पेंशन योजना में सबसे बड़ा घोटाला, युवा और मृत लोग ले रहे वृद्धा पेंशन... 5 लाख से ज्यादा लोग फर्जी पेंशनधारी

Edited By Updated: 05 Jul, 2025 06:49 AM

biggest scam in pension scheme

राजस्थान में सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना के नाम पर अब तक का सबसे बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। यह योजना राज्य सरकार द्वारा वृद्ध, विधवा, विकलांग और आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को सहायता देने के उद्देश्य से शुरू की गई थी, लेकिन इसके तहत हजारों लोगों ने...

नेशनल डेस्कः राजस्थान में सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना के नाम पर अब तक का सबसे बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। यह योजना राज्य सरकार द्वारा वृद्ध, विधवा, विकलांग और आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को सहायता देने के उद्देश्य से शुरू की गई थी, लेकिन इसके तहत हजारों लोगों ने फर्जी दस्तावेजों और गलत जानकारी के आधार पर सरकार को चूना लगाया।

युवा, मृतक और पुनर्विवाह कर चुकी महिलाएं ले रहीं पेंशन

जांच में सामने आया है कि 5 लाख 66 हजार से अधिक लोग इस योजना का गलत लाभ उठा रहे हैं। इनमें वे लोग शामिल हैं जो या तो युवा हैं लेकिन खुद को वृद्ध दिखाकर पेंशन ले रहे हैं, या जिनकी मृत्यु हो चुकी है और उनके परिजन फिर भी खाते में पेंशन राशि उठाते रहे। साथ ही कई विधवा महिलाएं, जिन्होंने दोबारा विवाह कर लिया है, फिर भी विधवा पेंशन लेती रहीं।

चित्तौड़गढ़ में ही 18 करोड़ से अधिक की गड़बड़ी

चित्तौड़गढ़ जिले में अब तक 14,265 फर्जी मामलों की पहचान की गई है, जिनमें से सरकार को 18.12 करोड़ रुपये की रिकवरी करनी है। इनमें से 1.20 करोड़ रुपये की राशि वसूल ली गई है, जबकि 16.98 करोड़ रुपये की वसूली अभी बाकी है। विभाग ने रिकवरी की प्रक्रिया को तेज कर दिया है।

इसके अलावा चित्तौड़गढ़ में 3164 युवा लोगों ने खुद को वृद्ध बताकर पेंशन का लाभ लिया। इनमें से कई की उम्र सिर्फ 40-45 वर्ष के बीच है, जबकि वृद्धावस्था पेंशन के लिए पुरुष की न्यूनतम आयु 58 वर्ष और महिला की 55 वर्ष निर्धारित है।

भीलवाड़ा में सबसे अधिक फर्जी पेंशनधारी

राज्य के विभिन्न जिलों में सामने आए प्रमुख फर्जी मामलों की संख्या:

  • भीलवाड़ा – 5469

  • चित्तौड़गढ़ – 3164

  • डूंगरपुर – 4243

  • नागौर – 3354

  • अलवर – 2968

  • करौली – 2862

  • झुंझुनूं – 2381

  • बीकानेर – 2345

  • जोधपुर – 2198

  • प्रतापगढ़ – 3580

  • बारां – 1933

  • भरतपुर – 1531

जनआधार और आधार डेटा मेपिंग से हुआ खुलासा

इस पूरे घोटाले का खुलासा तब हुआ जब सरकार ने जनआधार और आधार डेटा का मिलान (डेटा मैपिंग) शुरू किया। पहले केवल आवेदन पत्र के आधार पर पेंशन शुरू हो जाती थी, लेकिन अब तकनीकी सत्यापन के चलते फर्जी लाभार्थियों की पहचान होना संभव हो पाया है।

रिकवरी के लिए विभाग सख्त

सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग, जयपुर ने सभी जिलों के उप निदेशकों को पत्र भेजकर रिकवरी की प्रक्रिया शुरू करने के निर्देश दिए हैं। अब संबंधित विभाग यह तय कर रहे हैं कि इन मामलों में कानूनी कार्यवाही हो या सिर्फ राशि की वसूली की जाए।

पात्रता के नियम क्या हैं?

राजस्थान में सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना के तहत पात्रता के नियम निम्नलिखित हैं:

  • व्यक्ति राजस्थान का मूल निवासी हो

  • पारिवारिक सालाना आय ₹48,000 से अधिक न हो

  • पुरुष की उम्र कम से कम 58 वर्ष, महिला की 55 वर्ष हो

  • या फिर 40% से अधिक दिव्यांगता हो

राज्य सरकार ने वर्ष 2025-26 के बजट में 90 लाख से अधिक पात्र लोगों को पेंशन देने का लक्ष्य रखा है।


बड़ा सवाल: जिम्मेदारी किसकी?

इस फर्जीवाड़े ने न केवल सरकारी व्यवस्था की निगरानी और पारदर्शिता पर सवाल खड़े किए हैं, बल्कि ज़रूरतमंद लोगों का अधिकार भी छीना है। अब सवाल यह है कि क्या इन गड़बड़ियों के लिए किसी सरकारी अधिकारी या कर्मचारी की जवाबदेही तय की जाएगी? क्या लापरवाही बरतने वालों पर भी कार्रवाई होगी? राज्य सरकार और विभाग के लिए यह एक चेतावनी है कि लाभकारी योजनाओं में पारदर्शिता और सख्त निगरानी कितनी जरूरी है।

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