Shani Nakshatra 2024 Parivartan Effects: शनि का नक्षत्र परिवर्तन 6 राशियों के लिए शुभ

Edited By Prachi Sharma,Updated: 13 Apr, 2024 07:27 AM

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शनिदेव की स्थिति में परिवर्तन हो रहा है। शनिदेव 1 साल से ज्यादा लंबे समय बाद नक्षत्र परिवर्तन करने जा रहे हैं। शनिदेव का गोचर इस समय सतभिषा नक्षत्र

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Shani Nakshatra 2024 Parivartan Effects: शनिदेव की स्थिति में परिवर्तन हो रहा है। शनिदेव 1 साल से ज्यादा लंबे समय बाद नक्षत्र परिवर्तन करने जा रहे हैं। शनिदेव का गोचर इस समय सतभिषा नक्षत्र से हो रहा है। यह राहु का नक्षत्र है और 15 मार्च 2023 से शनि इसी नक्षत्र में हैं। अब 6 अप्रैल को शनि पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र में आ जाएंगे। यह नक्षत्र गुरु का नक्षत्र है। निश्चित तौर पर शनि गुरु जैसे फल करना चाहेंगे। गुरु का काम हौता है बांटना। गुरु धन, ब्लेसिंग्स, संतान और ज्ञान के कारक हैं। निश्चित तौर पर जब शनि इसके नक्षत्र में है, तो इनके नक्षत्र के मुताबिक ही फल करेंगे। इस गोचर का छह राशियों को बहुत फायदा होने जा रहा है।  

मेष राशि: शनि के पूर्व भाद्रपद नक्षत्र में गोचर करने का मेष राशि के जातकों को अगले छह महीने के लिए काफी फायदा होगा। इसका कारण यह है कि मेष राशि के जातकों के लिए शनि का गोचर इस समय 11वें भाव से हो रहा है। 11वें भाव में शनि शुभ गोचर में होते हैं। निश्चित तौर पर आपका गोचर शुभ चल रहा है। 11वां भाव आपकी तरक्की का भाव है। आपकी एलिवेशन और इनकन और आपकी इच्छाओं की पूर्ति यही से आती है। जिस भाव में शनि गोचर करते हैं या होते हैं। उस भाव को मजबूत कर देते हैं। शनि आपकी कुंडली में कर्म और आय के स्वामी है। गुरु संतान, ज्ञान, फाइनेंस और धन के कारक हैं। निश्चित तौर पर आपके लिए सबसे पहले काम धन की वृद्धि का होगा क्योंकि शनि आय भाव से गोचर कर रहे हैं। दूसरा गोचर जो है, गुरु के नक्षत्र में हो गया। इसलिए धन की वृद्धि हो सकती है। इच्छाओं की पूर्ति हो सकती है। किसी कारण आपकी प्रमोशन रुकी है, तो अगले छह महीने में अच्छी खबर आ सकती है। आपके घर में संतान आने वाली है, तो वहां पर भी आपको उसका फायदा हो सकता है। आप थोड़ा सा सुस्त महसूस करेंगे क्योंकि चंद्रमा के ऊपर शनि  की दृष्टि है। शनि का गुरु के इस नक्षत्र में गोचर करने का आपको बहुत फायदा होगा।  

मिथुन राशि: शनि के पूर्व भाद्रपद नक्षत्र में गोचर करने का मिथुन राशि को बहुत फायदा होने जा रहा है। यहां पर भाग्य स्थान पर शनि की राशि आ जाती है और भाग्य स्थान से ही शनि गोचर कर रहे हैं। निश्चित तौर पर जब दशा नाथ आपके भाग्य स्थान पर हैं और भाग्य स्थान से गोचर करने के साथ-साथ गुरु के नक्षत्र में आ गया। यह भाव भी गुरु का ही होता है। भाग्य स्थान के कारक गुरु होते हैं। यहां पर आप ट्रेवल कर सकते हैं। धार्मिक यात्रा कर सकते हैं। शनि की तीसरी दृष्टि 11वें भाव पर हैं। यहां पर 11वां भाव एक्टिव है। आपकी प्रमोशन की अच्छी खबर आ सकती है। आय में वृद्धि होगी। आपके भाइयों का आपको पूरा साथ मिलेगा। यदि आपके ऊपर कर्ज है, तो वहां से आपको मुक्ति मिलनी शुरू होगी। अगले छह महीने आपके लिए अच्छे रहेंगे। कोर्ट-कचहरी के काम में भी आपको राहत मिलेगी। 

