Edited By Niyati Bhandari,Updated: 23 May, 2025 12:09 PM

Shani Pradosh upay 2025: जन्मकुंडली में शनिदेव की शुभ या अशुभ स्थिति के कारण ही व्यक्ति का जीवन सुखों या दुखों से भरता है। हर व्यक्ति को अपने जीवनकाल में शनिदेव के प्रभाव आवश्यक रूप से झेलने पड़ते हैं तथा इससे कोई भी बच नहीं सकता। शनि का सर्वाधिक...
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Shani Pradosh upay 2025: जन्मकुंडली में शनिदेव की शुभ या अशुभ स्थिति के कारण ही व्यक्ति का जीवन सुखों या दुखों से भरता है। हर व्यक्ति को अपने जीवनकाल में शनिदेव के प्रभाव आवश्यक रूप से झेलने पड़ते हैं तथा इससे कोई भी बच नहीं सकता। शनि का सर्वाधिक प्रभाव साढ़ेसाती व ढैय्या में ही झेलना पड़ता है। शास्त्रों में ऐसा वर्णन आता है की शनि ग्रह को शांत करने के लिए हनुमान जी को प्रसन्न करना चाहिए। पौराणिक कथाओं के अनुसार हनुमान जी ने शनि देव का घमंड तोड़ा था तब शनि देव ने हनुमान जी को वचन दिया था के उनके भक्तों को वो कभी पीड़ा नहीं देंगे। अतः सभी क्रूर ग्रह हनुमान जी के आगे कभी टिक नहीं सकते।
24 मई को शनि प्रदोष है। पौराणिक मतानुसार शनि प्रदोष का दिन शनि देव को समर्पित है। इस दिन रूठे हुए शनि को मनाने के लिए खास पूजा कर्म करने का बहुत महत्व है। ज्योतिषशास्त्र के मतानुसार व्यक्ति की कुंडली में शनि की स्थिति काफी अधिक महत्वपूर्ण होती है। फ़लित ज्योतिष के शास्त्रो में शनि को अनेक नामों से सम्बोधित किया गया है, जैसे मंदगामी, सूर्य-पुत्र और शनिश्चर आदि।

To get rid of Shani Dosh, Do these remedies on Shani Pradosh शनि दोष निवारण के लिए शनि प्रदोष पर करें ये उपाय
हनुमान मंदिर में काजल चढ़ाएं।
उड़द के दानों पर सिंदूर लगाकर हनुमान जी पर अर्पित करें।
हनुमान की के चित्र पर गाय के घी का दीपक जलाएं।
हनुमान जी के चित्रपट अथवा मूर्ती पर पीपल के पत्तों की माला चढ़ाएं।
सिर से 8 बार नारियल वारकर हनुमान जी के चरणों में रखें।
दक्षिणमुखी हनुमान जी का विधिवत पूजन कर मूंगे की माला से इस मंत्र का यथा संभव जाप करें।

मंत्र: वंदे सिंदूरवर्णाभं लोहितांबरभूषितम्। रक्तागंरागशोभाढ्यं शोणापुच्छं कपीश्वरम्॥

नोट: उपरोक्त मंत्र श्री लोकेश्वर भट्ट कृत हनुमत्ताण्डव स्तोत्र से लिया गया है।
