Edited By Niyati Bhandari,Updated: 05 Dec, 2022 08:05 AM
देश की फर्स्ट लाइन ऑफ डिफैंस बी.एस.एफ. पर देशवासियों को नाज है। बॉर्डर पर जब भी कोई शत्रु हमला करता है या फिर घुसपैठ करने और नशीले पदार्थों की
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अमृतसर (नीरज): देश की फर्स्ट लाइन ऑफ डिफैंस बी.एस.एफ. पर देशवासियों को नाज है। बॉर्डर पर जब भी कोई शत्रु हमला करता है या फिर घुसपैठ करने और नशीले पदार्थों की तस्करी करने का प्रयास करता है तो सबसे पहले बी.एस.एफ. ही शत्रु का सामना करती है। ये शब्द श्री गुरु नानक देव यूनिवर्सिटी में आयोजित बी.एस.एफ. के 58वें स्थापना दिवस पर आयोजित समागम के दौरान मुख्यातिथि केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने कहे।
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नित्यानंद राय ने परेड के शानदार प्रदर्शन और पवित्र शहर अमृतसर में कार्यक्रम आयोजित करने के निर्णय की सराहना की। ड्यूटी के दौरान अपने प्राणों की आहुति देने वाले बी.एस.एफ. के बहादुरों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उन्होंने 1971 के युद्ध जैसी विभिन्न ऐतिहासिक घटनाओं में बी.एस.एफ. की भूमिका को याद किया, जब बी.एस.एफ. जवानों ने प्रारंभिक अवस्था में होने के बावजूद संख्यात्मक रूप से बेहतर बल के खिलाफ बहादुरी से लड़ाई लड़ी थी।
मुख्यातिथि ने भारत की पहली रक्षा पंक्ति के रूप में बी.एस.एफ. की भूमिका की सराहना की। उन्होंने भारत सरकार द्वारा बलों में लागू किए गए विभिन्न कल्याणकारी उपायों और विभिन्न प्राकृतिक आपदाओं के दौरान कर्मियों के योगदान और बलिदान की बात की। उन्होंने कहा कि भारत सरकार परिचालन चुनौतियों का सामना करने के लिए सर्वोत्तम तकनीकी उपकरण और बुनियादी ढांचा प्रदान करने में कोई कसर नहीं छोड़ेगी।