जानें, क्यों नामांकन से पहले PM MODI करेंगे काशी के कोतवाल के दर्शन ?

Edited By Jyoti,Updated: 24 Apr, 2019 12:23 PM

kashi ke kotwal kaal bhairav

जैसे कि सब जानते हैं लोक सभा चुनाव के दिन चल रहे हैं। जिस कारण प्रधानमंत्री के साथ-साथ कई नेता मंदिर व अन्य धार्मिक स्थलों पर जा रहे हैं।

ये नहीं देखा तो क्या देखा (VIDEO)
जैसे कि सब जानते हैं लोक सभा चुनाव के दिन चल रहे हैं। जिस कारण प्रधानमंत्री के साथ-साथ कई नेता मंदिर व अन्य धार्मिक स्थलों पर जा रहे हैं। कहा जा रहा है अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब अपने संसदीय क्षेत्र में जाएंगे तो वहां वह सबसे पहले बाबा विश्वनाथ का दर्शन करके उनसे आशीर्वाद मांगेंगे, मगर नामांकन से पहले वह काशी के कोतवाल के सामने हाज़िरी लगाने जाएंगे। हाल ही में यहां भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह ने भी पहुंच कर सत्ता में दोबारा वापसी के लिए साधना-आराधना की थी। लेकिन क्या आप जानते हैं कि आखिर वाराणासी आने वाले हर व्यक्ति को इस मंदिर बाबा विश्वनाथ के दर्शन के बाद काशी के कोतवाल यानि काल भैरव मंदिर में मत्था क्यों टेकना पड़ता है।

PunjabKesari, Kashi ke Kotwal, Kaal bhairav, Dharmik Sthal

मोदी पर 2019 की सबसे सटीक भविष्यवाणी ! (VIDEO)

भगवान शिव के रुद्र अवतार बाबा कालभैरव का काशी से बहुत गहरा संबंध है, जिस कारण इन्हें काशी का कोतवाल कहा जाता है। ऐसा कहा जाता है कि काशी में इन्हें स्वयं महादेव ने यहां नियुक्त किया था। मान्यता है कि काशी में रहने के लिए हर व्यक्ति को यहां बाबा भैरव की आज्ञा लेनी पड़ती है। तो वहीं बनारस में प्रचलित मान्यताओं के अनुसार बाबा विश्वनाथ काशी के राजा हैं और काल भैरव इन प्राचीन नगरी के कोतवाल।
PunjabKesari, Kashi ke Kotwal, Kaal bhairav, Dharmik Sthal
पौराणिक कथाओं के मुताबिक काल भैरव को काशी के कोतवाल कहे जाने के पीछे एक रोचक कथा प्रचलित है। शिवपुराण की कथा में किए गए उल्लेख के मुताबिक एक बार ब्रह्मा जी और विष्णु जी में बड़ा कौन है, इस बात पर विवाद पैदा हो गया। जिस दौरान ब्रह्माजी ने भगवान शंकर की निंदा कर दी, जिस कारण भगवान शंकर क्रोधित हो गए और उनके क्रोध से काल भैरव का प्राकट्य हुआ। इसके बाद शिव जी ने उन्हें आज्ञा दी कि अपने नाखूनों से ब्रह्माजी का पांचवा सिर काट दो। जिस कारण उन्हें ब्रह्रा हत्या का पाप लगा।

एक सफल नेता में होने चाहिए ये गुण ! (VIDEO)

PunjabKesari, Kashi ke Kotwal, Kaal bhairav, Dharmik Sthal
इसी पाप से मुक्ति दिलाने के लिए भोलेनाथ ने काल भैरव को पृथ्वी पर रहकर प्रायश्चित करने के लिए कहा। महादेव ने उन्हें बताया कि जब ब्रह्रमा जी का कटा हुआ सिर उनके हाथ से गिर जाएगा, तब वे ब्रह्रा हत्या के पाप से मुक्त हो जाएंगे। एक किवदंती के अनुसार कि पृथ्वी पर उनकी ये यात्रा काशी में जाकर समाप्त हुई थी। जिसके बाद भगवान भैरव यहीं स्थापित हो गए और काशी के कोतवाल कहलाए जाने लगे।
PunjabKesari, Kashi ke Kotwal, Kaal bhairav, Dharmik Sthal

Related Story

Trending Topics

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!