ईरान में फंसे 110 भारतीय नागरिकों को दिल्ली लाया गया, छात्र ने बताए वहां के रोंगटे खड़े कर देने वाले हालात

Edited By Anu Malhotra,Updated: 19 Jun, 2025 10:50 AM

110 indian citizens stranded in iran were brought to delhi

ईरान और इज़राइल के बीच बढ़ते युद्ध जैसे हालात के बीच भारत ने अपने नागरिकों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए "ऑपरेशन सिंधु" की शुरुआत की है। इस विशेष अभियान के तहत भारत सरकार ने ईरान में फंसे हजारों भारतीयों को सुरक्षित निकालने का कार्य...

नेशनल डेस्क: ईरान और इज़राइल के बीच बढ़ते युद्ध जैसे हालात के बीच भारत ने अपने नागरिकों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए "ऑपरेशन सिंधु" की शुरुआत की है। इस विशेष अभियान के तहत भारत सरकार ने ईरान में फंसे हजारों भारतीयों को सुरक्षित निकालने का कार्य तेज़ कर दिया है। राहत की पहली खबर गुरुवार सुबह तब आई, जब 100 से अधिक भारतीय छात्रों का पहला जत्था सुरक्षित रूप से दिल्ली पहुंचा।

 मिसाइलों के साए से वतन वापसी

वतन लौटे छात्रों ने वहां के हालात को दिल दहला देने वाला बताया। एक छात्र यासिर गफ्फार ने बताया, "रात में हमारे ऊपर से मिसाइलें गुजरती थीं, आसमान में धमाके होते थे। हर वक्त डर का माहौल था। लेकिन जैसे ही भारत की ज़मीन पर कदम रखा, एक सुकून महसूस हुआ।" छात्रों का कहना है कि हालात बिगड़ने के साथ ही उनकी यूनिवर्सिटी प्रशासन ने उन्हें सुरक्षित स्थानों पर भेजना शुरू किया। कई छात्रों को पहले उत्तरी ईरान से निकालकर आर्मेनिया पहुंचाया गया, फिर वहां से कतर के रास्ते भारत लाया गया।

 4,000 से अधिक भारतीय, आधे छात्र

विदेश मंत्रालय के मुताबिक, ईरान में वर्तमान में करीब 4,000 भारतीय नागरिक हैं, जिनमें से लगभग 2,000 छात्र हैं। इन छात्रों की सुरक्षा के लिए भारत सरकार लगातार ईरान और आर्मेनिया की सरकारों के संपर्क में है। उत्तरी इलाकों से अब तक 110 छात्रों को सुरक्षित बाहर निकाला जा चुका है।

 कई मेडिकल यूनिवर्सिटियों से छात्रों को निकाला गया

विदेश मंत्रालय ने जानकारी दी कि तेहरान यूनिवर्सिटी ऑफ मेडिकल साइंसेज, इस्लामिक आज़ाद यूनिवर्सिटी और ईरान यूनिवर्सिटी ऑफ मेडिकल साइंसेज के सभी भारतीय छात्रों को पहले ही सुरक्षित ठिकानों पर भेज दिया गया है। शहीद बेहेश्ती यूनिवर्सिटी के छात्र कोम शहर की ओर रवाना किए गए, जबकि शिराज और इस्फहान यूनिवर्सिटियों से छात्रों की निकासी प्रक्रिया मंगलवार को जारी रही।

 संपर्क में रहें भारतीय नागरिक

विदेश मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि संकट की इस घड़ी में भारतीय दूतावास और नई दिल्ली स्थित नियंत्रण कक्ष 24x7 सक्रिय हैं। सभी भारतीय नागरिकों को सलाह दी गई है कि वे हालात सामान्य होने तक सतर्क रहें और आवश्यकतानुसार तेहरान से बाहर सुरक्षित स्थानों की ओर प्रस्थान करें।

 परिजनों ने जताया आभार

दिल्ली पहुंचे छात्रों के परिजन अपनी संतानों को देखकर भावुक हो उठे। एक छात्र के पिता ने कहा, "मेरा बेटा एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहा था। अब वो सुरक्षित घर लौट आया है, इसके लिए हम भारत सरकार के शुक्रगुज़ार हैं। हालांकि अब भी कई छात्र तेहरान और आसपास के इलाकों में फंसे हुए हैं, जिन्हें जल्द निकालने की ज़रूरत है।"

 छात्र बोले– हालात सुधरें तो पढ़ाई के लिए वापस जाएंगे

सरकार के प्रयासों की तारीफ करते हुए छात्रों ने कहा कि उन्होंने अब भी अपने सपनों को नहीं छोड़ा है। एक छात्र ने कहा, "हम हालात सामान्य होने पर पढ़ाई पूरी करने फिर से लौटेंगे, लेकिन फिलहाल सुरक्षा सबसे बड़ी प्राथमिकता है।"

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