Edited By Rohini Oberoi,Updated: 11 Jul, 2025 12:36 PM

हिमाचल प्रदेश में प्राकृतिक आपदाओं का सिलसिला जारी है। आज सुबह चंबा जिले में भूकंप के हल्के झटके महसूस किए गए जिसकी तीव्रता रिक्टर स्केल पर 3.5 मापी गई। गनीमत रही कि फिलहाल किसी तरह के जान-माल के नुकसान की कोई खबर नहीं है लेकिन इन झटकों से लोग एक...
नेशनल डेस्क। हिमाचल प्रदेश में प्राकृतिक आपदाओं का सिलसिला जारी है। आज सुबह चंबा जिले में भूकंप के हल्के झटके महसूस किए गए जिसकी तीव्रता रिक्टर स्केल पर 3.5 मापी गई। गनीमत रही कि फिलहाल किसी तरह के जान-माल के नुकसान की कोई खबर नहीं है लेकिन इन झटकों से लोग एक बार फिर सहम गए।
सुबह 6:23 बजे आया भूकंप
भूकंप के झटके सुबह 6 बजकर 23 मिनट पर महसूस हुए और ये कुछ सेकंड तक रहे। इसका असर चंबा के साथ-साथ आसपास के इलाकों में भी महसूस किया गया। शिमला मौसम विज्ञान केंद्र के मुताबिक भूकंप का केंद्र चंबा में 32.36 डिग्री उत्तरी अक्षांश और 76.18 डिग्री पूर्वी देशांतर पर रहा और इसकी गहराई ज़मीन की सतह से 5 किलोमीटर नीचे दर्ज की गई। भूकंप के दौरान सुरक्षित रहने के लिए खुले मैदान में जाना, मजबूत फर्नीचर के नीचे छिपना या दीवारों से दूर रहना सुरक्षित माना जाता है।
प्राकृतिक आपदाओं से पहले से जूझ रहा है हिमाचल
यह गौरतलब है कि हिमाचल प्रदेश पहले से ही प्राकृतिक आपदाओं की मार झेल रहा है और लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। 20 जून को मानसून की शुरुआत के बाद से राज्य में सामान्य से 30 प्रतिशत अधिक बारिश हुई है। इस दौरान भारी बारिश के साथ-साथ बाढ़ की 31 घटनाएँ, बादल फटने की 22 घटनाएँ और 17 भूस्खलन हुए हैं जिनमें कई लोगों की जान चली गई और इमारतों, कृषि भूमि और जंगलों को भारी नुकसान पहुंचा है।
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इन आपदाओं के कारण राज्य को अब तक लगभग 740 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। कुल 85 लोगों की मौत हुई है जिनमें से 54 की मौत बारिश से संबंधित घटनाओं में और 31 की मौत सड़क दुर्घटनाओं में हुई है। वहीं 129 लोग घायल हुए हैं जबकि 34 लोग अब भी लापता हैं।
दिल्ली-एनसीआर में गुरुवार को भी आया था भूकंप
आपको बता दें कि इससे पहले गुरुवार को दिल्ली-एनसीआर में भी सुबह करीब 9 बजे दो बार भूकंप के तेज़ झटके महसूस किए गए थे। इनका केंद्र हरियाणा के झज्जर जिले में था जिनकी तीव्रता रिक्टर स्केल पर 4.4 और 3.0 दर्ज की गई थी। भूकंप का केंद्र झज्जर शहर से 10 किलोमीटर उत्तर में था जिसकी गहराई ज़मीन से 10 किलोमीटर नीचे मापी गई थी।
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क्यों आता है भूकंप?
भूकंप वैज्ञानिकों के अनुसार हमारी धरती की सतह मुख्य रूप से सात बड़ी और कई छोटी टेक्टोनिक प्लेट्स से बनी है। ये प्लेट्स लगातार हरकत करती रहती हैं और अक्सर आपस में टकराती हैं। इस टक्कर के परिणामस्वरूप प्लेट्स के कोने मुड़ सकते हैं और अत्यधिक दबाव के कारण वे टूट भी सकती हैं। ऐसे में नीचे से निकली ऊर्जा बाहर की ओर फैलने का रास्ता खोजती है और यही ऊर्जा जब ज़मीन के अंदर से बाहर आती है तो भूकंप आता है।