Edited By jyoti choudhary,Updated: 13 Mar, 2025 11:12 AM

होलिका दहन 13 मार्च 2025 को पूरे देश में धूमधाम से मनाया जा रहा है, जिसके चलते कई राज्यों में बैंक बंद रहेंगे। इसके अलावा 14 मार्च, 15 मार्च और 16 मार्च को भी भारत के अलग-अलग राज्यों में बैंकों की छुट्टी रहेगी। वहीं, 14 मार्च 2025 को होली के अवसर पर...
बिजनेस डेस्कः होलिका दहन 13 मार्च 2025 को पूरे देश में धूमधाम से मनाया जा रहा है, जिसके चलते कई राज्यों में बैंक बंद रहेंगे। इसके अलावा 14 मार्च, 15 मार्च और 16 मार्च को भी भारत के अलग-अलग राज्यों में बैंकों की छुट्टी रहेगी। वहीं, 14 मार्च 2025 को होली के अवसर पर भारतीय शेयर बाजार पूरी तरह बंद रहेगा। इसके बाद 15 मार्च (शनिवार) और 16 मार्च (रविवार) को साप्ताहिक अवकाश के चलते भी बाजार में कोई ट्रेडिंग नहीं होगी यानी 13 मार्च के बाद अगले तीन दिनों तक शेयर बाजार में किसी भी प्रकार का लेनदेन संभव नहीं होगा।
किन राज्यों में बैंक रहेंगे बंद?
13 मार्च 2025 को उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और झारखंड में होलिका दहन के कारण बैंक बंद रहेंगे। वहीं, केरल में अट्टुकल पोंगाला त्योहार के चलते भी बैंकों में अवकाश रहेगा। हालांकि, अन्य राज्यों में बैंकिंग सेवाएं सामान्य रूप से जारी रहेंगी।
14 मार्च को कहां बंद रहेंगे बैंक?
14 मार्च को होली है और इसे धुलेटी, धुलंडी या डोल जात्रा के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन देश के ज्यादातर राज्यों में बैंकों की छुट्टी रहने वाली है। देश कई बैंक होली के अवसर पर बंद रहेंगे।
15 मार्च को कहां-कहां रहेगी बैंकों की छुट्टी?
15 मार्च, शनिवार को कुछ जगहों पर होली और याओसांग के दूसरे दिन के अवसर पर बैंकों की छुट्टी रहेगी। अगरतला, भुवनेश्वर, इम्फाल और पटना में बैंकों की छुट्टी रहेगी।
14 मार्च को शेयर बाजार भी रहेगा बंद
होली के अवसर पर 14 मार्च 2025 को भारतीय शेयर बाजार बंद रहेगा। इस दिन कोई भी इक्विटी, डेरिवेटिव, या सेटलमेंट संबंधी ट्रेडिंग नहीं होगी।
अगले तीन दिन बाजार नहीं खुलेगा
- 14 मार्च (शुक्रवार): होली की छुट्टी
- 15 मार्च (शनिवार): साप्ताहिक अवकाश
- 16 मार्च (रविवार): साप्ताहिक अवकाश
- यानी, अब शेयर बाजार 17 मार्च (सोमवार) को खुलेगा।
होलिका दहन क्या है?
होलिका दहन, जिसे 'छोटी होली' या 'होलिका दीपक' भी कहा जाता है, एक हिंदू त्यौहार है जो रंग वाली से पहले आता है। नकारात्मकता और बुराई को जलाने के प्रतीक के रूप में पूरे देश में अलाव जलाए जाते हैं।