50 लाख रुपए मासिक टर्नओवर वालों को देना ही होगा 1% GST कैश! वित्त मंत्रालय ने दी सफाई

Edited By jyoti choudhary,Updated: 27 Dec, 2020 02:50 PM

people with monthly turnover of rs 50 lakh will have to pay 1 gst cash

केंद्र सरकार ने जीएसटी के जरिए होने वाले फ्रॉड को रोकने के लिए GST के नियमों में पिछले दिनों 86बी नियम जोडा था। जिसके तहत जिन कारोबारियों की मंथली 50 लाख से ज्यादा टर्नओवर होगा उन्हें 1 प्रतिशत जीएसटी का हिस्सा कैश जमा करना होगा।

बिजनेस डेस्कः केंद्र सरकार ने जीएसटी के जरिए होने वाले फ्रॉड को रोकने के लिए GST के नियमों में पिछले दिनों 86बी नियम जोडा था। जिसके तहत जिन कारोबारियों की मंथली 50 लाख से ज्यादा टर्नओवर होगा उन्हें 1 प्रतिशत जीएसटी का हिस्सा कैश जमा करना होगा। वहीं बकाया 99 प्रतिशत जीएसटी पहले की तरह इनपुट टैक्स क्रेडिट का इस्तेमाल करके चुकाने की सहूलियत मिलेगी। जीएसटी में किए गए इस संशोधन का व्यापारियों के संगठन कनफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया (कैट) ने विरोध शुरू कर दिया है और सरकार को पत्र लिख कर इस पर कड़ी आपत्ति जताई है। वहीं इस पूरे मामले पर अब वित्त मंत्रालय की ओर से सफाई आई है।  

PunjabKesari

50 लाख रुपए से अधिक टर्नओवर वालों पर लागू होगा नियम
वित्त मंत्रालय ने अपनी सफाई में कहा है कि जीएसटी नियमों में किए गए इस बदलाव से 45 हजार टैक्सपेयर्स प्रभावित होंगे। वित्त मंत्रालय के अनुसार जिन कारोबारियों का मासिक टर्नओवर 50 लाख रुपए से ज्यादा होगा। उन्हें ही केवल जीएसटी की 1 प्रतिशत राशि नगद जमा करानी होगी।

PunjabKesari

45,000 टैक्सपेयर्स होंगे प्रभावित
वित्त मंत्रालय के स्पष्टीकरण के अनुसार जीएसटी के नियमों में 86बी नियम जोड़ने से कुल 1.2 करोड़ टैक्सपेयर्स में से केवल 45 हजार टैक्सपेयर्स ही प्रभावित होंगे। वहीं वित्त मंत्रालय के अनुसार इस बदलाव से ईमानदार डीलर और कारोबारी प्रभावित नहीं होंगे। आपको बता दें वित्त मंत्रालय ने 22 दिसंबर को एक अधिसूचना जारी करके जीएसटी नियमों में नियम 86बी जोड़ने की जानकारी दी थी।

PunjabKesari

कैट ने की 86बी रोकने की मांग
कनफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने जीएसटी में नियम 86बी को रोकने की मांग की है। इस प्रावधान पर कड़ी आपत्ति जताते हुए कैट ने शुक्रवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को पत्र भेजकर मांग की है कि इस नियम को तुरंत स्थगित किया जाए और व्यापारियों से सलाह कर ही इसे लागू किया जाए। कैट के महासचिव प्रवीन खंडेलवाल ने सीतारमण को भेजे पत्र में यह भी कहा कि अब समय आ गया है जब एक बार सरकार को व्यापारियों के साथ बैठकर जीएसटी कर प्रणाली की संपूर्ण समीक्षा करनी चाहिए तथा कर प्रणाली को और सरलीकृत करना चाहिए। कैट ने इस मुद्दे पर सीतारमण से मिलने का समय मांगा है।

Related Story

Trending Topics

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!