Edited By Tanuja,Updated: 30 Dec, 2025 02:13 PM

सऊदी अरब ने यमन के मुकाला बंदरगाह पर बमबारी कर यूएई से आए हथियारों की खेप को निशाना बनाया। ये हथियार अलगाववादी संगठन एसटीसी के लिए बताए जा रहे हैं। इस हमले से यमन युद्ध के बीच सऊदी-यूएई तनाव बढ़ने के संकेत मिले हैं।
International Desk: सऊदी अरब ने यमन के बंदरगाह शहर मुकाला पर बमबारी कर एक ऐसी हथियारों की खेप को निशाना बनाया है, जिसके बारे में दावा किया गया है कि वह संयुक्त अरब अमीरात (UAE) से आई थी और यमन के एक अलगाववादी संगठन के लिए भेजी जा रही थी। सऊदी अरब ने मंगलवार को इस सैन्य कार्रवाई की पुष्टि की। यह हमला सऊदी अरब और यूएई समर्थित ‘सदर्न ट्रांजिशनल काउंसिल’ (STC) के बीच बढ़ते तनाव को दर्शाता है। साथ ही, इससे यमन में ईरान समर्थित हूती विद्रोहियों के खिलाफ एक दशक से जारी युद्ध के दौरान रियाद और अबू धाबी के रिश्तों में दरार के संकेत भी मिले हैं।
सरकारी सऊदी प्रेस एजेंसी के अनुसार, सऊदी नेतृत्व वाली गठबंधन वायुसेना ने यह कार्रवाई तब की, जब UAE के पूर्वी तट स्थित फुजैरा बंदरगाह से आए दो पोत मुकाला पहुंचे। सेना के बयान में कहा गया कि इन जहाजों से उतारे गए हथियार और लड़ाकू वाहन क्षेत्र की सुरक्षा और स्थिरता के लिए गंभीर खतरा पैदा कर रहे थे।बयान में कहा गया, “इन हथियारों से उत्पन्न खतरे को देखते हुए गठबंधन वायुसेना ने एक सीमित सैन्य अभियान चलाया और अल-मुकाला बंदरगाह पर हथियारों व लड़ाकू वाहनों को निशाना बनाया।”
UAE ने नहीं दी कोई प्रतिक्रिया
इस पूरे घटनाक्रम पर यूएई की ओर से तत्काल कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है। गौरतलब है कि यमन युद्ध में सऊदी अरब और यूएई लंबे समय से अलग-अलग स्थानीय गुटों का समर्थन करते रहे हैं। ताजा बमबारी ने यह साफ कर दिया है कि यमन संकट अब केवल हूती विद्रोहियों तक सीमित नहीं, बल्कि क्षेत्रीय सहयोगियों के बीच टकराव का रूप भी लेता जा रहा है।विशेषज्ञों का मानना है कि इस घटनाक्रम से यमन में शांति प्रयासों को और झटका लग सकता है और मध्य-पूर्व में अस्थिरता बढ़ने की आशंका है।
यमन में आपातकाल की घोषणा
सऊदी अरब द्वारा किए गए हवाई हमलों के बाद यमन में हूती-विरोधी बलों ने मंगलवार को आपातकाल की घोषणा कर दी। इन बलों ने अपने नियंत्रण वाले इलाकों में सभी सीमा चौकियों को 72 घंटे के लिए बंद करने की घोषणा की। साथ ही, हवाई अड्डों और बंदरगाहों में प्रवेश पर भी रोक लगा दी है, केवल उन लोगों पर प्रतिबंध नहीं है जिन्हें सऊदी अरब ने अनुमति दी है।