Edited By Niyati Bhandari,Updated: 23 Mar, 2023 08:05 AM
जिला ऊना का चिंतपूर्णी मंदिर जिसे चिंतपूर्णी अर्थात चिंताओं को दूर करने वाली देवी छिन्नमस्तिका भी कहा जाता है। यह मंदिर देश के 51 शक्तिपीठों में से एक है। मान्यता के अनुसार इस स्थान पर विष्णुचक्र
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चिंतपूर्णी (सुनील): जिला ऊना का चिंतपूर्णी मंदिर जिसे चिंतपूर्णी अर्थात चिंताओं को दूर करने वाली देवी छिन्नमस्तिका भी कहा जाता है। यह मंदिर देश के 51 शक्तिपीठों में से एक है। मान्यता के अनुसार इस स्थान पर विष्णुचक्र द्वारा कटे सती के चरण गिरे थे। देवी भक्त माई दास के पिता दुर्गा माता के परमभक्त थे और माई दास भी अपने पिता की भांति दुर्गा मां का अनन्य भक्त था।
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माई दास के 2 भाई इसे पसंद नहीं करते थे। पिता ने अपने जीवित रहते ही माई दास की शादी करवा दी थी और उसकी पूजा भक्ति से प्रसन्न होकर वह उसके परिवार का पूरा ध्यान रखते थे। जब पिता जी स्वर्ग सिधार गए तो दोनों भाइयों ने उसे अलग कर दिया। माई दास के परिवार पर अनेक मुसीबतें आईं परंतु उसकी आस्था मां दुर्गा में अटूट बनी रही।