Edited By Sarita Thapa,Updated: 02 May, 2025 01:51 PM

Inspirational Story: छात्र जीवन में स्वामी रामतीर्थ को दूध बड़ा पसंद था। वह एक दुकान से प्रतिदिन दूध लिया करते थे। एक बार पैसों की तंगी होने के कारण एक महीने के दूध का दाम दुकानदार को नहीं दे पाए।
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Inspirational Story: छात्र जीवन में स्वामी रामतीर्थ को दूध बड़ा पसंद था। वह एक दुकान से प्रतिदिन दूध लिया करते थे। एक बार पैसों की तंगी होने के कारण एक महीने के दूध का दाम दुकानदार को नहीं दे पाए। इसके कुछ ही दिनों बाद उनकी लाहौर के एक कालेज में अध्यापक के पद पर नियुक्ति हो गई और उन्हें नियमित वेतन मिलने लगा। तब वह हर महीने दुकानदार को मनीऑर्डर से रकम भेजने लगे।
संयोग से उस दुकानदार को लाहौर जाना पड़ा और उसकी मुलाकात स्वामी जी से हुई। वह उनसे हाथ जोड़कर बोला, “आपसे एक ही महीने का पैसा आना था, लेकिन आप तो पिछले कई महीनों से नियमित पैसे भेज रहे हैं। मैं आपके बाकी के सभी जमा पैसे लौटा रहा हूं और आगे से आप पैसे न भेजा करें।”

स्वामी जी ने मुस्कुराते हुए कहा, “भैया, मैं आपका बहुत आभारी हूं। मैं जीवन भर आपका कर्ज नहीं उतार सकता। आपके कारण ही मेरा स्वास्थ्य अच्छा रहा और मैं यहां तक पहुंच पाया हूं। जो व्यक्ति जितना लेते हैं, उतना नाप-तोल कर देते हैं, तो वे मनुष्य हैं। जो थोड़ा लेकर सदा उसका अहसान मानते हैं और उसे बिना नाप-तोल के चुकाने का प्रयास करते हैं वे ईश्वर के निकट पहुंचते हैं। मैं भी ईश्वर के नजदीक जाने का ही प्रयास कर रहा हूं, क्योंकि कदाचित तुम्हारी बदौलत ही प्रभु ने मुझे इस योग्य बनाया है।” यह सुनते ही दुकानदार स्वामी जी के चरणों में नतमस्तक हो गया।
