Edited By Tanuja,Updated: 23 Dec, 2025 06:15 PM

फ्रांस में 2026 बजट पर सहमति टूटने के बाद सरकार अमेरिका जैसे शटडाउन से बचने की जद्दोजहद में है। मैक्रों सरकार ने आपात विधेयक पेश किया है, ताकि कर वसूली और सार्वजनिक सेवाएं जारी रहें और राजनीतिक संकट टल सके।
International Desk: फ्रांस में 2026 के बजट पर बातचीत विफल होने के बाद सरकार अमेरिका जैसे सरकारी शटडाउन से बचने के लिए दौड़ लगा रही है। बिखरी हुई संसद के बीच राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों की सरकार ने एक आपात विधेयक पेश किया है, जिस पर मंगलवार को नेशनल असेंबली में बहस हुई। सरकार का कहना है कि यह आपात कानून नए साल से पहले सार्वजनिक सेवाओं की निरंतरता सुनिश्चित करेगा। इसके तहत करों की वसूली और स्थानीय प्रशासन को 2025 के बजट के आधार पर धन का वितरण जारी रखा जाएगा, ताकि प्रशासनिक ठहराव न आए।
नेशनल असेंबली में इस विधेयक पर कई संशोधन किए गए हैं और देर रात मतदान होने की संभावना है, जिसके बाद इसे सीनेट में भेजा जाएगा। संसद में मौजूद तीनों बड़े गुट मरीन ले पेन की दक्षिणपंथी नेशनल रैली, वामपंथी दल और मैक्रों की अल्पमत सरकार के बीच गहरे मतभेदों के बावजूद इसके पारित होने की उम्मीद है।हालांकि, असली चुनौती अब भी बाकी है। सरकार को 2026 के लिए एक स्थायी बजट बनाना होगा और नए राजनीतिक संकट से बचना होगा। मैक्रों सरकार पर देश का बजट घाटा 5 प्रतिशत तक लाने और अर्थव्यवस्था में निवेशकों का भरोसा लौटाने का भारी दबाव है।
वित्त मंत्री रोलां लेस्क्योर ने कहा कि बजट जितनी जल्दी बने, उतना ही बेहतर है, क्योंकि अस्थायी व्यवस्था लंबे समय तक चलने पर महंगी साबित होती है। फ्रांस में सामाजिक कल्याण योजनाओं, स्वास्थ्य और शिक्षा पर भारी खर्च होता है, जबकि कर राजस्व उससे कम पड़ जाता है। प्रधानमंत्री सेबास्टियन लेकोर्नू, जिन्होंने हाल ही में इस्तीफा देकर फिर से पद संभाला है, बजट संकट पर देश को संबोधित कर सकते हैं। हाल ही में संसद ने स्वास्थ्य बजट को मंजूरी दी थी, लेकिन इसके बदले मैक्रों सरकार को सेवानिवृत्ति आयु 62 से 64 वर्ष करने वाले पेंशन सुधार को फिलहाल टालना पड़ा।