Edited By Pardeep,Updated: 25 Dec, 2025 12:30 AM

टेलीग्राम के संस्थापक पावेल ड्यूरोव ने एक बार फिर अपने बयान और फैसलों से दुनिया का ध्यान खींचा है। रूसी मूल के अरबपति टेक उद्यमी ड्यूरोव ने कहा है कि वह 37 साल से कम उम्र की महिलाओं के लिए IVF (इन विट्रो फर्टिलाइजेशन) का पूरा खर्च उठाने को तैयार...
इंटरनेशनल डेस्कः टेलीग्राम के संस्थापक पावेल ड्यूरोव ने एक बार फिर अपने बयान और फैसलों से दुनिया का ध्यान खींचा है। रूसी मूल के अरबपति टेक उद्यमी ड्यूरोव ने कहा है कि वह 37 साल से कम उम्र की महिलाओं के लिए IVF (इन विट्रो फर्टिलाइजेशन) का पूरा खर्च उठाने को तैयार हैं, अगर वे गर्भधारण के लिए उनके स्पर्म का इस्तेमाल करना चाहती हैं। यह जानकारी न्यूयॉर्क पोस्ट की एक रिपोर्ट में सामने आई है।
41 वर्षीय पावेल ड्यूरोव ने साल 2013 में एन्क्रिप्टेड मैसेजिंग प्लेटफॉर्म Telegram की स्थापना की थी। उनका दावा है कि अब तक वे स्पर्म डोनेशन के जरिए 100 से ज्यादा बच्चों के जैविक पिता बन चुके हैं। इसके अलावा, उनके तीन रिश्तों से छह बच्चे भी हैं। ड्यूरोव ने सार्वजनिक रूप से यह भी कहा है कि उनके सभी जैविक बच्चों को उनकी संपत्ति में बराबर का हिस्सा मिलेगा, चाहे उनका जन्म किसी भी तरीके से हुआ हो।
ड्यूरोव का मानना है कि आज के दौर में स्पर्म डोनेशन एक सामाजिक जिम्मेदारी बन चुका है। उन्होंने कई इंटरव्यू और पोस्ट में कहा है कि दुनियाभर में पुरुषों की फर्टिलिटी लगातार घट रही है। इसके पीछे उन्होंने प्रदूषण, प्लास्टिक और पर्यावरणीय कारणों को जिम्मेदार बताया है। उनके अनुसार, फर्टिलिटी क्लीनिक्स में “हाई-क्वालिटी डोनर स्पर्म” की भारी कमी है और वे इस समस्या का समाधान करना चाहते हैं।
IVF ऑफर और कौन हो सकता है पात्र
रिपोर्ट के मुताबिक, पावेल ड्यूरोव का स्पर्म मॉस्को स्थित एक फर्टिलिटी क्लीनिक में पहले किए गए डोनेशन के रूप में सुरक्षित रखा गया है। यह स्पर्म खास तौर पर 37 साल से कम उम्र की अविवाहित महिलाओं के लिए उपलब्ध कराया जाता है, ताकि भविष्य में किसी तरह के कानूनी विवाद से बचा जा सके। हालांकि ड्यूरोव अब खुद सीधे स्पर्म डोनेट नहीं करते, लेकिन क्लीनिक ने उनके जेनेटिक प्रोफाइल को बेहद अनुकूल और उच्च गुणवत्ता वाला बताया है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि ड्यूरोव IVF से जुड़ा पूरा खर्च खुद उठाने के लिए तैयार हैं।
स्पर्म डोनेशन की शुरुआत कैसे हुई
ड्यूरोव ने बताया कि उन्होंने 2010 में पहली बार स्पर्म डोनेट किया था, जब उनके एक दोस्त को संतान प्राप्ति में परेशानी हो रही थी। इसके बाद फर्टिलिटी एक्सपर्ट्स ने उन्हें लगातार डोनेशन के लिए प्रोत्साहित किया और कहा कि स्वस्थ डोनर्स की भारी कमी है। जुलाई 2024 में टेलीग्राम पर किए गए एक पोस्ट में ड्यूरोव ने पुष्टि की थी कि उनका स्पर्म अब भी उपलब्ध है और इससे 12 देशों में परिवारों को बच्चे होने में मदद मिली है।
भविष्य में DNA “ओपन-सोर्स” करने की योजना
ड्यूरोव ने यह भी कहा है कि भविष्य में वे अपने DNA को “ओपन-सोर्स” करना चाहते हैं, ताकि उनके जैविक बच्चे चाहें तो एक-दूसरे से संपर्क कर सकें। फ्रांस की पत्रिका Le Point को दिए इंटरव्यू में उन्होंने कहा, “मैं अपने बच्चों में कोई फर्क नहीं करता। एक जैसे जीन होने का मतलब है कि सभी को संपत्ति में बराबर अधिकार मिलेगा।”
संपत्ति, टेलीग्राम और कानूनी विवाद
पावेल ड्यूरोव की कुल संपत्ति 14 से 17 अरब डॉलर के बीच आंकी जाती है। वे उन गिने-चुने टेक अरबपतियों में शामिल हैं, जो जनसंख्या में गिरावट और प्रजनन मुद्दों पर खुलकर बात करते हैं। हालांकि, जहां कुछ टेक लीडर्स बड़े परिवार या जेनेटिक ऑप्टिमाइजेशन की बात करते हैं, वहीं ड्यूरोव कहते हैं कि उनका मकसद आइडियोलॉजी नहीं, बल्कि बांझपन की समस्या से निपटना है।
इस बीच, टेलीग्राम की बढ़ती लोकप्रियता जिसके अब 1 अरब से ज्यादा एक्टिव यूजर्स हैं ने ड्यूरोव को कानूनी जांच के दायरे में भी ला दिया है। अगस्त 2024 में फ्रांस में उन्हें टेलीग्राम पर चरमपंथी कंटेंट को लेकर आरोपों के चलते गिरफ्तार किया गया था, हालांकि बाद में उन्हें 5.6 मिलियन डॉलर की जमानत पर रिहा कर दिया गया। ड्यूरोव और उनकी टीम ने सभी आरोपों से इनकार किया है।
इस तरह पावेल ड्यूरोव न सिर्फ टेक्नोलॉजी की दुनिया में, बल्कि फर्टिलिटी, सामाजिक जिम्मेदारी और भविष्य की पीढ़ियों को लेकर भी वैश्विक बहस का हिस्सा बने हुए हैं।