Edited By jyoti choudhary,Updated: 19 May, 2021 02:32 PM
कोरोना की दूसरी लहर का असर अर्थव्यवस्था के साथ-साथ लोगों की कमाई पर भी पड़ा है। जिसकी वजह बड़ी संख्या में लोगों ने पी.एफ. अकाऊंट से निकासी की है। होली के बाद कोरोना के मामलों में आई तेजी के कारण देश के अलग-अलग हिस्सों में लॉकडाउन लगाना पड़ा। कोरोना...
बिजनेस डेस्कः कोरोना की दूसरी लहर का असर अर्थव्यवस्था के साथ-साथ लोगों की कमाई पर भी पड़ा है। जिसकी वजह बड़ी संख्या में लोगों ने पी.एफ. अकाऊंट से निकासी की है। होली के बाद कोरोना के मामलों में आई तेजी के कारण देश के अलग-अलग हिस्सों में लॉकडाउन लगाना पड़ा। कोरोना के कहर के कारण कुछ लोगों की नौकरियां गईं तो वहीं कुछ को कम सैलरी में काम करना पड़ रहा है। कोरोना की वजह से 1 अप्रैल 2020 से अब तक 3.5 करोड़ लोगों ने पी.एफ. अकाऊंट या रिटायरमैंट सेविंग से पैसे की निकासी की है।
एक रिपोर्ट के अनुसार 3.5 करोड़ लोगों ने एक अप्रैल के बाद 1.25 लाख करोड़ रुपए निकाले हैं जो 2019-20 वित्तीय वर्ष की तुलना में अधिक है। तब ई.पी.एफ.ओ. ने 81,200 करोड़ रुपए का सैटलमैंट किया था। रिपोर्ट के अनुसार 1 अप्रैल 2020 से 12 मई 2021 तक 3.5 करोड़ श्रमिकों में 72 लाख लोगों ने 18,500 करोड़ रुपए का नॉन रिफंडेबल कोविड-19 फंड का लाभ उठाया है। देश में इस समय 6 करोड़ ई.पी.एफ.ओ. सब्सक्राइबर हैं।
साल-दर-साल PF बैलेंस की निकासी में 10% की तेजी
मार्च 2020 में केंद्र सरकार ने ई.पी.एफ.ओ. सब्सक्राइबर को 75 पी.एफ. बैलेंस या 3 महीने की सैलरी (जो कम हो) को निकालने की अनुमति दी थी। रिपोर्ट के अनुसार साल-दर-साल पी.एफ. बैलेंस की निकासी में 10 प्रतिशत की तेजी देखी जा रही है। इसकी बड़ी वजह रिटायरमैंट, नौकरी में बदलाव और अब कोरोना महामारी भी इसमें जुड़ गया है। प्रोफैसर के.आर. श्याम सुन्दर ने बताया कि ये आंकड़े काफी चिंताजनक हैं।