Gratuity Rules 2025: ₹50,000 सैलरी और 20 साल की नौकरी पर मिलेंगे ₹5.76 लाख! जानें कैसे

Edited By Anu Malhotra,Updated: 21 Jun, 2025 12:12 PM

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अगर आपने एक ही कंपनी में लंबे समय तक काम किया है, तो कंपनी से अलग होते समय मिलने वाला रिवार्ड – ग्रेच्युटी – आपके लिए एक बड़ी राहत साबित हो सकता है। ये एक तरह का वित्तीय धन्यवाद है, जो आपकी वफादारी और लंबे समय की सेवा के बदले में कंपनी देती है। खास...

नेशनल डेस्क: अगर आपने एक ही कंपनी में लंबे समय तक काम किया है, तो कंपनी से अलग होते समय मिलने वाला रिवार्ड – ग्रेच्युटी – आपके लिए एक बड़ी राहत साबित हो सकता है। ये एक तरह का वित्तीय धन्यवाद है, जो आपकी वफादारी और लंबे समय की सेवा के बदले में कंपनी देती है। खास बात यह है कि ग्रेच्युटी पर मिलने वाली रकम आपके कार्यकाल और आखिरी सैलरी पर निर्भर करती है।

क्या है ग्रेच्युटी?

ग्रेच्युटी एक कानूनी हक है जो कर्मचारी को कंपनी में कम से कम 5 साल की सेवा पूरी करने के बाद मिलता है। अगर आप 5 साल या उससे अधिक समय तक किसी संस्था में कार्यरत रहे हैं, तो कंपनी को आपको ग्रेच्युटी का भुगतान करना होता है – चाहे वह सरकारी हो या निजी।

किन कंपनियों पर लागू होता है ग्रेच्युटी एक्ट?

यदि किसी संस्था में 10 या उससे अधिक कर्मचारी काम कर रहे हैं, तो उस पर ग्रेच्युटी एक्ट लागू होता है। इसमें प्राइवेट कंपनियों के साथ-साथ फैक्ट्रियाँ, दुकानें और अन्य संस्थान भी शामिल हैं। लेकिन ध्यान देने वाली बात यह है कि कंपनी ग्रेच्युटी एक्ट के तहत रजिस्टर्ड होनी चाहिए। यदि कंपनी रजिस्टर्ड नहीं है, तो ग्रेच्युटी देना उसकी मर्जी पर निर्भर करता है।

कब मिलती है ग्रेच्युटी?

  • न्यूनतम सेवा: 5 साल की सेवा के बाद कर्मचारी ग्रेच्युटी का पात्र बनता है।

  • आंशिक साल भी गिने जाते हैं: यदि आपने 4 साल 8 महीने तक नौकरी की है, तो इसे 5 साल माना जाएगा और ग्रेच्युटी मिलेगी। लेकिन 4 साल 7 महीने होने पर पात्रता नहीं बनती।

  • मृत्यु पर अपवाद: यदि कर्मचारी की सेवा के दौरान मृत्यु हो जाती है, तो सेवा की न्यूनतम शर्त लागू नहीं होती – कंपनी को नॉमिनी को भुगतान करना होता है।

ग्रेच्युटी कैलकुलेशन का तरीका

ग्रेच्युटी की गणना के लिए एक तय फॉर्मूला है:

ग्रेच्युटी = (अंतिम बेसिक सैलरी × कार्यकाल के वर्ष) × 15 / 26

यहाँ, 26 दिन का महीना मानकर कैलकुलेशन किया जाता है क्योंकि रविवार को छुट्टी मानकर सप्ताह के केवल 6 दिन ही माने जाते हैं।

उदाहरण 1:

मान लीजिए किसी कर्मचारी की आखिरी बेसिक सैलरी ₹50,000 है और उसने कंपनी में 20 साल तक काम किया:

  • 50,000 × 20 = ₹10,00,000

  • 10,00,000 × 15/26 = ₹5,76,923 (लगभग)

उदाहरण 2:

अगर किसी कर्मचारी की लास्ट सैलरी ₹50,000 है, लेकिन उसमें बेसिक सैलरी केवल ₹25,000 है, तो कैलकुलेशन इस आधार पर होगा:

  • 25,000 × 20 = ₹5,00,000

  • 5,00,000 × 15/26 = ₹2,88,462 (लगभग)

जरूरी बातें जो हर कर्मचारी को पता होनी चाहिए:

  • प्राइवेट कर्मचारियों के लिए महंगाई भत्ते (DA) को ग्रेच्युटी में नहीं जोड़ा जाता, सिर्फ बेसिक सैलरी मानी जाती है।

  • कई कंपनियां ग्रेच्युटी की राशि पहले से तय कर देती हैं, खासकर कॉर्पोरेट फर्म्स में।

  • नौकरी छोड़ने, रिटायरमेंट या मृत्यु – सभी स्थितियों में ग्रेच्युटी का प्रावधान अलग-अलग नियमों से जुड़ा होता है।

 

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