Edited By jyoti choudhary,Updated: 14 May, 2025 09:42 PM

पाकिस्तान के साथ हालिया सैन्य तनाव और 'ऑपरेशन सिंदूर' के बाद भारत अब उसके सहयोगी देशों खासकर चीन के खिलाफ रणनीतिक रुख अपनाने की दिशा में बढ़ रहा है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, पाकिस्तान ने भारत के खिलाफ तुर्की और चीन से मिले हथियारों का इस्तेमाल किया,...
बिजनेस डेस्कः पाकिस्तान के साथ हालिया सैन्य तनाव और 'ऑपरेशन सिंदूर' के बाद भारत अब उसके सहयोगी देशों खासकर चीन के खिलाफ रणनीतिक रुख अपनाने की दिशा में बढ़ रहा है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, पाकिस्तान ने भारत के खिलाफ तुर्की और चीन से मिले हथियारों का इस्तेमाल किया, जिसके बाद भारत ने इन सहयोगियों पर कूटनीतिक और आर्थिक दबाव बढ़ाने की योजना बनाई है।
चीन समर्थित निवेशों की समीक्षा तेज़
भारत सरकार 6 से 7 चीन समर्थित निवेश परियोजनाओं की दोबारा समीक्षा करने की तैयारी में है, जिससे इन प्रस्तावों को मंजूरी मिलने में देरी हो सकती है। एक रिपोर्ट के अनुसार, केंद्र सरकार चीन की कंपनियों के साथ विदेशी निवेश और संयुक्त उद्यम (JV) प्रस्तावों की जांच को और सख्त बना सकती है।
जानकारी के मुताबिक, आने वाले समय में चीन के किसी भी संयुक्त उद्यम या निवेश प्रस्ताव को सख्त अनुपालन आवश्यकताओं के तहत परखा जाएगा, जिससे उन्हें भारत में कार्य शुरू करने से पहले कई नियामक स्तरों से गुजरना पड़ेगा।
अप्रैल 2020 से लागू है सख्त FDI नियम
भारत सरकार ने अप्रैल 2020 में एक महत्वपूर्ण फैसला लेते हुए चीन समेत सभी पड़ोसी देशों से प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) को सरकारी मंजूरी के अधीन कर दिया था। इसका उद्देश्य महामारी के दौरान भारतीय कंपनियों के 'ऑपर्च्युनिस्टिक टेकओवर' को रोकना था।
उस समय इस कदम को लेकर चीन ने कड़ी प्रतिक्रिया दी थी। अब, भारत एक बार फिर से उस नीति को और अधिक कठोरता के साथ लागू करने की दिशा में बढ़ रहा है।
पाकिस्तान को समर्थन देने पर चीन पर नजर
भारत के इस कड़े रुख का एक और कारण चीन द्वारा पाकिस्तान को दिया गया समर्थन है। रिपोर्ट्स के अनुसार, पाकिस्तान ने भारत के खिलाफ जिन हथियारों और एयर डिफेंस सिस्टम का इस्तेमाल किया था, उनकी आपूर्ति चीन से हुई थी। ऐसे में भारत ने चीन की नीयत और उसके निवेशों को लेकर अपनी रणनीति को और सख्त करने का संकेत दिया है।