Edited By Pardeep,Updated: 25 Jun, 2025 10:10 PM

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप नीदरलैंड के दौरे पर नाटो नेताओं से मुलाकात करने के दौरान पत्रकारों से बातचीत में बोले कि “ईरान के पास तेल है, लोग समझदार हैं। इजरायल को बहुत नुकसान हुआ है, खासकर पिछले दो दिनों में। बैलिस्टिक मिसाइलों ने कई...
इंटरनेशनल डेस्कः अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप नीदरलैंड के दौरे पर नाटो नेताओं से मुलाकात करने के दौरान पत्रकारों से बातचीत में बोले कि “ईरान के पास तेल है, लोग समझदार हैं। इजराइल को बहुत नुकसान हुआ है, खासकर पिछले दो दिनों में। बैलिस्टिक मिसाइलों ने कई इमारतें नष्ट कर दीं।” उनके इस बयान से ईरान द्वारा लगाए गए दावे,जिसमें उन्होंने कहा था कि इजराइल ने पहले सीजफायर की पहल की, को बल मिलता दिख रहा है।
इजराइल को हुआ तगड़ा घाटा
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13 जून से संघर्ष जारी: इस महीने इजराइल और ईरान के बीच 13 जून 2025 से शुरू हुए हमलों में इजराइल को भारी क्षति हुई है।
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मुआवज़े की मांग: इजराइली टैक्स अथॉरिटी को लगभग 38,700 मुआवज़े के दावे मिले हैं, जिनमें से 30,800 से अधिक घरों की भारी क्षति की शिकायत शामिल है; 3,700 वाहन और 4,085 अन्य सामान के नुकसान के लिए भी आवेदन आए हैं।
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आत्मिक हानि: हालिया हमलों में लगभग 39 हजार आवेदन और सैंकड़ों बिल्डिंगों के नुकसान की पुष्टि इजराइली मीडिया द्वारा भी की गई है।
ईरान का आकलित नुकसान
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संघर्ष में हताहतों की संख्या: इजराइल की जवाबी कार्रवाई में ईरान में लगभग 600 लोगों की जान गई, जबकि इजराइली पक्ष में मृतकों की संख्या लगभग 30 ही बताई जा रही है।
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सीमा पर हमला: ईरान ने इस बीच इजराइल के अस्पतालों और आवासीय इलाकों पर बैलिस्टिक मिसाइलों और ड्रोन हमले किए, जिनमें घायल और मारे गए नागरिकों की संख्या दर्ज की गई है।
क्षेत्रीय एवं रणनीतिक परिदृश्य
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सीजफायर की पहल और दबाव: ट्रंप के बयान से कहीं अप्रत्यक्ष संकेत मिलता है कि इस बार ईरान की ओर से उपयुक्त राजनीतिक दबाव या जीत देखने को मिला।
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इजराइल की जवाबी कार्रवाई: इजराइल ने ईरान के न्यूक्लियर और सैन्य संस्थानों, जैसे अराक, नतांज़ और बुशहर पर तेज़ी से हमला किया है।
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अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया: यूएन सुरक्षा परिषद की बैठकें तथा अमेरिकी-ऑस्ट्रेलियाई नागरिकों की निकासी तेज हुई है।