Edited By Niyati Bhandari,Updated: 12 Aug, 2023 07:54 AM
हमारे जीवन में भाग्य का बली होना अत्यंत आवश्यक है, भाग्य के बली होने पर ही व्यक्ति जीवन में ऊंचाईयों को छू पाता है। इस दुनिया में हर व्यक्ति अपने जीवन को सुखी
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Astro Remedies For Luck: हमारे जीवन में भाग्य का बली होना अत्यंत आवश्यक है, भाग्य के बली होने पर ही व्यक्ति जीवन में ऊंचाईयों को छू पाता है। इस दुनिया में हर व्यक्ति अपने जीवन को सुखी समृद्ध और संपन्न बनाना चाहता है। प्रत्येक व्यक्ति चाहता है कि उसे हर काम में सफलता मिले और हर जगह उसकी खूब तारीफ हो, हालांकि कुछ लोग धन और मान-सम्मान पाने के लिए कड़ी मेहनत और संघर्ष करते हैं, इस में से कुछ लोग सफल होते हैं तो कुछ लोगों को कड़ी मेहनत करने के पश्चात भी असफलता ही हाथ लगती है। यदि भाग्य ही निर्बल हो जाए तब अत्यधिक प्रयास के बावजूद भी व्यक्ति को संतोषजनक परिणाम नहीं मिलते हैं। जीवन में कई बार ऐसी परिस्थितियां आती हैं, जब अत्यधिक प्रयास व मेहनत करने पर भी सफलता प्राप्त नहीं हो पाती। योग्य व्यक्ति भी बेकारी का जीवन व्यतीत करता हुआ दिखता है। दुर्भाग्य मानव जीवन का सबसे दुखद हिस्सा होता है। व्यक्ति दीमक लगे हुये के समान अंदर ही अंदर खोखला हो जाता है।
भाग्य को मजबूत बनाने के लिए बुद्धि, परिश्रम, आत्मविश्वास और ईश्वर का आशीर्वाद, ये चार चीजें जिन्हें मिल जाती हैं, उन्हें कामयाब होने से कोई रोक नहीं सकता। जातक के भाग्य का विचार जन्मकुंडली के नवम भाव से किया जाता है, किसी भी व्यक्ति की जन्मकुंडली में उसका भाग्य भाव, भाग्येश तथा भाग्य भाव को प्रभावित करने वाले ग्रह विशेष महत्व रखते हैं, यदि नवम भाव का अधिपति अशुभ स्थान में हो व नवम भाव पाप ग्रहों से युक्त या दृष्ट हो तो भाग्य व्यक्ति का पग-पग पर साथ छोड़ देता है।
जिन लोगों की कुंडली में भाग्य भाव दूषित होता है। उनको प्रत्येक कार्य में असफलता का सामना करना पड़ता है। भाग्य का साथ छोड़ देने से व्यक्ति के जीवन में अशांति का वातावरण बना रहता है। इन दोषों के निवारण के लिए ज्योतिष शास्त्र में बहुत से उपाय बताये गए हैं। जिन्हें अपनाने से दुर्भाग्य को दूर किया जा सकता है। यदि अनेक प्रयत्नों के बाद भी आपका भाग्य साथ नहीं दे रहा हो तो ये उपाय करें, आपकों निश्चित रूप से लाभ प्राप्त होगा।
Good Luck Upay: भाग्य को प्रबल करने के विशेष उपाय-
कनकधारा स्त्रोत्र का नित्य पाठ करें व स्फटिक की माला धारण करें।
भागेश कमजोर हो तो गणेश जी की आराधना करें, उन्हें दूर्वा अर्पण करें और गाय को हरा चारा खिलाएं।
माता-पिता व गुरुजन की सेवा करें और उनसे आशीर्वाद प्राप्त करें, भाग्य बढ़ाने के लिये ये कारगर उपाय है।
ध्यान रहे कि जब भी आप घर में प्रवेश करें तो कभी खाली हाथ न जाएं, घर में हमेशा कुछ न कुछ लेकर ही प्रवेश करें, चाहे वह पेड़ का पत्ता ही क्यों न हो।
''श्री यंत्र'' जिसे लक्ष्मी का प्रतीक यंत्र माना जाता है, इसे घर में लाकर शुक्रवार के दिन शुद्ध गाय के दूध से अभिषेक कर उस यंत्र की प्रतिष्ठा करें, अभिषेक किये हुए दूध को फूल के द्वारा पूरे घर में छिड़क दें, पूजन के बाद श्री यंत्र को अपने घर में तिजोरी या धन के स्थान पर रखें। ऐसा करने से मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और धन लाभ का वरदान देती हैं।
