Edited By Pardeep,Updated: 22 Jun, 2025 11:12 PM

शनिवार को अमेरिका ने ईरान के खिलाफ 'ऑपरेशन मिडनाइट हैमर' नाम से एक बड़ा और गुप्त सैन्य अभियान चलाया, जिसमें 125 से ज्यादा अमेरिकी सैन्य विमान, स्टील्थ बॉम्बर्स, टॉमहॉक मिसाइलें और फाइटर जेट्स शामिल थे।
इंटरनेशनल डेस्कः शनिवार को अमेरिका ने ईरान के खिलाफ 'ऑपरेशन मिडनाइट हैमर' नाम से एक बड़ा और गुप्त सैन्य अभियान चलाया, जिसमें 125 से ज्यादा अमेरिकी सैन्य विमान, स्टील्थ बॉम्बर्स, टॉमहॉक मिसाइलें और फाइटर जेट्स शामिल थे। इस ऑपरेशन ने ईरान के तीन मुख्य परमाणु ठिकानों को निशाना बनाया और गंभीर नुकसान पहुंचाया।
कैसे शुरू हुआ हमला? अमेरिका ने चलाया ‘फेक आउट’
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शुरुआत में B-2 स्टील्थ बमवर्षक विमानों का एक समूह मिज़ूरी से उड़ान भरता दिखा, जो गुआम की ओर जाते हुए नजर आए।
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विशेषज्ञों को लगा कि अमेरिका ईरान पर हमला करने की तैयारी गुआम से कर रहा है।
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लेकिन यह एक धोखा (decoy) था — असली हमला दूसरी दिशा से हो रहा था।
असली हमलावर विमान निकले पूर्व की ओर — 18 घंटे तक अदृश्य
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असली 7 B-2 स्टील्थ बॉम्बर्स बिना किसी की नजर में आए, पूर्व दिशा में उड़ गए।
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उन्होंने हवा में ही ईंधन भरवाया, न्यूनतम रेडियो संपर्क रखा और 18 घंटे तक चुपचाप उड़ते रहे।
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जैसे ही ये विमान ईरानी हवाई क्षेत्र के पास पहुंचे, एक अमेरिकी पनडुब्बी ने 24 से अधिक टॉमहॉक क्रूज़ मिसाइलें दागीं।
ईरान के तीन मुख्य परमाणु ठिकानों पर हमला
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अमेरिका के B-2 बमवर्षकों ने कुल 14 "GBU-57 Massive Ordnance Penetrators" गिराए — ये बम 30,000 पाउंड वजनी और बंकर-बस्टिंग क्षमता वाले थे।
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इनका लक्ष्य था — ईरान के नतंज, फोर्डो और इस्फहान में मौजूद परमाणु केंद्र।
यह अब तक का सबसे बड़ा B-2 ऑपरेशन
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यह हमला इतिहास में B-2 स्टील्थ बमवर्षकों का सबसे बड़ा अभियान था।
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यह ऑपरेशन समय की दृष्टि से दूसरे नंबर पर रहा, पहले नंबर पर 9/11 हमलों के बाद किया गया मिशन था।
ईरान पूरी तरह हैरान: अमेरिका को मिला सरप्राइज़ अटैक का फायदा
जनरल डैन केन, अमेरिकी जॉइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ के चेयरमैन ने बताया: “ईरान की वायुसेना ने एक भी फाइटर जेट नहीं उड़ाया। उनके रडार और मिसाइल सिस्टम ने हमें देखा तक नहीं। हम पूरी तरह से सरप्राइज़ में रहे।”
परमाणु कार्यक्रम को बड़ा झटका
ऑपरेशन पूरी तरह से गोपनीय था
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यह मिशन इतना गोपनीय था कि वॉशिंगटन के कई वरिष्ठ अधिकारियों को भी इसके बारे में शनिवार रात ही जानकारी मिली, जब ट्रंप ने सोशल मीडिया पर इसका पहला पोस्ट किया।
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इस मिशन की योजना महीनों पहले शुरू हुई, लेकिन अंतिम आदेश और अमल सिर्फ कुछ हफ्तों में तैयार किया गया।
अब आगे क्या?
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खाड़ी देशों (UAE, कुवैत, कतर आदि), जहां अमेरिकी सैन्य ठिकाने हैं, ने हाई अलर्ट जारी कर दिया है।
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अमेरिका ने अपने सैनिकों की सुरक्षा बढ़ा दी है, और क्षेत्र में सैन्य संसाधनों को फैला दिया गया है ताकि किसी भी जवाबी हमले से निपटा जा सके।
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हालांकि ट्रंप प्रशासन ने कहा है कि वो ईरान के साथ व्यापक युद्ध नहीं चाहता।
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लेकिन ट्रंप ने यह भी चेतावनी दी कि अगर ईरान जवाबी कार्रवाई करता है, तो अमेरिका और अधिक ताकतवर हमला कर सकता है।
पीट हेगसेथ ने कहा: “ईरान को अमेरिका की चेतावनी को गंभीरता से लेना चाहिए। ट्रंप जो कहते हैं, वह करते हैं।”