मिला दुनिया का सबसे अनोखा खून, धरती पर सिर्फ एक इंसान के पास है ये ब्लड ग्रुप

Edited By Updated: 27 Jun, 2025 05:51 AM

the world s most unique blood found

जब भी ब्लड ग्रुप्स की बात होती है, तो आमतौर पर हम A, B, AB और O जैसे चार प्रमुख ग्रुप्स की ही चर्चा करते हैं। लेकिन अब विज्ञान की दुनिया में ऐसा चमत्कारी और रहस्यमयी ब्लड ग्रुप सामने आया है, जिसे पूरे विश्व में सिर्फ एक व्यक्ति के शरीर में पाया गया...

इंटरनेशनल डेस्कः जब भी ब्लड ग्रुप्स की बात होती है, तो आमतौर पर हम A, B, AB और O जैसे चार प्रमुख ग्रुप्स की ही चर्चा करते हैं। लेकिन अब विज्ञान की दुनिया में ऐसा चमत्कारी और रहस्यमयी ब्लड ग्रुप सामने आया है, जिसे पूरे विश्व में सिर्फ एक व्यक्ति के शरीर में पाया गया है। इसका नाम है — ‘Gwada Negative’।


क्या है ‘Gwada Negative’?


केवल एक इंसान में पाया गया — ग्वाडेलूप की 68 वर्षीय महिला

  • इस ब्लड ग्रुप को पहली बार एक 68 वर्षीय महिला, जो फ्रांस के ग्वाडेलूप द्वीप समूह की निवासी हैं, के खून में पाया गया।

  • वैज्ञानिकों ने बताया कि इस महिला के खून में एक विशेष EMM नामक एंटीजन पूरी तरह गायब था — जो सामान्यतः हर इंसान में होता है।

  • इस आधार पर इस ब्लड ग्रुप को नाम दिया गया — EMM-Negative System।


कहानी की शुरुआत: 15 साल पुराना रहस्य

  • 2011 में जब इस महिला की एक सामान्य सर्जरी से पहले रक्त जांच की गई, तो डॉक्टरों को उसमें एक अज्ञात प्रकार की एंटीबॉडी मिली।

  • उस समय की तकनीक इतनी उन्नत नहीं थी कि वह इसकी पहचान कर सके, इसलिए मामला रहस्य बन गया।

  • 2019 में Next Generation Sequencing (NGS) तकनीक की मदद से पुराने सैंपल की दोबारा जांच हुई और EMM एंटीजन की पूरी गैर-मौजूदगी सामने आई।


क्यों है ये ब्लड ग्रुप इतना खास और खतरनाक?

  • EMM एंटीजन एक हाई-फ्रीक्वेंसी प्रोटीन है, जो लगभग 99.9999% लोगों के रेड ब्लड सेल्स में पाया जाता है।

  • इस महिला के शरीर में इसकी पूरी तरह गैर-मौजूदगी मतलब, उनका इम्यून सिस्टम लगभग हर दूसरे इंसान के खून को पराया या खतरनाक मान सकता है।

  • वैज्ञानिकों ने स्पष्ट कहा:"यह महिला केवल खुद के खून से ही मैच करती है। यानी उसके लिए दुनिया में कोई दूसरा ब्लड डोनर नहीं है।"


क्या है इसके पीछे की जेनेटिक वजह?

  • वैज्ञानिकों के अनुसार, इस महिला को यह ब्लड ग्रुप दोनों माता-पिता से म्यूटेटेड जीन मिलने के कारण मिला।

  • यह बेहद दुर्लभ जेनेटिक घटना है।

  • इस तरह के केस को हॉमो-रेसिसिव म्यूटेशन कहा जाता है — जिसमें दोनों जीन की दोषपूर्ण प्रतियां एक व्यक्ति को मिलती हैं।


Gwada Negative के पीछे का नामकरण

  • ‘Gwada’ शब्द दरअसल ग्वाडेलूप द्वीप का स्थानीय नाम है।

  • इस खोज को सम्मान देने के लिए इस ब्लड ग्रुप को ‘Gwada Negative’ नाम दिया गया।


क्या है चिकित्सा में इसका महत्व?

  • EFS के प्रमुख बायोलॉजिस्ट थियरी पेयरार्ड ने कहा: "हर नया ब्लड ग्रुप सिस्टम हमारी ट्रांसफ्यूजन साइंस को और आगे ले जाता है।"

  • यह खोज उन मरीजों के लिए उम्मीद की किरण है, जिनका ब्लड टाइप या एंटीजन सिस्टम बहुत दुर्लभ है।

  • यह खोज खासतौर पर ब्लड कैंसर, थैलेसीमिया और ऑटोइम्यून रोगों से जूझ रहे मरीजों के इलाज में नई संभावनाओं के द्वार खोल सकती है।


अभी क्या कदम उठाए जा रहे हैं?

  • इस महिला का ब्लड बायोबैंक में संरक्षित किया गया है।

  • वैज्ञानिक भविष्य में genetic therapy या synthesized blood cells के माध्यम से ऐसे दुर्लभ ग्रुप्स के लिए समाधान ढूंढने की दिशा में काम कर रहे हैं।

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