शुक्रवार के दिन दक्षिणावर्ती शंख में शुद्ध जल में गंगा जल मिलाकर भगवान विष्णु का अभिषेक करें। इस अभिषेक के करने से माता लक्ष्मी अत्यधिक प्रसन्न होती हैं और धन लाभ और धन-वैभव का वरदान देती हैं, यदि भाग्येश सूर्य हो तो गायत्री मंत्र का जप करना चाहिए और सूर्य को नियमित अर्घ्य देना चाहिए।
स्कूल या धार्मिक संस्था में केले का पेड़ जोड़े के रूप में लगायें और नित्य उनकों सींचे जैसे जैसे केले के पेड़ बढ़ेंगे। आपकी समृद्धि और उन्नति में विकास होना शुरु हो जायेगा।
लगातार सात मंगलवार हनुमान जी को चौला चढ़ाएं तथा उनके बांये पैर के सिंदूर से अपने माथे पर नित्य टीका लगायें आपका भाग्य आपके साथ चलने लगेगा।
किसी भी तालाब, झील या नदी में मछलियों को नित्य जाकर आटे की गोलियां खिलाएं। मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने का यह बहुत ही अचूक उपाय है। नियमित रूप से जो यह उपाय करता है, कुछ ही दिनों में उसके काम बनने लगते हैं।
वैदिक ग्रंथों के अनुसार घर में बन रहे भोजन में से पशु (गौ माता) का हिस्सा भी अलग से रखें। वर्तमान में भोजन के लिए बनाई जा रही रोटी को गाय या किसी पशु के लिए निकाल लें और उसे खिलाएं। गौमाता धरती पर ईश्वर का वरदान मानी जाती है। ऐसा करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं, आदित्यह्रदय स्तोत्र का पाठ व सूर्य मंत्र का जप प्रतिदिन करना चाहिए।
गणेश जी को 41 दिन तक तीन सुपारी अर्पित करें, ऐसा करने से समस्त मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं।
घर में स्थापित देवी-देवताओं को रोज ताजे फूलों से श्रृंगारित करना चाहिए, घर में स्थापित देवी-देवताओं को फूल आदि अर्पित करने से वे प्रसन्न होते हैं व साधक का भाग्य चमका देते हैं।
जिस दिन शुभ कार्य हो उस दिन एक मुठ्ठी गेहूं लें और उसे लाल कपड़े में पोटली जैसा बांधकर उसे घर की पूर्व दिशा में किसी कोने में रख दें। आपका जो भी शुभ कार्य है, वह ईश्वर की कृपा से आपके ईष्ट देव की कृपा से बिना किसी बाधा के पूरा हो जाएगा।
लक्ष्मी सूक्त का नित्य पाठ करें व स्फटिक की माला से शुक्र के बीज मन्त्र का जप करें।
विष्णु जी की आराधना करें और पीली वस्तुओं का दान करें।
हिन्दू धर्म में एकादशी और प्रदोष का व्रत रखने के पीछे का विज्ञान यह है कि यह आपके ग्रह दोषों का निवारण करके आपके भाग्य की वृद्धि करता है और खराब प्रभाव को बेअसर कर शुभता में बदल देता है। प्रत्येक पक्ष (शुक्ल और कृष्ण पक्ष) की एकादशी और त्रयोदशी को विधिपूर्वक व्रत रखने से आपके जीवन से निर्धनता और सभी तरह के संकट दूर हो जाएंगे।
घर के मुख्या का कमरा हमेशा स्वच्छ रखें, घर के नलकों का ध्यान रखें, ये टपकते हुए नहीं होने चाहिये, उत्तर दिशा को अधिक से अधिक खाली रखें अथवा भारी समान न रखें, घर के पूजा स्थल को हमेशा स्वच्छ रखें ये कुछ उपाय हैं जिनके द्वारा आपके घर का वास्तुदोष दूर होगा तथा भाग्य साथ देने लगेगा।
वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड राष्ट्रीय गौरव रत्न से विभूषित
पंडित सुधांशु तिवारी
एस्ट्रोलॉजर/ ज्योतिषाचार्य
9005804317