.20 डॉलर प्रति औंस पर पहुंच गया।

भारत में भी सोने की कीमतों में हल्की गिरावट दर्ज की गई। इंडियन बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन (IBJA) के अनुसार:

गिरावट की मुख्य वजह क्या है?

सोने की कीमतों में इस गिरावट की सबसे बड़ी वजह अमेरिका के राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप द्वारा स्मार्टफोन और कंप्यूटर जैसे तकनीकी उत्पादों पर टैरिफ यानी शुल्क से अस्थायी छूट देने का ऐलान है। यह फैसला आते ही बाजार में डर और अनिश्चितता थोड़ी कम हुई, जिससे "सेफ हेवन" यानी सुरक्षित निवेश के तौर पर सोने की मांग में हल्की गिरावट देखने को मिली।

विशेषज्ञों की राय क्या है?

केसीएम ट्रेड के मुख्य विश्लेषक टिम वॉटरर का कहना है कि डॉलर में थोड़ी नरमी ने भले ही सोने को सहारा दिया है, लेकिन टैरिफ छूट के ऐलान से बाजार की धारणा में सुधार हुआ है, जिससे सोने की कीमतों में गिरावट आई। टिम के अनुसार, "यह राहत अस्थायी हो सकती है। ट्रंप की हालिया टिप्पणियों से साफ है कि यह छूट लंबे समय तक नहीं चल सकती, जिससे बाजार की अनिश्चितता और बढ़ सकती है।"

सोने के भविष्य को लेकर क्या कहते हैं विश्लेषक?

भले ही अभी थोड़ी गिरावट आई हो, लेकिन विशेषज्ञों को सोने की कीमतों में आने वाले समय में और बढ़ोतरी की उम्मीद है। गोल्डमैन सैक्स ने अपना गोल्ड प्राइस टारगेट बढ़ाकर 3,700 डॉलर प्रति औंस कर दिया है, जो पहले 3,300 डॉलर था। इसके पीछे मुख्य वजह है अमेरिका और चीन के बीच बढ़ता तनाव और वैश्विक आर्थिक अनिश्चितता।

अंतरराष्ट्रीय घटनाएं भी प्रभावित करती हैं सोने का भाव

11 अप्रैल को जब अमेरिका-चीन तनाव चरम पर था, तब सोने की कीमत 3,200 डॉलर प्रति औंस से ऊपर निकल गई थी। इससे साफ है कि किसी भी अंतरराष्ट्रीय तनाव का सीधा असर सोने की कीमतों पर पड़ता है।

इसलिए निवेशक अब केवल घरेलू मांग नहीं, बल्कि वैश्विक भू-राजनीतिक घटनाओं को भी बारीकी से ट्रैक कर रहे हैं।

भारत में सोने की कीमत का असर

भारत जैसे देश में जहां सोने की खपत सबसे ज्यादा है, वहां सोने की कीमत में हल्की गिरावट का मतलब लोगों के लिए राहत भरा हो सकता है। शादी-ब्याह का मौसम और अक्षय तृतीया जैसे त्यौहार पास आने के चलते मांग में तेजी बनी हुई है। ऐसे में अगर कीमत थोड़ी नीचे आती है, तो खरीदारी में इजाफा देखा जा सकता है।

 

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