टाटा-बिरला खोल सकते हैं अपना बैंक, RBI कर रहा प्रस्ताव पर विचार

Edited By jyoti choudhary,Updated: 21 Nov, 2020 12:28 PM

tata birla may open its bank rbi deliberates on proposal

भारत के दो बड़े बिजनेस समूहों ने बैंकिंग लाइसेंस लेने का मन बना लिया है। टाटा ग्रुप और आदित्य बिरला ग्रुप इस बात का आकलन कर रहे हैं कि रिजर्व बैंक की गाइडलाइन्स उनके पक्ष में हैं या नहीं। शुक्रवार को ही रिजर्व बैंक की एक कमेटी ने

बिजनेस डेस्कः भारत के दो बड़े बिजनेस समूहों ने बैंकिंग लाइसेंस लेने का मन बना लिया है। टाटा ग्रुप और आदित्य बिरला ग्रुप इस बात का आकलन कर रहे हैं कि रिजर्व बैंक की गाइडलाइन्स उनके पक्ष में हैं या नहीं। शुक्रवार को ही रिजर्व बैंक की एक कमेटी ने बैंकिंग कानून में कुछ बदलाव कर के इंडस्ट्रियल हाउस को बैंकिंग लाइसेंस ऑफर करने का सुझाव दिया है। ऐसे में हो सकता है कि आने वाले वक्त में आपको टाटा और बिरला के बैंक भी दिखें।

रिजर्व बैंक की कमेटी ने दिया है ये सुझाव
कमेटी ने सुझाव दिया है कि जिन इंडस्ट्रियल हाउस के एनबीएफसी के पास 50 हजार करोड़ रुपए से अधिक के असेट्स हैं, उन्हें बैंक में बदल दिया जाना चाहिए। टाटा ग्रुप की एनबीएफसी टाटा कैपिटल के पास करीब 74,500 करोड़ रुपए के असेट्स हैं, जबकि आदित्य बिरला की आदित्य बिरला कैपिटल के पास लगभग 59 हजार करोड़ रुपए के असेट्स हैं। आदित्य बिरला ग्रुप के प्रवका ने रिजर्व बैंक की कमेटी के सुझाव का स्वागत करते हुए कहा कि अच्छे रेकॉर्ड वाली एनबीएफसी इस दिशा में अच्छा प्रदर्शन कर सकती हैं।

हमेशा से बैंकिंग में घुसना चाहते हैं टाटा-बिरला
दोनों की बिजनेस समूह हमेशा से ही बैंकिंग क्षेत्र में घुसने की कोशिश कर रहे हैं। 2013 में दोनों ही कंपनियों ने बैंकिंग लाइसेंस के लिए आवेदन भी किया था, जब रिजर्व बैंक ने निजी क्षेत्र में बैंकिंग के मौके की बात करते हुए गाइडलाइन्स जारी की थीं। हालांकि, जब टाटा सन्स को पता चला कि रिजर्व बैंक की गाइडलाइन्स बहुत ही सख्त हैं, जिससे टाटा ग्रुप के अन्य बिजनेस को नुकसान पहुंच सकता है तो उसने बैंकिंग आवेदन को वापस ले लिया। वहीं आदित्य बिरला ग्रुप को लाइसेंस नहीं मिल पाया था, क्योंकि रिजर्व बैंक ने किसी भी इंडस्ट्रियल हाउस को बैंकिंग की इजाजत देने से मना कर दिया था।

...तब सिर्फ इन दो बैंकों को मिला था लाइसेंस
2013 में सिर्फ आईडीएफसी बैंक और बंधन बैंक को ही बैंकिंग लाइसेंस मिल सका था। कुछ और इंडस्ट्रियल हाउस जैसे बजार और लार्सेन एंड टूब्रो भी इस बार बैंकिंग लाइसेंस के लिए आवेदन कर रहे हैं, जिन्होंने 2013 में बैंकिंग लाइसेंस के लिए रुचि दिखाई थी। इन बिजनेस समूहों के पास भारत के मिडसाइज बैंकों से भी बड़ी एनबीएफसी हैं। इस बार ये देखना दिलचस्प रहेगा कि टाटा और बिरला को बैंकिंग सेक्टर में घुसने का दूसरा मौका फायदे वाला साबित होता है या नहीं।

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