Bank Merger News: बैंक मर्जर को लेकर SBI का बड़ा बयान, कहा- बड़े पैमाने पर...

Edited By Updated: 15 Nov, 2025 11:58 AM

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देश के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने सरकार की उस संभावित योजना का समर्थन किया है, जिसके तहत सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के एक और दौर के विलय पर विचार किया जा रहा है। एसबीआई का मानना है कि भारत तेजी से विकसित हो रही अर्थव्यवस्था है और...

बिजनेस डेस्कः देश के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने सरकार की उस संभावित योजना का समर्थन किया है, जिसके तहत सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के एक और दौर के विलय पर विचार किया जा रहा है। एसबीआई का मानना है कि भारत तेजी से विकसित हो रही अर्थव्यवस्था है और विकास की गति बढ़ाने के लिए मजबूत, बड़े और सक्षम बैंकिंग ढांचे की आवश्यकता है। इसी दृष्टि से यह कदम अर्थव्यवस्था और बैंकिंग सेक्टर दोनों के लिए लाभदायक हो सकता है।

एसबीआई के चेयरमैन चल्ला श्रीनिवासुलु सेट्टी ने एक इंटरव्यू में कहा कि अभी भी कई छोटे सरकारी बैंक ऐसे हैं जो बड़े पैमाने पर प्रतिस्पर्धा करने में सक्षम नहीं हैं, इसलिए उनका एकीकरण समझदारी भरा होगा। उन्होंने स्पष्ट कहा कि यदि सरकार विलय का एक और दौर लेकर आती है, तो इसमें कोई बुराई नहीं है और यह बैंकिंग सिस्टम को मजबूत करेगा।

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पिछले दशक में हुए बड़े बैंक विलयों के बाद वर्तमान में देश में 12 सरकारी बैंक बचे हैं, जो एचडीएफसी बैंक और एचएसबीसी जैसे निजी और विदेशी बैंकों के साथ प्रतिस्पर्धा कर रहे हैं। 787 अरब डॉलर की बैलेंस शीट के साथ एसबीआई सबसे आगे है और इसके पास 22,500 से अधिक शाखाओं व 50 करोड़ से ज्यादा ग्राहक हैं। केंद्र सरकार भी बड़े सरकारी बैंक बनाने के विकल्पों का आकलन कर रही है, ताकि बुनियादी ढांचे और औद्योगिक परियोजनाओं के लिए बड़े स्तर पर फंडिंग सुनिश्चित की जा सके। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2047 तक भारत को विकसित अर्थव्यवस्था बनाने का लक्ष्य रखा है, जिसके लिए बैंकिंग सेक्टर से GDP के मुकाबले फंडिंग को 56 प्रतिशत से बढ़ाकर 130 प्रतिशत तक पहुंचाना होगा।

टॉप 100 बैंक में भारत के 2 बैंक

वर्तमान वैश्विक बैंकिंग रैंकिंग में भारत के केवल दो बैंक एसबीआई और एचडीएफसी बैंक ही टॉप 100 में स्थान बना पाए हैं। वहीं चीन और अमेरिका के बैंक शीर्ष दस में मजबूत उपस्थिति रखते हैं। भारत सरकार निवेश आकर्षित करने और वैश्विक सप्लाई चेन में बदलाव का लाभ उठाने के लिए कर सुधार सहित कई कदम उठा रही है।

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एसबीआई के चेयरमैन ने यह भी कहा कि अमेरिकी टैरिफ से निर्यातकों पर दबाव जरूर पड़ा है लेकिन बैंक को अब तक किसी बड़े क्षेत्र में गंभीर संकट नहीं दिखाई दिया है। एसबीआई निर्यातकों को समर्थन जारी रखे हुए है और जरूरत पड़ने पर अस्थायी राहत या सुविधा विस्तार की व्यवस्था भी कर रहा है।

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एसबीआई में सरकार की हिस्सेदारी

सरकार की एसबीआई में 55 प्रतिशत हिस्सेदारी है। बैंक कॉर्पोरेट कैपेक्स में सुधार के संकेत देख रहा है, हालांकि ऋणों की कीमतें ऊंची बनी हुई हैं। सेट्टी के अनुसार, कॉर्पोरेट लोन सेगमेंट अत्यधिक प्रतिस्पर्धी है क्योंकि बड़े उधारकर्ताओं की संख्या सीमित है। हाल ही में बैंक ने वित्त वर्ष के लिए अपने क्रेडिट ग्रोथ अनुमान को 11–12 प्रतिशत से बढ़ाकर 12–14 प्रतिशत कर दिया है।

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वर्तमान में देश में कुल 12 सरकारी बैंक सक्रिय हैं, जिनमें एसबीआई, बैंक ऑफ बड़ौदा, पंजाब नेशनल बैंक, केनरा बैंक, बैंक ऑफ इंडिया, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ महाराष्ट्र, यूको बैंक, इंडियन बैंक, इंडियन ओवरसीज बैंक, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया और पंजाब एंड सिंध बैंक शामिल हैं।
 

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