Edited By jyoti choudhary,Updated: 17 May, 2025 03:09 PM

सरकार अब क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों (RRBs) में निवेशकों और आम जनता के भरोसे को मजबूत करने के लिए उन्हें शेयर बाजार में सूचीबद्ध (लिस्ट) कराने की योजना बना रही है। इसका उद्देश्य इन बैंकों को अधिक पारदर्शी, जवाबदेह और निवेश योग्य बनाना है। केंद्र सरकार...
बिजनेस डेस्कः सरकार अब क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों (RRBs) में निवेशकों और आम जनता के भरोसे को मजबूत करने के लिए उन्हें शेयर बाजार में सूचीबद्ध (लिस्ट) कराने की योजना बना रही है। इसका उद्देश्य इन बैंकों को अधिक पारदर्शी, जवाबदेह और निवेश योग्य बनाना है। केंद्र सरकार चाहती है कि वर्ष 2027 तक कम से कम पांच RRBs को शेयर बाजार में लिस्ट कराया जाए।
ग्रामीण बैंकिंग को मजबूत करने के लिए सरकार पहले ही One State, One RRB नीति लागू कर चुकी है। इसके तहत देशभर के कई क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों का आपस में विलय किया गया है। इस प्रक्रिया के बाद RRBs की संख्या 43 से घटकर 28 रह गई है।
1 मई 2025 से चौथे चरण का विलय लागू
नवीनतम विलय 1 मई 2025 से प्रभाव में आया, जिसके बाद अब 29 RRBs, भारत के 26 राज्यों और 2 केंद्रशासित प्रदेशों में काम कर रहे हैं। ये बैंक अब देशभर में 22,000 से अधिक शाखाओं के माध्यम से लगभग 700 जिलों में ग्रामीण जनता को सेवाएं दे रहे हैं।
सरकार का उद्देश्य है कि ये बैंक सिर्फ ग्रामीण स्तर पर ही सेवाएं न दें, बल्कि पारदर्शी और भरोसेमंद वित्तीय संस्थान के रूप में विकसित होकर आम निवेशकों के लिए भी आकर्षक बनें।
एक रिपोर्ट के अनुसार, एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने कहा, “हम चाहते हैं कि RRBs को निवेशकों और आम जनता दोनों के लिए भरोसेमंद संस्थान के रूप में प्रस्तुत किया जाए। यदि ये बैंक लगातार बेहतर प्रदर्शन करते हैं, तो उन्हें शेयर बाजार में सूचीबद्ध किया जाएगा।”
लिस्टिंग के लिए तय किए गए मानदंड
- शेयर बाजार में आने से पहले RRBs को कुछ ज़रूरी शर्तें पूरी करनी होंगी:
- पिछले 3 वित्तीय वर्षों में ₹300 करोड़ से ज्यादा की नेटवर्थ
- लगातार तीन साल तक 9% से अधिक का कैपिटल एडिक्वेसी रेशियो (CAR)
- बीते 5 में से कम से कम 3 सालों में 10% से अधिक का रिटर्न ऑन इक्विटी (RoE)
- बैंक किसी भी तरह की आरबीआई की सुधारात्मक कार्रवाई के तहत नहीं होने चाहिए