ईरान पर अमेरिकी हमले बाद कई देशों का आया रिएक्शन, चीन बोला- ये खतरनाक मोड़, ब्रिटेन ने बताया सही कदम

Edited By Tanuja,Updated: 22 Jun, 2025 09:06 PM

world reaction to us attacks on iran nuclear sites

अमेरिका द्वारा ईरान के तीन प्रमुख परमाणु ठिकानों पर किए गए हमलों के बाद पूरी दुनिया में तीव्र प्रतिक्रिया देखने को मिली है। कुछ देशों ने हमलों को न्यायसंगत बताया है, जबकि कई अन्य देशों ...

International Desk: अमेरिका द्वारा ईरान के तीन प्रमुख परमाणु ठिकानों पर किए गए हमलों के बाद पूरी दुनिया में तीव्र प्रतिक्रिया देखने को मिली है। कुछ देशों ने हमलों को न्यायसंगत बताया है, जबकि कई अन्य देशों ने इस पर चिंता जताई है और कूटनीतिक समाधान की वकालत की है। यह स्पष्ट है कि यह हमला न केवल पश्चिम एशिया बल्कि वैश्विक स्थिरता के लिए भी एक बड़ा मोड़ बन गया है। अमेरिका के अचानक हमले के बाद दुनिया दो भागों में बंट गई है। एक पक्ष द्वारा जहां सैन्य कार्रवाई को ज़रूरी माना गया वहीं दूसरा पक्ष इस कदम को खतरनाक बता रहा है। हालांकि, अधिकतर देश कूटनीतिक समाधान पर जोर दे रहे हैं ताकि पश्चिम एशिया में स्थिरता बनी रहे।


ब्रिटेन: ईरान को बातचीत के लिए आना चाहिए
ब्रिटेन ने अमेरिका के हमलों का समर्थन करते हुए कहा कि अब ईरान को बातचीत की मेज पर आना चाहिए। लंदन ने इस हमले को एक ज़रूरी कार्रवाई बताया है जो ईरान को कूटनीति की ओर धकेलेगी।

 

चीन-ओमान:अमेरिका की आलोचना
चीन के सरकारी मीडिया CGTN ने अमेरिका की आलोचना करते हुए कहा कि यह हमला इराक पर 2003 के अमेरिकी आक्रमण की याद दिलाता है। CGTN ने चेताया कि ऐसे हस्तक्षेप से अनपेक्षित परिणाम और क्षेत्रीय अस्थिरता जन्म ले सकती है।अमेरिका के हमले को लेकर चीन के सरकारी प्रसारक की विदेशी भाषा शाखा CGTN की एक फ्लैश कमेंट्री में अमेरिकी कार्रवाई को "एक ख़तरनाक मोड़" बताया । ओमान ने अमेरिका के हमले की खुलकर निंदा की है। यह वही देश है जो अमेरिका और ईरान के बीच मध्यस्थता करता रहा है। ओमान ने तनाव कम करने का आह्वान किया है।

 

सऊदी अरब-न्यूजीलैंडः कूटनीति ही हल
सऊदी अरब ने कहा कि हमलों के बाद ईरान में किसी रेडिएशन खतरे का संकेत नहीं मिला है। रियाद ने सभी पक्षों से कूटनीति के रास्ते पर लौटने की अपील की है।न्यूजीलैंड के विदेश मंत्री विंस्टन पीटर्स ने सभी पक्षों से वार्ता में लौटने की अपील की और कहा कि मौजूदा संकट को आगे बढ़ने से रोका जाना चाहिए। उन्होंने सैन्य कार्रवाई को अस्थायी समाधान बताया।



जापान और दक्षिण कोरिया: आपात बैठकें बुलाईं
जापान के प्रधानमंत्री शिगेरू इशिबा ने मंत्रियों के साथ बैठक बुलाई है ताकि हमलों के संभावित प्रभावों का आकलन किया जा सके। दक्षिण कोरिया भी आपात बैठक कर रहा है जिसमें सुरक्षा और आर्थिक असर पर चर्चा होगी।

 

ऑस्ट्रेलिया: क्षेत्रीय स्थिरता की जरूरत
ऑस्ट्रेलिया ने भी समाधान के लिए कूटनीति की मांग की है। एक सरकारी अधिकारी ने कहा कि ईरान का परमाणु और मिसाइल कार्यक्रम अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा है, लेकिन अब समय शांति का है। यूएन महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने कहा कि अमेरिका के हमले से स्थिति और बिगड़ सकती है। उन्होंने कहा कि इसका कोई सैन्य समाधान नहीं है, कूटनीति ही रास्ता है।

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