Edited By Pardeep,Updated: 20 Jun, 2025 06:02 AM

इजराइल और ईरान के बीच बढ़ते तनाव के बीच यह बड़ा सवाल उठ रहा है कि क्या संयुक्त राज्य अमेरिका (USA) भी इस संघर्ष में सीधे शामिल होगा? इस पर अब व्हाइट हाउस की ओर से एक आधिकारिक बयान सामने आया है।
इंटरनेशनल डेस्कः इजराइल और ईरान के बीच बढ़ते तनाव के बीच यह बड़ा सवाल उठ रहा है कि क्या संयुक्त राज्य अमेरिका (USA) भी इस संघर्ष में सीधे शामिल होगा? इस पर अब व्हाइट हाउस की ओर से एक आधिकारिक बयान सामने आया है।
व्हाइट हाउस का बयान
व्हाइट हाउस प्रेस सेक्रेटरी कैरोलिन लेविट (Karoline Leavitt) ने एक प्रेस ब्रीफिंग में कहा: “राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अगले दो हफ्तों में फैसला लेंगे कि अमेरिका ईरान के खिलाफ कार्रवाई करेगा या नहीं।”
उनका यह बयान ऐसे समय आया है जब अमेरिकी मीडिया चैनल CBS ने रिपोर्ट दी है कि: “ट्रंप ईरान के 'Fordo परमाणु ठिकाने' को नष्ट करना जरूरी मानते हैं। उनके मुताबिक यह कोई विकल्प नहीं, बल्कि ज़रूरत है।”
ट्रंप के फैसले का आधार क्या है?
प्रेस सेक्रेटरी लेविट ने कहा कि:
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ट्रंप अब भी मानते हैं कि ईरान से बातचीत की संभावना बाकी है।
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लेकिन अगर ईरान नरमी नहीं दिखाता, तो कार्रवाई से पीछे नहीं हटेंगे।
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उनका उद्देश्य है कि ईरान को परमाणु हथियार विकसित करने से रोका जाए।
ट्रंप समर्थकों के लिए संदेश
जब उनसे पूछा गया कि ट्रंप समर्थक, जो युद्ध को लेकर चिंतित हैं, उन्हें क्या संदेश है?
लेविट ने कहा: “राष्ट्रपति ट्रंप पर भरोसा रखें। उनके पहले कार्यकाल में उन्होंने दुनिया में शांति बनाए रखी थी – 'शक्ति के जरिए शांति' (Peace Through Strength) की नीति से।”
क्या अमेरिका ईरान की सरकार बदलना चाहता है?
इस सवाल पर लेविट ने कहा कि: