Edited By jyoti choudhary,Updated: 27 Dec, 2020 04:27 PM
रिटायर्ड होने के बाद अधिकतर लोग सुकून से जिंदगी गुजारना चाहते हैं, वहीं कुछ लोग अपने सपने को पूरा करने के लिए और मेहनत करते हैं। ऐसा ही एक वाकया ओडिशा में हुआ है, जहां एक रिटायर्ड बैंककर्मी ने अपनी पूरी जिंदगी बैंक में गुजार दी
बिजनेस डेस्कः रिटायर्ड होने के बाद अधिकतर लोग सुकून से जिंदगी गुजारना चाहते हैं, वहीं कुछ लोग अपने सपने को पूरा करने के लिए और मेहनत करते हैं। ऐसा ही एक वाकया ओडिशा में हुआ है, जहां एक रिटायर्ड बैंककर्मी ने अपनी पूरी जिंदगी बैंक में गुजार दी और अब रिटायरमेंट के बाद वह एक मेडिकल स्टुडेंट हैं। ओडिशा के 64 वर्षीय जय किशोर प्रधान ने मेडिकल कॉलेज में प्रवेश के लिए जाने वाली एंट्रेंस परीक्षा NEET को क्रैक किया और अब उन्होंने एमबीबीएस के पहले साल में दाखिला लिया है। वह एसबीआई बैंक में कर्मचारी थे। प्रधान का कहना है कि जब तक वह जिंदा हैं, दूसरों की सेवा करते रहना चाहते हैं। बता दें कि किसी 64 वर्षीय शख्स का एमबीबीएस में दाखिला लेना भारतीय मेडिकल एजुकेशन हिस्ट्री में दुर्लभ क्षण है।
यह भी पढ़ें- आयकर विभाग ने असम में मारे छापे, पकड़ा 100 करोड़ रुपए का कालाधन
ओडिशा के सरकारी कॉलेज में लिया प्रवेश
एसबीआई में काम कर चुके प्रधान दिव्यांगता आरक्षण श्रेणी में सरकारी वीर सुरेंद्र साई इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज एंड रिसर्च (वीआईएमएसएआर) में प्रवेश लिया है। वीआईएमएसएआर के निदेश ललित मेहर का कहना है कि यह देश के स्वास्थ्य शिक्षा के क्षेत्र में दुर्लभ मौका है और प्रधान ने उम्र की इस अवस्था में मेडिकल स्टूडेंट के रूप में प्रवेश लेकर एक उदाहरण पेश किया है।
यह भी पढ़ें- Farmer Protest: कारोबारियों के लिए बिचोलिए शब्द पर भड़का CAIT
70 साल की उम्र तक पूरा होगा एमबीबीएस
प्रधान इस साल सितंबर में नेशनल एलिबिलिटी कम एंट्रेस टेस्ट (नीट) की परीक्षा में शामिल हुए थे जिसमें ऊपरी आयु सीमा नहीं निर्धारित की गई है। उन्होंने परीक्षा में बेहतर रैंक हासिल किया और वीआईएमएसएआर के क्वालिफाई कर लिया। बारगढ़ के एक निवासी ने कहा कि हाल ही में उनकी जुड़वां बेटियों में एक की मौत ने उन्हें नीट की परीक्षा में शामिल होने और एमबीबीएस कोर्स में प्रवेश के लिए प्रोत्साहित किया। प्रधान ने 64 वर्ष की उम्र में प्रवेश लिया है और 70 साल की उम्र तक उनका एमबीबीएस का कोर्स पूरा होगा। उनका कहना है कि कोर्स पूरा होने के बाद वह इसे पेशे की तरह लेंगे बल्कि दूसरों की मदद करेंगे।
यह भी पढ़ें- 50 लाख रुपए मासिक टर्नओवर वालों को देना ही होगा 1% GST कैश! वित्त मंत्रालय ने दी सफाई