Astronauts ill in space: अंतरिक्ष में एस्ट्रोनॉट की तबीयत बिगड़ने पर क्या होता है? जानें इलाज का तरीका

Edited By Updated: 27 Jun, 2025 08:54 AM

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अंतरिक्ष की यात्रा इंसान के लिए रोमांचक जरूर है, लेकिन वहां का वातावरण बेहद चुनौतीपूर्ण और शरीर के लिए खतरनाक भी हो सकता है। हाल ही में शुभांशु शुक्ला समेत चार अंतरिक्ष यात्रियों की एक टीम मिशन पर अंतरिक्ष गई है। ऐसे मिशन के दौरान सुरक्षा से लेकर...

नेशनल डेस्क:  अंतरिक्ष की यात्रा इंसान के लिए रोमांचक जरूर है, लेकिन वहां का वातावरण बेहद चुनौतीपूर्ण और शरीर के लिए खतरनाक भी हो सकता है। हाल ही में शुभांशु शुक्ला समेत चार अंतरिक्ष यात्रियों की एक टीम मिशन पर अंतरिक्ष गई है। ऐसे मिशन के दौरान सुरक्षा से लेकर मेडिकल व्यवस्थाओं तक का खास ध्यान रखा जाता है। लेकिन एक अहम सवाल अक्सर लोगों के मन में आता है—अगर किसी अंतरिक्ष यात्री की अचानक तबीयत खराब हो जाए तो क्या किया जाता है? आईए  जानते है सवालों के जवाब...

क्या अंतरिक्ष स्टेशन में दवाइयां मौजूद होती हैं?
अंतरिक्ष का वातावरण धरती से पूरी तरह अलग होता है। वहां गुरुत्वाकर्षण का असर ना होने की वजह से इंसानी शरीर पर कई असर होते हैं। लंबे समय तक अंतरिक्ष में रहने वाले एस्ट्रोनॉट्स की मांसपेशियां और हड्डियां कमजोर हो जाती हैं, और वापस लौटने पर उन्हें गंभीर बीमारियों का सामना करना पड़ सकता है।

इसीलिए अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पर एक फुली इक्विप्ड मेडिकल किट हमेशा मौजूद रहती है। इसमें सिर दर्द, बुखार, उल्टी, दर्द, संक्रमण, नींद की दिक्कत और हाई बीपी जैसी समस्याओं के लिए दवाइयां रखी जाती हैं। इसके साथ ही, घावों की सफाई के लिए एंटीबायोटिक दवाएं, दर्द निवारक, सेडेटिव्स और शुगर-बीपी मॉनिटरिंग डिवाइस भी शामिल होती हैं। यह किट स्पेस मिशन के लिए खासतौर पर तैयार की जाती है ताकि किसी भी सामान्य बीमारी का तुरंत इलाज किया जा सके।

क्या गंभीर स्थिति में उन्हें धरती पर वापस लाया जाता है?
मिशन पर भेजे जाने से पहले एस्ट्रोनॉट्स की पूरी मेडिकल जांच होती है। सिर्फ वही लोग अंतरिक्ष यात्रा पर जाते हैं जो पूरी तरह से फिट होते हैं। लेकिन अगर फिर भी कोई गंभीर बीमारी या मेडिकल इमरजेंसी हो जाए, जिससे मिशन या जान को खतरा हो, तो 'कॉन्टिंजेंसी रिटर्न' की योजना पर काम किया जाता है। स्पेस स्टेशन में एक “लाइफबोट” यानी एक डॉक किया गया स्पेसक्राफ्ट हमेशा मौजूद रहता है। जरूरत पड़ने पर इससे एस्ट्रोनॉट्स को तुरंत धरती पर लौटाया जा सकता है।

अंतरिक्ष में कैसी होती है मेडिकल व्यवस्था?
अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) जैसे मिशन पर जाने वाले एस्ट्रोनॉट्स के लिए पहले से पूरी तैयारी की जाती है। स्पेस स्टेशन पर एक खास मेडिकल किट मौजूद होती है जिसमें ये चीजें शामिल होती हैं:

-बुखार, सिरदर्द, उल्टी, नींद न आना, पेट दर्द जैसी सामान्य समस्याओं की दवाइयां

-चोट लगने या घाव की स्थिति में एंटीबायोटिक्स

-दर्द निवारक और सेडेटिव दवाएं

-ब्लड प्रेशर और शुगर चेक करने के उपकरण

-ऑक्सीजन सपोर्ट जैसी आवश्यक सुविधाएं

इसके अलावा, स्पेस मिशन से पहले हर एस्ट्रोनॉट को बेसिक मेडिकल ट्रेनिंग दी जाती है, जैसे कि CPR देना या प्राथमिक चिकित्सा करना। साथ ही एक क्रू मेंबर को अतिरिक्त ट्रेनिंग देकर स्पेस मेडिकल ऑफिसर के रूप में तैयार किया जाता है।

धरती से होती है हेल्थ मॉनिटरिंग
अंतरिक्ष यात्री पूरी तरह अकेले नहीं होते। धरती पर मौजूद मेडिकल एक्सपर्ट्स की टीम लगातार उनके स्वास्थ्य पर नजर रखती है। किसी भी अनहोनी की स्थिति में डॉक्टर्स वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग या अन्य माध्यम से गाइड करते हैं और स्पेस में मौजूद मेडिकल ऑफिसर को दिशा-निर्देश देते हैं।

 

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