इमरान खान को ले डूबा तोशाखाना मामला, जानें कैसे राजनीतिक करियर हो गया तबाह ?

Edited By Tanuja,Updated: 05 Aug, 2023 06:44 PM

what is the toshakhana case in which imran has been sentenced jail

पाकिस्तान में इस्लामाबाद की एक अदालत ने तोशाखाना भ्रष्टाचार मामले में पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को 'भ्रष्ट आचरण' का दोषी करार दिया...

इस्लामाबादः पाकिस्तान में इस्लामाबाद की एक अदालत ने तोशाखाना भ्रष्टाचार मामले में पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को 'भ्रष्ट आचरण' का दोषी करार दिया, जिसके बाद शनिवार को उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। इस्लामाबाद की जिला एवं सत्र अदालत ने उन्हें तीन साल की सजा सुनाई है।  इमरान खान को लाहौर में उनके जमान पार्क घर से गिरफ्तार किया गया और फिर लाहौर से इस्लामाबाद भेजा गया। इमरान खान ने कभी सपने में भी नहीं सोचा होगा कि उनको दिए गए तोहफे ही उनकी बर्बादी का सबब बन जाएंगे। 

 

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री रहते हुए इमरान खान ने कई आधिकारिक विदेश यात्रा की। इस दौरान उन्हें करीब साढ़े 14 करोड़ रुपए गिफ्ट मिले जो उन्होंने तोशाखाने में जमा कराए। इसके बाद इमरान खान ने उन्हें सस्ते में खरीदा और बड़ी कीमत पर बेच दिया। अब इमरान खान इसकी सजा भुगत रहे हैं। इस मामले में उन पर सत्ता में रहने के दौरान महंगे सरकारी उपहार बेचकर मुनाफा कमाने का आरोप है। इमरान पर आरोप लगाया गया है कि प्रधानमंत्री के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने तोशाखाना से अपने पास रखे गए उपहारों और उनकी कथित बिक्री से प्राप्त आय का विवरण जानबूझकर छिपाया था।

 

 

क्या है तोशाखाना मामला ?
शाखाना कैबिनेट प्रभाग के अंतर्गत एक विभाग है, जहां सरकारों के प्रमुखों और विदेशी गणमान्य व्यक्तियों द्वारा शासकों और सरकारी अधिकारियों को दिए गए उपहारों को रखा जाता है। इमरान पर आरोप है कि उन्होंने तोशाखाना से कुछ उपहार खरीदे, जिनमें एक कीमती घड़ी भी शामिल थी, और उसे लाभ कमाने के लिए बेच दिया। इस्लामाबाद स्थित जिला एवं सत्र अदालत के अतिरिक्त न्यायाधीश हुमायूं दिलावर ने इमरान खान को तीन साल जेल की सजा सुनाने के अलावा उन पर एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया। अदालत ने कहा कि जुर्माना नहीं देने पर उन्हें और छह महीने तक जेल में रखा जाएगा। अदालत का यह फैसला पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पार्टी के अध्यक्ष इमरान खान(70) के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है, जिन्हें तीन महीने के भीतर दूसरी बार गिरफ्तार किया जा रहा है।

 

पूरी दुनिया में है तोशाखाना का कांसेप्ट
तोशाखाना शब्द, फारसी भाषा का एक शब्द है। इसका मतलब होता है 'खजाने वाला कमरा'। इसका इस्तेमाल मुगलों के दौर में किया जाता था। इसमें राजसी लोगों को मिलने वाले गिफ्ट और तोहफे को रखा जाता था। आजादी के बाद पाकिस्तान में तोशाखाना की स्थापना 1974 में की गई थी। इसे कैबिनेट डिविजन के नियंत्रण में रखा जाता है। विदेश दौरे पर गए प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति, कैबिनेट मंत्री, सरकारी अधिकारियो को जो भी तोहफे मिलते है, उन्हें इसी तोशाखाना में ही रखा जाता है।तोशाखाना का कांसेप्ट भारत या पाकिस्तान में ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में है।

 

