Edited By Niyati Bhandari,Updated: 12 Jul, 2022 09:24 AM
गुजरात हाईकोर्ट ने स्कूलों में श्रीमद् भगवद् गीता को प्रार्थना कार्यक्रम और अन्य गतिविधियों में श्लोक पाठ के रूप में प्रस्तुत करने के प्रस्ताव को चुनौती देने वाली याचिका पर सोमवार को राज्य सरकार को नोटिस
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अहमदाबाद, (प.स.): गुजरात हाईकोर्ट ने स्कूलों में श्रीमद् भगवद् गीता को प्रार्थना कार्यक्रम और अन्य गतिविधियों में श्लोक पाठ के रूप में प्रस्तुत करने के प्रस्ताव को चुनौती देने वाली याचिका पर सोमवार को राज्य सरकार को नोटिस जारी किया। उच्च न्यायालय ने हालांकि इस प्रस्ताव पर रोक लगाने से इन्कार कर दिया और राज्य सरकार से 18 अगस्त तक जवाब मांगा।
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मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति अरविंद कुमार और न्यायमूर्ति आशुतोष शास्त्री की खंडपीठ ने जमीयत उलमा-ए-हिंद द्वारा दायर एक जनहित याचिका पर नोटिस जारी किया। याचिका में स्कूलों में इस शैक्षिक वर्ष से श्रीमद् भगवद् गीता को प्रार्थना और श्लोकों आदि के पाठ जैसी गतिविधियों के रूप में प्रस्तुत करने के प्रस्ताव को चुनौती दी गई थी। जमीयत उलमा-ए-हिंद ने संवैधानिक वैधता के आधार पर प्रस्ताव को चुनौती दी और दावा किया कि यह राष्ट्रीय शिक्षा नीति का उल्लंघन है।