Edited By jyoti choudhary, Updated: 04 Feb, 2022 11:50 AM

भारतीय रिजर्व बैंक ने महाराष्ट्र के इंडिपेंडेंस को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड का लाइसेंस रद्द कर दिया है। आरबीआई ने एक बयान में कहा, "नतीजतन, बैंक 03 फरवरी, 2022 को कारोबार की समाप्ति से बैंकिंग कारोबार करना बंद कर देगा।" आरबीआई के इस आदेश के बाद अब से यह...
बिजनेस डेस्कः भारतीय रिजर्व बैंक ने महाराष्ट्र के इंडिपेंडेंस को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड का लाइसेंस रद्द कर दिया है। आरबीआई ने एक बयान में कहा, "नतीजतन, बैंक 03 फरवरी, 2022 को कारोबार की समाप्ति से बैंकिंग कारोबार करना बंद कर देगा।" आरबीआई के इस आदेश के बाद अब से यह बैंक ग्राहकों को सेवा नहीं देगा।
केंद्रीय बैंक ने क्या कहा?
आरबीआई ने अपने बयान में कहा कि बैंक के पास पर्याप्त पूंजी और कमाई की संभावनाएं नहीं हैं। इस प्रकार, यह बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 11(1) और धारा 22 (3)(डी) के नियमों का अनुपालन नहीं करता है। बैंक धारा 22(3) (ए), 22 (3) (बी), 22 (3) (सी), 22 (3) (डी) और 22 (3) (ई) की आवश्यकताओं का पालन करने में भी विफल रहा है।
ग्राहकों के हित में लिया गया फैसला
आरबीआई ने कहा कि बैंक अपनी वर्तमान वित्तीय स्थिति के साथ अपने ग्राहकों को पूर्ण भुगतान करने में असमर्थ है, यदि बैंक को अपने बैंकिंग व्यवसाय को और आगे ले जाने की अनुमति दी जाती है तो जनहित पर प्रभाव पड़ेगा। ऐसे में ग्राहकों के हित को ध्यान में रखते हुए आरबीआई ने लाइसेंस रद्द करने का फैसला लिया है। आपको बता दें कि आरबीआई ने इंडिपेंडेंस को-ऑपरेटिव बैंक की वित्तीय स्थिति को देखते हुए पिछले साल ही पाबंदी लगा दी थी, जिसके बाद से ग्राहक 6 महीने तक पैसे नहीं निकाल सकते थे। हालांकि, बैंक की कारोबारी स्थिति में कोई सुधार नहीं होने के कारण अब आरबीआई ने लाइसेंस रद्द करने का फैसला लिया है।
ग्राहकों को दी जाएगी 5 लाख रुपए
डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट कॉर्पोरेशन (DICGC) के नियमों के मुताबिक प्रत्येक ग्राहक की 5 लाख तक की जमा राशि का बीमा होता है यानी ग्राहकों को 5 लाख रुपए तक की जमा राशि लौटा दी जाएगी। बैंक द्वारा प्रस्तुत आंकड़ों के अनुसार, 99% से अधिक जमाकर्ता डीआईसीजीसी से अपनी जमा राशि की पूरी राशि प्राप्त करने के हकदार हैं।