विदेश से मिलने वाले तोहफे को सरकारी अधिकारियों को 30 दिनों के अंदर जमा कराना होता है। भारत में तोशाखाना का काम विदेश मंत्रालय संभालती है। भारत में तोशाखाना का नियम यह है कि सरकारी अधिकारियों को मिले गए तोहफे अगर 5 हजार से कम कीमत का है तो वह उसे अपने पास रख सकते है। वहीं, अगर इसकी कीमत 5 हजार से अधिक है तो वह अपने पास ये तोहफे नहीं रख सकते है। इसके लिए तोहफे को असल कीमत पर खरीदना पड़ता है। आसान भाषा में समझें तो कोई भी देश किसी व्यक्ति को गिफ्ट नहीं देता बल्कि उसके ओहदे और देश को दिया जाता है, इसलिए इन तोहफों को जमा कराने का नियम है।

 

इमरान खान तोशाखाना मामले में मुख्य घटनाक्रम  

  • अगस्त 2022 : पाकिस्तान की नेशनल असेंबली के अध्यक्ष राजा परवेज अशरफ ने संविधान के अनुच्छेदों के अनुसार इमरान खान के खिलाफ तोशाखाना मामला पाकिस्तान निर्वाचन आयोग (ECP) को सौंपा।
  • 19 सितंबर, 2022 : ECP ने तोशाखाना मामले में फैसला सुरक्षित रखा।
  • 21 अक्टूबर, 2022 : ECP ने अपने फैसले में कहा कि इमरान खान ने उपहारों के बारे में 'झूठे बयान दिए और गलत घोषणाएं' कीं और उन्हें संविधान के तहत अयोग्य घोषित कर दिया।
  • 21 नवंबर, 2022 : ECP ने इमरान खान के खिलाफ आपराधिक कार्यवाही के लिए इस्लामाबाद की एक सत्र अदालत का रुख किया।
  • 10 मई, 2023 : सत्र अदालत ने इमरान खान को दोषी ठहराया।
  • 4 जुलाई, 2023 : इस्लामाबाद उच्च न्यायालय (IHC) ने मामले की पोषणीयता पर सत्र अदालत के फैसले को पलट दिया और याचिकाकर्ता को फिर से सुनने तथा सात दिनों के भीतर मामले पर फैसला करने का निर्देश दिया।
  • 8 जुलाई, 2023 : न्यायाधीश हुमायूं दिलावर ने इमरान खान के खिलाफ तोशाखाना मामले को पोषणीय घोषित किया।
  • 2 अगस्त, 2023 : सत्र अदालत ने इमरान खान द्वारा प्रस्तुत गवाहों की सूची को खारिज कर दिया।
  • 4 अगस्त, 2023 : इस्लामाबाद उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश आमेर फारूक ने निर्वाचन आयोग द्वारा शिकायत दर्ज करने में क्षेत्राधिकार और किसी भी प्रक्रियात्मक चूक की फिर से जांच करने के निर्देश के साथ मामले को सत्र अदालत में वापस भेज दिया।
  • 5 अगस्त, 2023 : न्यायाधीश दिलावर ने तोशाखाना मामले में इमरान खान को भ्रष्ट आचरण का दोषी पाया और पीटीआई प्रमुख को तीन साल जेल की सजा सुनाई।
     

इस साल मार्च में  पाक सरकार द्वारा सार्वजनिक किए गए तोशाखाना उपहारों के रिकॉर्ड से पता चलता है कि पाकिस्तान में शीर्ष सरकारी पदों पर बैठे लोगों को घड़ियों का काफी शौक है। ऐसा प्रतीत होता है कि राजनेताओं,नौकरशाहों से लेकर सैन्य कर्मियों तक, लगभग सभी लोग लक्जरी घड़ियों के आकर्षण में फंस गए, हालांकि उन्हें जो उपहार मिले उनमें आभूषण, प्राचीन वस्तुएं, लक्जरी कारों से लेकर हथियार तक शामिल थे। पाकिस्तान के दैनिक समाचारपत्र डॉन की मार्च की एक रिपोर्ट के मुताबिक रिकॉर्ड से पता चलता है कि उपहार में सबसे अधिक घड़िया दी गईं। वर्ष 2002 से तोशाखाना के रिकार्ड में 1262 घड़ियां दर्ज थी। इमरान खान ने प्रधानमंत्री के पद पर रहते हुए 9.66 करोड़ रुपये कीमत की सात घड़ियां तोशाखाना से लीं और मुनाफे के लिए उन्हें बेचा।  

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