कन्या राशि: शनि के पूर्व भाद्रपद नक्षत्र में गोचर करना कन्या राशि के जातकों के लिए अच्छा रहने वाला है। कन्या राशि के जातकों के लिए शनि की मकर राशि 5वें भाव में आती है और छठे भाव में शनि की कुंभ राशि है और यहीं से गोचर हो रहा है। शनि के छठे का गोचर शुभ होता है। यह रोग, ऋण और शत्रु का भाव है। जब शनि फाइनेंस के कारक ग्रह गुरु के नक्षत्र में गोचर करेंगे। जिनके ऊपर कर्ज है या फिर कहीं पर पैसे फंसे हुए हैं। जिनसे ऊपर कोर्ट का केस है। वहां से अच्छी खबर मिल सकती है। संतान के पक्ष से भी कोई अच्छी खबर मिल सकती है। विदेश जाने का योग बन सकते हैं। भाई की तरफ से भी अच्छी खबर मिल सकती है।

तुला राशि: शनि के पूर्व भाद्रपद नक्षत्र में गोचर करना तुला राशि के जातकों के लिए बहुत अच्छा है। इसका कारण यह है कि तुला राशि के जितने भी जातक हैं, जिनकी उमर 30 से 50 साल है। उनके ऊपर शनि की महादशा चल रही है। तुला राशि के जातकों के लिए शनि योगा कारक हैं। चौथे भाव में शनि की मकर राशि और पांचवे भाव में शनि की कुंभ राशि है। पंचन भाव से ही गोचर हो रहा है। यहां पर पंचम भाव गुरु का ही भाव है क्योंकि गुरु इस भाव के कारक है। 11वें भाव पर शनि की सीधी पड़ रही है और पार्टनर के भाव पर शनि की तीसरी दृष्टि है। पार्टनर की करफ से कोई अच्छी खबर मिल सकती है। नौकरी पेशा लोगों को प्रमोशन मिलने की संभावना है। आय में वृद्धि हो सकती है। संतान पक्ष की तरफ से अच्छी खबर आ सकती है। निश्चित तौर पर धन में वृद्धि का काम तो शनि यहां पर गुरु के नक्षत्र में रहकर करेंगे । 

धनु राशि: शनि का गुरु के नक्षत्र में गोचर करना धनु राशि के जातकों के लिए काफी अच्छा है क्योंकि यहां पर शनि का गोचर तीसरे भाव में हो रहा है। तीसरे भाव में शनि का गोचर अच्छा होता है और यहां पर भी गुरु के नक्षत्र में गोचर होना ज्यादा अच्छा है क्योंकि शनि इस राशि के स्वामी भी है। शनि आपको संतान पक्ष की अच्छी खबर दे सकते हैं। शनि आपका फौरन ट्रेवल करवा सकते हैं। शनि यहां पर धन भाव के स्वामी हैं। धन भाव भी गुरु का ही भाव होता है। गुरु इस भाव के कारक होते हैं। निश्चित तौर पर यहां पर आपके संचित धन में वृद्धि हो सकती है।  

कुंभ राशि: शनि के पूर्व भाद्रपद नक्षत्र में गोचर करना कुंभ राशि के जातकों के लिए बहुत अच्छा है। एक तो राशि के ऊपर से यह गोचर हो रहा है। कह सकते हैं कि यह साढ़ेसाती का दूसरा फेस है। लेकिन गुरु के नक्षत्र में गोचर होगा। इस समय कुंभ राशि के 30 से 50 साल के ऐसे जातक है, जिसके ऊपर शनि की महादाशा चल रही है। महादशा नाथ का गुरु के नक्षत्र में आ जाना आपके लिए अच्छा है क्योंकि गुरु आपकी कुंडली में आय और धन स्थान के स्वामी हैं। 11वें भाव में आपकी कुंडली में धनु राशि आती है और दूसरे भाव में गुरु की मीन राशि आती है। यहां पर आपको एलिवेशन, तरक्की मिल सकती है। धन में वृद्धि हो सकती है। भाई और पार्टनर की तरफ से अच्छी खबर मिल सकती है। कार्यस्थल पर आपका प्रभाव भी बढ़ेगा क्योंकि शनि यहां पर दशम दृष्टि से दशम भाव को भी देख रहे हैं। 
 
नरेश कुमार
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