Edited By Jyoti,Updated: 27 Mar, 2022 02:12 PM
महान वैज्ञानिक बैंजामिन फ्रैंकलिन की एक पुस्तकों की दुकान थी। एक बार उनकी दुकान पर एक ग्राहक आया और एक
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महान वैज्ञानिक बैंजामिन फ्रैंकलिन की एक पुस्तकों की दुकान थी। एक बार उनकी दुकान पर एक ग्राहक आया और एक किताब की ओर इशारा करते हुए काउंटर पर बैठे व्यक्ति से पूछा, ‘‘इस किताब का मूल्य क्या है?’’
उसने जवाब दिया, ‘‘दो डॉलर।’’
कुछ देर वह चुप रहा, फिर उसने पूछा, ‘‘इस दुकान के मालिक कहां हैं? मुझे उनसे बात करनी है।’’
काऊंटर वाला व्यक्ति बोला, ‘‘वह आधे घंटे बाद यहां आएंगे।’’
ग्राहक बोला, ‘‘ठीक है, मैं आधे घंटे बाद ही आता हूं।’’
मालिक फ्रैंकलिन के आने के बाद ग्राहक ने उनसे पूछा, ‘‘इस किताब का मूल्य क्या है?’’
फ्रैंकलिन ने कहा, ‘‘सवा दो डालर।’’
ग्राहक ने कहा, ‘‘अभी तो आपका स्टाफ 2 डालर बता रहा था और आप सवा 2 डालर बता रहे हैं।’’
फ्रैंकलिन कुछ नहीं बोले और अपना काम करते रहे। थोड़ी देर सोचने-विचारने के बाद उस ग्राहक ने फिर पूछा, ‘‘अच्छा बताइए, मैं आपको इसका क्या उचित मूल्य दे सकता हूं?’’
फ्रैंकलिन ने इस बार उससे कहा, ‘‘अढ़ाई डालर।’’
यह सुन कर ग्राहक सकते में आ गया और शिकायत के लहजे में तुनककर कहा, ‘‘पर अभी-अभी तो आपने सवा 2 डालर बताया था। क्या आपके यहां किसी चीज के दाम तय नहीं है। एक बार में एक ही ग्राहक को बार-बार बदल कर कीमत बता रहे हैं।’’
तब फ्रैंकलिन ने उसे शांतिपूर्वक समझाया, ‘‘देखो युवक, शायद तुम्हें समय की कीमत का ज्ञान नहीं है। इतनी देर से तुम मेरा और मेरे स्टाफ का समय बर्बाद कर रहे हो। किताब लेनी होती तो तुमने कब की ले ली होती। अब जो समय हमारा खराब किया है, उसका मूल्य भी तो इसमें शामिल है।’’
यह सुनते ही ग्राहक को समय का ज्ञान हुआ और वह मूल्य चुका कर किताब ले गया।
याद रखें कि समय समाप्त हो जाने के बाद किसी चीज का कोई महत्व नहीं रह जाता। काम को टालना नहीं, सही समय पर उसे पूरा करने की कोशिश करें। समय के महत्व के बारे में हम सभी जानते हैं लेकिन जब उसका पालन करना होता है तो टालने के रवैये से बाज नहीं आते।