Edited By Tanuja,Updated: 16 Jun, 2025 12:43 PM

ब्रिटिश एयरवेज की फ्लाइट BA35 जो लंदन हीथ्रो एयरपोर्ट से चेन्नई के लिए रवाना हुई थी, उड़ान भरने के कुछ ही मिनटों बाद तकनीकी खराबी के कारण वापस लौट आई...
London: ब्रिटिश एयरवेज की फ्लाइट BA35 जो लंदन हीथ्रो एयरपोर्ट से चेन्नई के लिए रवाना हुई थी, उड़ान भरने के कुछ ही मिनटों बाद तकनीकी खराबी के कारण वापस लौट आई। विमान Boeing 787-8 Dreamliner (रजिस्ट्रेशन: G-ZBJG) को उड़ान भरते ही "फ्लैप एडजस्टमेंट फेल्योर" की समस्या का सामना करना पड़ा। जैसे ही विमान ने रनवे 27R से उड़ान भरी और करीब 9,000 फीट की ऊंचाई पर पहुंचा, पायलट को पता चला कि फ्लैप्स (पंखों के पीछे के हिस्से जो लैंडिंग और टेकऑफ में मदद करते हैं) ठीक से काम नहीं कर रहे। इसे "फ्लैप एडजस्टमेंट फेल्योर" कहा जाता है। यह खराबी फ्लैप ड्राइव सिस्टम के टॉर्क ट्यूब्स, एक्ट्यूएटर्स या सेंसर में गड़बड़ी के कारण हो सकती है।
विमान लंबी दूरी की उड़ान पर था, इसलिए उसमें बहुत अधिक ईंधन भरा हुआ था। अधिक वजन के साथ लैंडिंग करना जोखिम भरा होता है, इसलिए पायलट ने विमान को लगभग 1 घंटे तक हवा में होल्ड कर फ्यूल डंप (ईंधन बाहर निकालना) किया और फिर सुरक्षित तरीके से लंदन हीथ्रो पर लैंड कराया। फ्लाइट में सवार सभी यात्री सुरक्षित हैं। किसी को कोई चोट नहीं आई है। हालांकि, उड़ान में बाधा आने से यात्रियों को असुविधा जरूर हुई। एयरलाइन ने घटना के लिए खेद जताया है और वैकल्पिक व्यवस्था की जा रही है।
क्या है फ्लैप फेल्योर?
फ्लैप्स विमान की टेकऑफ और लैंडिंग के समय अहम भूमिका निभाते हैं। इनका सही से काम न करना विमान के संतुलन और दिशा नियंत्रण पर असर डाल सकता है। इसलिए ऐसी स्थिति में पायलट का तुरंत वापस लौटना ही सबसे सुरक्षित विकल्प होता है। यह घटना Boeing 787 सीरीज * में तकनीकी खराबियों की बढ़ती सूची में एक और नाम जोड़ती है, जो विमानन सुरक्षा विशेषज्ञों के लिए चिंता का विषय बनती जा रही है।