Janmashtami upay: जन्माष्टमी पर बन रहा है विशेष योग, मन की हर इच्छा पूरी करेंगे खास प्रयोग

Edited By Updated: 06 Sep, 2023 10:31 AM

janmashtami upay

आज श्रीकृष्ण जन्माष्टमी और बृहस्पतिवार का शुभ योग बन रहा है। यह दोनों दिन लक्ष्मीपति भगवान विष्णु को समर्पित हैं। बृहस्पतिवार को व्रत व पूजन करने से धन, पुत्र और

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Krishna Janmashtami ke upay: आज श्रीकृष्ण जन्माष्टमी और बृहस्पतिवार का शुभ योग बन रहा है। यह दोनों दिन लक्ष्मीपति भगवान विष्णु को समर्पित हैं। बृहस्पतिवार को व्रत व पूजन करने से धन, पुत्र और विद्या की प्राप्ति होती है। भगवद्गीता में कहा गया है यह निराकार ब्रह्म श्रीकृष्ण का व्यक्तिगत तेज है। कृष्ण भगवान के रूप में प्रत्येक वस्तु के कारण हैं। ब्रह्मसंहिता में स्पष्ट कहा गया है कि कृष्ण श्री भगवान हैं और सभी कारणों के कारण हैं। यहां तक कि लाखों अवतार उनके विभिन्न विस्तार ही हैं। इसी प्रकार सारे जीव भी कृष्ण के अंश हैं। 

जन्माष्टमी पर बन रहा है विशेष योग, मन की हर इच्छा पूरी करेंगे खास प्रयोग  

धन लाभ हेतु: श्री बाल गोपाल को साबुत काली मिर्च और तुलसी पत्र युक्त साबूदाने की खीर का भोग लगाएं।

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अर्थ लाभ हेतु: शंख में मिश्री युक्त जल भरकर कृष्ण लला का अभिषेक करें।

पारिवारिक शांति हेतु: हल्दी और तुलसी पत्र हाथ में लेकर इस मंत्र का 108 बार जाप करें। “क्लीं कृष्णाय सर्व क्लेशनाशाय नम:” तत्पश्चात तुलसी पत्र और हल्दी श्री कृष्ण के चित्र पर चढ़ाएं।

वैभव प्राप्ति हेतु: राधा कृष्ण के चित्र पर पीले वस्त्र में केला और चने की दाल बांधकर चढ़ाएं।

अटूट धन प्राप्ति हेतु: कृष्ण जन्म के समय रात्रि ठीक 12 बजे श्री भगवान का केसर मिश्रित दूध से अभिषेक करें।

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आर्थिक उन्नति हेतु: रात्रि में श्रीकृष्ण का पंचोंउपचार पूजन कर 5/- रूपए का सिक्का हाथ में लेकर “श्री नाथाय नमौस्तुते” मंत्र का यथासंभव जाप कर सिक्का श्रीकृष्ण पर अर्पित करें तथा कल प्रातः वो 5/- रूपए का सिक्का प्रसाद स्वरूप अपनी तिजोरी में रखें इस से अभूतपूर्व आर्थिक उन्नति प्राप्त होगी।

सुखी दाम्पत्य हेतु: संध्या के समय तुलसी माता पर चंदन की धुप और शुद्ध घी का दीप प्रज्वलित करें "ॐ लक्ष्मी नारायणाय नमौस्तुते:" मंत्र उच्चारण करते हुए तुलसी माता की 11 परिक्रमा करें।

पद्दौनात्ति हेतु: विराट स्वरूप भगवान श्री कृष्ण के चित्र पर चावल की खीर और शुद्ध घी से बनी पूड़ी का भोग लगाएं तदुपरांत खीर पूरी प्रसाद स्वरुप सात कन्याओं को खिलाएं।

विपत्ति नाश हेतु: जन्माष्टमी से प्रारंभ कर लगातार 43 दिन 1 नारियल और 11 बादाम किसी धर्मस्थल में चढ़ाएं।

कर्ज से मुक्ति हेतु: जन्माष्टमी से लगातार 8 दिन अर्थात पूर्णिमा तक मिश्री की चाशनी में काले तिल मिलाकर स्टील के कलश से पीपल के वृक्ष पर अर्पित करें।

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दुर्भाग्य नाश हेतु: जन्माष्टमी से लगातार 8 दिन अर्थात पूर्णिमा तक संध्या के समय पीपल के नीचे सरसों के तेल का चोमुखी दीपक जलाएं।

शत्रु बाधा निवारण हेतु: जन्माष्टमी पर संध्या के समय सूर्यास्त पूर्व पीपल के पत्ते पर अष्टगंध की स्याही और अनार की कलम से “सर्व शत्रुनाशय” लिखकर जमीन में गाड़ दें। 

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