Helmets Rules Change: हेलमेट को लेकर सरकार का बड़ा ऐलान... बदल दिए नियम

Edited By Updated: 07 Jul, 2025 10:38 AM

central government helmets rules bis certified isi

अगर आप बाइक या स्कूटर चलाते हैं और अक्सर सस्ते, लोकल हेलमेट खरीद लेते हैं, तो अब सावधान हो जाइए। केंद्र सरकार ने देशभर में बेचे जा रहे घटिया और बिना मान्यता वाले हेलमेट्स पर सख्ती का ऐलान कर दिया है। आने वाले समय में सिर्फ वही हेलमेट बिकेंगे, जो...

नई दिल्ली: अगर आप बाइक या स्कूटर चलाते हैं और अक्सर सस्ते, लोकल हेलमेट खरीद लेते हैं, तो अब सावधान हो जाइए। केंद्र सरकार ने देशभर में बेचे जा रहे घटिया और बिना मान्यता वाले हेलमेट्स पर सख्ती का ऐलान कर दिया है। आने वाले समय में सिर्फ वही हेलमेट बिकेंगे, जो भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) से प्रमाणित होंगे। सरकार ने साफ कर दिया है कि गैर-कानूनी और कमजोर क्वालिटी के हेलमेट न सिर्फ अवैध हैं, बल्कि लोगों की जान के साथ भी सीधा खिलवाड़ करते हैं।

हर दोपहिया चालक की सुरक्षा पहली प्राथमिकता: सरकार का संदेश साफ
उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय और BIS की ओर से जारी एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि दोपहिया वाहनों की संख्या अब देश में 21 करोड़ से ज्यादा हो चुकी है। ऐसे में सड़क सुरक्षा में हेलमेट की भूमिका बेहद अहम है। सरकार ने राज्यों को निर्देश दिए हैं कि वे सख्ती से ऐसे निर्माता और विक्रेता चिन्हित करें, जो बिना BIS प्रमाणन वाले हेलमेट बेच रहे हैं। ये हेलमेट सस्ते ज़रूर होते हैं, लेकिन हादसे के वक्त किसी काम नहीं आते और कई बार मौत की वजह भी बन जाते हैं।

केवल ISI मार्क वाले हेलमेट ही मान्य
सरकार ने 2021 से ही एक गुणवत्ता नियंत्रण आदेश (QCO) लागू कर रखा है, जिसके तहत दोपहिया चालकों के लिए सिर्फ वही हेलमेट वैध माने जाते हैं जिन पर BIS का ISI मार्क होता है। इसका मतलब है कि हेलमेट को तय सुरक्षा मानकों पर परखा और पास किया गया है। 2025 तक देशभर में करीब 176 हेलमेट कंपनियों को BIS से वैध लाइसेंस मिल चुका है, और इन्हीं कंपनियों को ही हेलमेट उत्पादन की अनुमति है।

सड़क किनारे बिक रहे हैं मौत के सामान!
अभी भी देश के कई हिस्सों में सड़क किनारे, फुटपाथ या असंगठित दुकानों पर बिना ISI मार्क वाले सस्ते हेलमेट खुलेआम बेचे जा रहे हैं। सरकार का कहना है कि ये हेलमेट न केवल गैरकानूनी हैं, बल्कि हादसों में जान गंवाने की बड़ी वजह भी बन रहे हैं। यही वजह है कि अब BIS और उपभोक्ता मंत्रालय मिलकर इन पर शिकंजा कसने में जुट गए हैं। बाजारों और फैक्ट्रियों पर नजर रखी जा रही है और नियमों का उल्लंघन होने पर छापे और जब्ती अभियान चलाए जा रहे हैं।

500 से ज्यादा हेलमेट हुए फेल, 2500 से ज़्यादा जब्त
पिछले वित्तीय वर्ष में सरकार ने सख्ती दिखाते हुए 500 से अधिक हेलमेट के नमूने टेस्ट के लिए भेजे। इनमें से बड़ी संख्या में हेलमेट BIS के मानकों पर खरे नहीं उतरे। कई मामलों में ISI मार्क का दुरुपयोग भी सामने आया — यानी नकली मार्क लगाकर हेलमेट बेचे जा रहे थे।

दिल्ली में हुए एक बड़े ऑपरेशन में 9 ऐसे हेलमेट निर्माताओं के यहां से 2,500 से ज्यादा नकली और घटिया क्वालिटी के हेलमेट जब्त किए गए। इनमें से कई कंपनियों का लाइसेंस या तो रद्द कर दिया गया था या फिर वह वैध रूप से नवीनीकरण नहीं करवा पाए थे।

BIS को मिले हैं निर्देश, पुलिस और प्रशासन से मिलकर करें कार्रवाई
सरकार ने भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) को भी निर्देश दिया है कि वे पुलिस और जिला प्रशासन के साथ मिलकर ज़मीन स्तर पर काम करें। हर शहर और जिले में सर्वे, छापेमारी और जागरूकता के जरिए यह सुनिश्चित किया जाए कि कोई भी अवैध हेलमेट बाजार में न बिके।

उपभोक्ता मंत्रालय ने सभी दोपहिया चालकों से आग्रह किया है कि हेलमेट खरीदते वक्त केवल BIS प्रमाणित ISI मार्क वाला हेलमेट ही लें। थोड़ी सी बचत के चक्कर में जिंदगी दांव पर लगाना समझदारी नहीं है।

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