Edited By jyoti choudhary,Updated: 07 Nov, 2025 06:27 PM

देश के सबसे बड़े निजी क्षेत्र के बैंक HDFC बैंक ने होम लोन लेने वालों को राहत दी है। बैंक ने मार्जिनल कॉस्ट ऑफ फंड्स बेस्ड लेंडिंग रेट (MCLR) में 0.10% तक की कटौती की है। नई दरें 7 नवंबर 2025 से लागू हो गई हैं। MCLR घटने का मतलब है कि होम लोन और...
बिजनेस डेस्कः देश के सबसे बड़े निजी क्षेत्र के बैंक HDFC बैंक ने होम लोन लेने वालों को राहत दी है। बैंक ने मार्जिनल कॉस्ट ऑफ फंड्स बेस्ड लेंडिंग रेट (MCLR) में 0.10% तक की कटौती की है। नई दरें 7 नवंबर 2025 से लागू हो गई हैं। MCLR घटने का मतलब है कि होम लोन और अन्य ऋणों पर ब्याज दरें कम हो सकती हैं, जिससे ग्राहकों की ईएमआई घटने की संभावना है।
कटौती के बाद HDFC बैंक की MCLR दरें अब 8.35% से 8.60% के बीच आ गई हैं, जबकि पहले ये 8.45% से 8.65% के बीच थीं यानी बैंक ने अलग-अलग अवधि वाले लोन पर 5 से 10 बेसिस पॉइंट तक की राहत दी है।
MCLR वह न्यूनतम ब्याज दर है, जिस पर कोई बैंक ग्राहक को लोन देता है। यह दर सुनिश्चित करती है कि ब्याज दरें पारदर्शी और उपयुक्त रहें। आरबीआई ने इस व्यवस्था को 2016 में शुरू किया था।
वर्तमान में HDFC बैंक के होम लोन रेपो रेट से जुड़े हैं। बैंक की वेबसाइट के अनुसार, वेतनभोगी और स्व-नियोजित ग्राहकों के लिए होम लोन की ब्याज दरें 7.90% से 13.20% के बीच हैं। बैंक यह दरें रेपो रेट + 2.4% से 7.7% के प्रीमियम के आधार पर तय करता है। बैंक का बेस रेट 8.90% और बेंचमार्क प्राइम लेंडिंग रेट (BPLR) 17.40% प्रति वर्ष है।
ब्याज दरों में यह कटौती उन ग्राहकों के लिए राहत लेकर आई है, जिनकी EMI लंबे समय से महंगाई और ब्याज दबाव के कारण बढ़ गई थी। अगर आपका होम लोन MCLR आधारित है, तो आने वाले महीनों में आपकी ईएमआई में कमी दिखाई दे सकती है।